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सुपर कमांडो ध्रुव और नागराज का संग्राम: आज़ादी के दौर की अनोखी कहानी। (Sangram Comics: Nagraj & Dhruv’s Epic Battle in the Era of Independence.)

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जब नागराज और ध्रुव ने 1945 में लड़ी आज़ादी की जंग। (When Nagraj & Dhruv Fought for Freedom in 1945.)

सभी मित्रों को भारत के ७९वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। यह आज़ादी मुफ़्त की नहीं है, सैंकड़ो लोगों में इस देश के लिए बलिदान दिया है और आज भी भारत की सेना दुश्मनों के दांत खट्टे करने में एक पल नहीं चूकती है। विश्व के तात्कालीन हालत शायद थोड़े नाजुक दिखाई पड़ सकते है एवं इस दौर में राष्ट्र के हर नागरिक का भी यह कर्तव्य है कि अपने माटी के लिए जो बन सकता है वो करें, क्योंकि देशसेवा और उसकी रक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ फ़ौज या पुलिस की नहीं अपितु यहाँ बसने वाले हर नागरिक की भी है। समय है कि सुपरहीरोज की तरह चौकन्ना रहा जाए और आस-पास हो रहे किसी भी संदिग्ध गतिविधियों को अधिकारीयों के ध्यान में लाया जाए। राज कॉमिक्स भी स्वतंत्रता के ‘संग्राम’ में अपना सहयोग कर चुकी है। कॉमिक्स के पृष्ठों में ही सही लेकिन देशप्रेम और राष्ट्रभक्ति का जबरदस्त मेलजोल इस कहानी में देखने को मिलता है जहाँ एक बार फिर नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव अंग्रेजो से लोहा लेते है।

Sangram - Nagraj & Super Commando Dhruva - Raj Comics
Sangram – Nagraj & Super Commando Dhruva – Raj Comics

कॉमिक्स बाइट फैक्ट्स: संग्राम – राज कॉमिक्स (Comics Byte Facts: Sangram – Raj Comics)

संग्राम सिर्फ एक कॉमिक्स नहीं, बल्कि एक सिनेमैटिक अनुभव है। इसे लिखा और चित्रित किया था कॉमिक बुक लीजेंड श्री अनुपम सिन्हा जी ने, साथ में थे इलस्ट्रेटर श्री विनोद कुमार और श्री सुनील पाण्डेय, इस जोड़ी के यादगार कार्य की फेरहिस्त में ‘संग्राम’ भी शामिल है। राज कॉमिक्स के क्रिएटिव टीम का अभूतपूर्व कार्य और गजब के तालमेल का बेहतरीन उदाहरण है यह राज कॉमिक्स विशेषांक।

इस कहानी में नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव एक बार फिर से साथ नजर आते हैं, और इसमें कई यादगार किरदार भी शामिल हैं, जैसे, नाग्द्वीप के बाल सम्राट विषांक, विसर्पी, भारती और श्वेता। खास बात यह है कि इसमें खलनायक ‘स्काडा’ (एक एलियन) नागराज को इतिहास में भेज देता है, सीधा 1940 के दौर में, जब भारत आज़ादी की दहलीज पर था।

उस समय नागराज को ‘बागी राज’ की उपाधि मिलती है जिस पर ब्रिटिश सरकार में २५००० रूपये का ईनाम रखा है। दूसरी तरफ एक ब्रिटिश खलनायक ‘क्रुएलर’ आज़ादी की लड़ाई को कुचलने की कोशिश करता है, और उसे रोकने के लिए नागराज और ध्रुव मिलकर मोर्चा संभालते हैं। कॉमिक्स में एक्शन, इमोशन और देशभक्ति का जबरदस्त मेल है। अनुपम जी ने 1945 के आज़ादी के माहौल और बैकग्राउंड को बेहद शानदार तरीके से पेश किया है। संग्राम डबल-फोल्डेड कवर्स कवर के साथ आई थी, जिसकी प्रिंट क्वालिटी और आर्टवर्क देखने लायक है। साथ ही एक मैगनेट स्टीकर भी इसके साथ मुफ़्त मिला था और कीमत थी मात्र 25/- रूपये।

अगर आप राज कॉमिक्स के पुराने स्वर्णिम दौर की यादों में खोना चाहते हैं, तो संग्राम जरूर पढ़ें, जहाँ कॉमिक्स के पन्नों पर आज़ादी की जंग भी लड़ी गई थी। आभार – कॉमिक्स बाइट!!

पढ़े: कॉमिक्स बाइट फैक्ट्स: नागराज का सफर – राज कॉमिक्स (Comics Byte Facts: Nagraj Ka Safar – Raj Comics)

Nagraj Complete Set of All 32 General Comics | Raj Comics

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