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अवशेष – कॉमिक्स समीक्षा (Avshesh – Raj Comics)

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नमस्कार मित्रों, आज हम चर्चा करेंगे एक ऐसे कॉमिक्स की जो आज से करीब 10 साल पहले प्रकाशित हुई थी. जिसकी काफी फैन फोल्लोविंग भी है और कई कॉमिक्स प्रेमियों को वह पसंद भी नहीं है, कोशिश करेंगे की आज हम अपने कॉमिक्स समीक्षा में इन्हीं पक्षों को उजागर करें. स्वागत है सभी कॉमिक्स प्रेमियों का ‘राज रजत वर्ष‘ में प्रकाशित कॉमिक्स ‘अवशेष’ के कॉमिक्स समीक्षा में.

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राज कॉमिक्स
अवशेष कॉमिक्स का विज्ञापन – (गेम ओवर)
अवशेष (Avshesh)

अवशेष कॉमिक्स जो की एक राज कॉमिक्स विशेषांक थी इसे वर्ष 2010 को राज कॉमिक्स ने प्रकाशित किया था और इस कॉमिक्स में पाठकों को राज कॉमिक्स के महानायक – नागराज एवं बुद्धिशाली – सुपर कमांडो ध्रुव, दोनों का मेल देखने को मिला. जब भी ये दोनों नायक एक साथ आएं तो धमाका होना निश्चित है, चाहे वो नब्बे के दशक की “नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव” हो या वर्ष 1996 में “राजनगर की तबाही”. दोनों ने हर बार आग ही लगाई है और पाठकों का जबरदस्त मनोरंजन किया है.

नाम: अवशेष (राज कॉमिक्स विशेषांक) संख्या: 2430 वर्ष: 2010 प्रकाशन: राज कॉमिक्स मूल्य: 50

Avshesh Series - A Panel From Comics - Nagraj
अवशेष कॉमिक्स से एक पैनल
आर्टवर्क – अनुपम सिन्हा
टीम

कथा लिखी है श्रीमती जॉली सिन्हा जी और श्री अनुपम सिन्हा जी ने, चित्रांकन किया है स्वयं अनुपम जी ने, इंकिंग की श्री विनित सिद्धार्थ और सागर थापा जी ने, कैलीग्राफी में हरीश शर्मा का कार्य है, इफेक्ट्स पर कार्य किया है शादाब जी और सुनील दास्तुरिया जी ने, संपादक है श्री मनीष गुप्ता जी एवं इसे पेश किया है हमारे गब्बर ‘युग्म’ श्री संजय गुप्ता जी ने.

आर्टवर्क – श्री अनुपम सिन्हा एवं साभार – राज कॉमिक्स

Avshesh Comics - Cover
अवशेष कॉमिक्स का आवरण

कॉमिक्स का आवरण बेहद जानदार बना है और ये आपको नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव के एक 2 इन 1 कॉमिक्स ‘विनाश’ की याद जरुर दिलाएगा जहाँ ‘पुरानी नगरी’ का उल्लेख मिलता है और कवर में मौजूद सरीसर्प जैसे दैत्याकार जीव भी. हालाँकि आवरण पर नागराज और ध्रुव के साथ उस जीव पर बैठी एक आकृति भी नज़र आ रही है जो नागराज का ही एक प्रतिरूप जैसी दिख रही है. कवर बनाया अनुपम जी ने और इस पर इंकिंग की है जगदीश कुमार जी ने.

प्लाट

कहानी की शुरुवात होती है रणदौड़ा के प्राचीन खंडहरों से जहाँ पर कुछ पुरातत्वविदों की मृत्यु हो जाती है. वहीँ दूसरी ओर ध्रुव अपने परिवार के साथ इंग्लैंड के हीथ्रों हवाई अड्डे से एक चार्टर विमान में बैठ कर वापस राजनगर आ रहा है. राजनगर आते ही वहां भयानक भूकंप के झटके पड़ने लगते है और हर तरफ तबाही का मंज़र नज़र आने लगता है. इस भूकंप का प्रभाव महानगर में भी पड़ता है जहाँ नागराज लोगों की मदद करता है.

ध्रुव को हवाई अड्डे पर विमान लैंड कराने का मौका नहीं मिलता क्योंकि वहां काफी टूट फूट हुई है, वह अपने विमान को आगे ले जाता है जहाँ समुद्र है. इससे पहले की ध्रुव का विमान लैंड करता एकाएक समुद्र की गहराई से एक रहस्यमयी नगरी प्रकट होती है. ध्रुव अपना विमान वहां पर लैंड करा कर अपने परिवार को वापस राजनगर रवाना करता है और वह खुद वहां पर छानबीन करने के लिए रुक जाता है.

Avshesh Series - A Panel From Comics
अवशेष सीरीज से एक पैनल

इधर मिस्टर शाह यानि नागराज की सिक्योरिटी एजेंसी को सरकार इस रहस्मयी नगरी की सुरक्षा का जिम्मा सौंपती है. नागराज अपनी टीम के साथ इस नगर में कदम रखता है और फिर होते है बड़े ही अनोखे किस्से एवं लड़ाईयां. जिन्हें पढ़कर आपका भी दिमाग घूम जाएगा.

कहानी एवं आर्टवर्क

कहानी की बात करूँ तो ये आम नागराज और ध्रुव की कहानियों से काफी पेचीदा है, क्योंकि जो दिखता है जरूरी नहीं की वही सच हो. 74 पृष्ठों में कहानी आपको काफी हद तक जकड़ लेती है और साइंस के एक महान प्रयोग का भी यहाँ जिक्र होता है. इसकी कहानी यहीं समाप्त नहीं होती बल्कि इसके दो और भाग है जिसका नाम है “चुनौती” और “हैड्राॅन” एवं इनमें कई प्लाट ट्विस्ट है जिसकी चर्चा हम अपने अगले आलेख में करेंगे. राज कॉमिक्स (Raj Comics) के पाठकों में यह अवशेष सीरीज (Avshesh Series) के नाम से भी प्रसिद्द है.

Avshesh Series - A Panel From Comics - Super Commando Dhruv
आर्टवर्क – अनुपम सिन्हा
सुपर कमांडो ध्रुव – अवशेष कॉमिक्स

यहाँ पर आपको यह भी बता दूँ की कई पाठक इन ट्विस्ट को समझ नहीं पाए या उन्हें ऐसी कहानियों में वो स्वाद नहीं मिलता जो एक पुराना कॉमिक्स प्रेमी ढूंढता है, इसी कारण कई कॉमिक्स प्रेमियों इस सीरीज की कहानी नापसंद भी है.

अवशेष का आर्टवर्क बनाया है श्री अनुपम सिन्हा जी ने, लेकिन कई जगह आपको ये लगेगा ही नहीं की ये उनका आर्टवर्क है. इसका श्रेय शायद इंकिंग टीम को जाएगा क्योंकि श्री विनोद कुमार की इंकिंग में उनका आर्टवर्क और भी निखर कर आता है, हालाँकि कहानी के साथ आगे बढ़ते बढ़ते कई जबरदस्त पैनल और फ्रेम्स देखने को मिलते है.

राज रजत वर्ष

वर्ष 2010 को राज रजत वर्ष की उपाधि दी गई. राज कॉमिक्स ने इस साल गौरवशाली 25 वर्ष इस कॉमिक्स इंडस्ट्री में पूरे किए. इन पच्चीस सालों में राज कॉमिक्स ने पाठकों का स्वस्थ मनोरंजन करने की भरपूर कोशिश की और एक हद तक वो इसमें बेहद सफल रहे. यहाँ हर किसी के लिए पठन सामग्री थी.

Raj Rajat Varsh 2010
राज रजत वर्ष 2010

सुपरहीरो में नागराज/ध्रुव/डोगा/भोकाल/भेड़िया/बांकेलाल जैसे शानदार किरदार. हॉरर, जनरल, राजा रानी, बोध कथा, रहस्य-रोमांच, फंतासी एवं हास्य व्यंग में डूबी कहानियाँ और चित्रकथाओं की भरमार. आज के मनोरंजन के माहौल से बेहतर वो पुराना दौर था तो राज रजत वर्ष मानना तो बिलकुल बनता था. हर कॉमिक्स के कवर पर चमकीले अक्षरों में आप इसे लिखा देख सकते थे.

Avshesh Series - A Panel From Comics
अवशेष – राज कॉमिक्स

लेकिन कहानी अभी समाप्त नहीं हुई है अभी तो आपको “चुनौती” मिलनी बाकी है, इंतज़ार करें – आभार, कॉमिक्स बाइट!!

अवशेष सीरीज को खरीदने के लिए लिंक पर क्लिक कीजिये – राज कॉमिक्स अवशेष सीरीज

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