कॉमिक्स समीक्षा: यज्ञा 3 – मौत का सौदागर (बुल्सआई प्रेस) – (Comics Review – Yagyaa 3 – The Reaper Of Souls – Bullseye Press)
अनादि अभिलाष (Anadi Abhilash) जी का ताल्लुक ‘कोयला नगरी’ धनबाद, झारखंड के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं । हालांकि इनकी प्रारंभिक शिक्षा, हाई स्कूल और +2 की शिक्षा झारखंड के ही सिमडेगा, जमशेदपुर और रांची से हुई । राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्गापुर से बी.टेक की डिग्री प्राप्त की और मुंबई में कार्यरत हैं । काॅलेज के दिनों से ही राष्ट्रीय स्तर पर नाटक, नुक्कड़ करते आए हैं और मुंबई में विहंगम थियेटर ग्रुप से जुड़े हुए हैं । स्वरदीपिका नाम से इनकी एक प्राॅडक्शन वेंचर भी कार्यशील है । बचपन के दिनों से ही काॅमिक्स में विशेष रूचि है और भारतीय काॅमिक्स इंड्रस्टी के उत्थान के लिए कुछ कर गुजरना चाहते हैं और प्रयासरत भी हैं । इनका मानना है कि अगर आप और हम मिलकर संकल्प लें तो भारतीय काॅमिक्स इंड्रस्टी बुलंदियों को छू सकती है ।
कॉमिक्स समीक्षा: यज्ञा 3 – मौत का सौदागर (बुल्सआई प्रेस) – (Comics Review – Yagyaa 3 – The Reaper Of Souls – Bullseye Press)
नमस्कार दोस्तों, आखिरकार बुल्सआई प्रेस के चर्चित किरदार यज्ञा की तीसरी काॅमिक्स लंबे इंतजार के बाद प्रकाशित की जा चुकी है । यज्ञा हिंदी पाठकों के बीच काफी लोकप्रिय भी है , तो आईए चर्चा करते यज्ञा की नई कहानी “मौत का सौदागर” की ।
कहानी (Story)
प्रज्ञा पराशर काॅमिकोन इवेंट के लिए मुंबई आती है और इसी बीच शहर में हत्याओं का रहस्यमयी सिलसिला जारी रहता है । यज्ञा का मुकाबला एक प्राचीन असुर जाति से होता है और प्रशासन यज्ञा की मौजूदगी की वजह से उसे ही शक की नज़रों से देखने लगता है । फिर क्या हुआ इसका नतीजा , ये तो आप काॅमिक्स पढ़कर खुद ही जान लें ।
प्री-आर्डर की जानकारी लें – यज्ञा और मौत का सौदागर
टीम (Team)
यज्ञा के पिछले दो भागों में श्री नितिन मिश्रा जी ने कहानी लिखी थी और इस बार कहानी श्री सुदीप मेनन जी ने लिखी है । इटली की उभरती चित्रकार सुश्री गिएडा बेलवीसो ने चित्रांकन और रंग सज्जा में कोई कसर नहीं छोड़ी है । हिंदी रूपांतरण, शब्दांकन श्री मंदार गंगेले जी की है और ग्राफिक डिजाइनिंग श्री गौरव गंगेले जी ने की है । अंग्रेजी संस्करण में आवरण चित्र सुश्री गिएडा और मोरिशियो ने की है । हिंदी संस्करण में आवरण चित्र श्री दिलदीप सिंह , स्याही श्री जगदीश कुमार और आवरण रंगसज्जा श्री संतोष पिल्लेवार की है । संपादक व प्रकाशक श्री रविराज आहूजा हैं, अतिथि संपादक सुश्री नताशा सरकार हैं, साथ ही सुश्री लाॅरा को विशेष धन्यवाद व्यक्त किया गया है । काॅमिक्स के साथ श्री लक्ष्मण सिमरे द्वारा बनाया गया दो पेजों का कार्टून स्ट्रीप मुफ्त दिया जा रहा जो बुल्सआई युनिवर्स पर आधारित है ।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : बुल्सआई प्रेस
पेज : 36
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 199/- (हिंदी, अंग्रेजी) – वर्जिन कवर 299/-
कहां से खरीदें : Bullseye Press & (Comics Adda स्पेशल वैरिएंट)
काॅमिक्स के कुछ वैरिएंट एडिशन भी सीमित मात्रा में छापे गए हैं । वर्जिन कवर वैरिएंट में आवरण चित्र व रंगसज्जा श्री आदित्य दामले जी की है । साथ ही ब्लैंक कवर एडिशन में आप अपने पसंदीदा चित्रकार से चित्र बनवा सकते हैं । ये दोनों बुल्सआई के साईट पर ही उपलब्ध है । इसके अलावा आप काॅमिक्स अड्डा के साईट से काॅमिक्स अड्डा वेरियंट ऑर्डर कर सकते हैं, जिसमें आवरण चित्र व रंगसज्जा सुश्री माॅरिशियो की है । आप इस वेरिंयट में विशेष अनुरोध पर श्री निलेश मकवाने जी के हस्ताक्षर भी ले सकते हैं ।
निष्कर्ष (Conclusion)
हालांकि कहानी में खास नयापन नहीं है लेकिन लेखन बेहतरीन है । इस बात को लेकर थोड़ी निराशा होती है कि दूसरे भाग में कहानी जहां खत्म हुई, कहानी वहां से आगे न बढ़ाकर अलग ही कहानी लिखी गई है । काॅमिक्स के उपसंहार में एक ऐसा सरप्राइज है जो अगले भाग के इंतजार के लिए विवश कर देती है । हर बार की तरह काॅमिक्स में कहानी पूरी की गई है ।
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