त्रिफना – नागराज – राज कॉमिक्स समीक्षा (Trifana – Nagraj – Raj Comics Review)

वर्ष 1986 को कॉमिक्स जगत को एक ऐसा नायक प्राप्त हुआ जिसने भारत के कॉमिक्स जगत के नायकों की छवि ही बदल कर रख दी। एक ऐसा पात्र जो अपराध एवं अपराधियों का काल था, महादेव का भक्त और समस्त विश्व के सर्पों का सम्राट जिसे कॉमिक्स प्रशसंकों का आपार स्नेह और प्रेम प्राप्त हुआ और वो कहलाया आतंकवादी गिरोहों की तबाही का देवता नाग सम्राट – “नागराज” (Nagraj)। जिसके जीवन का एकमात्र उद्देश्य था की पूरे विश्व से आतंकवाद और अपराधियों का समूल नाश एवं उसके इस सफ़र में साथ होते है उसके कई मित्र और बनते है नए साथी। इसे ‘द स्नेकमैन‘, ‘नागसम्राट‘ और बच्चों के दोस्त ‘नागराज‘ के नाम से भी जाना जाता है जिसने कॉमिक्स जगत में कई कीर्तिमान स्थापित किए।
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त्रिफना: विवाह की वेदी या विनाश की घड़ी? (Trifna: A Sacred Wedding or the Eve of Destruction?)
राज कॉमिक्स की ‘त्रिफना’ श्रृंखला की तीसरी कड़ी ‘त्रिफना’, वर्ष 2000 में प्रकाशित हुई, उसी दौर में जब “डोगा ईयर” चल रहा था और हर कॉमिक्स में एक्शन अपने चरम पर था। यह कड़ी सीधे वहीं से शुरू होती है जहाँ ‘नागद्वीप’ समाप्त हुई थी! कालदूत और नागराज आमने-सामने? लेकिन क्या यह लड़ाई सिर्फ विसर्पी के लिए है, या इसके पीछे छिपा है नागपाशा और गुरुदेव का गहरा षड्यंत्र? और क्या विसर्पी और नागराज का विवाह ही नागद्वीप को चमत्कारी अंकुश की कैद से मुक्त कर सकता है एवं महाखलनायकों खतरनाक इरादों को विफ़ल? जानने के लिए पढ़ें हैरतअंगेज एक्शन और कुटिल चालों से भरपूर त्रिफना कॉमिक्स के ज्वलंत पृष्ठों को!

कहानी जारी है मृत्युदंड और नागद्वीप कॉमिक्स के बाद, इस कॉमिक्स राज काॅमिक्स ने प्रकाशित किया था, जैसा कि आप जानते हैं की मृत्यु दंड और नागद्वीप काॅमिक्स में नागराज का खजाना चोरी हो जाता है और नगीना के पास एक चमत्कारी अंकुश आ जाता है, इसके बाद वह एक-एक करके यक्ष राक्षस गरलगंट एव॔ कालदूत और यहां तक की नागद्वीप के इच्छाधारी नागों को भी अपना गुलाम बना लेती है, नागद्वीप का अगली सम्राज्ञी बनने का सपना लिए उसे विसर्पी को अपने रास्ते से हटाना है। कालदूत नगीना की आज्ञा पर हमला कर देते हैं और वो मौका पाकर भाग कर महानगर आ जाती है जहाँ उसे नागराज की मदद की दरकार है। दूसरी ओर गुरुदेव और नागपाशा भी वेदाचार्य से नागद्वीप का पता पूछने में सफल हो जाते हैं। भारती और वेदाचार्य ‘केंटूकी’ को पछाड़कर वापस महानगर पहुंच जाते हैं जहां महानगर में नागराज की कालदूत से सीधी टक्कर होती है और कहानी वहीँ से आगे जारी है ‘त्रिफना’ कॉमिक्स में। क्या नाराज कालदूत को रोक पाएगा? क्या है नागमणियों और त्रिफना मूर्ति का रहस्य? खुलेंगे रहस्य की सभी त्रिफना कॉमिक्स में!
कहानी (Story)
कहानी की बात की जाए तो कहानी वहीं शुरू होती है जहां पर नागद्वीप पर में खत्म हुई थी, कालदूत और नागराज आपस में लड़ रहे हैं और एकएका कालदूत उग्र होकर नागराज पर प्राण घातक हमला करने लगते हैं, हालांकि उनका कॉन्शियस माइंड अभी भी यह कह रहा है कि वह इन्हें जानते हैं लेकिन क्योंकि वह चमत्कारी अंकुश के सम्मोहन में थे इसलिए वह कैसे भी करके अपने जानने वालों पर भी घातक प्रहार करने से रोक नहीं पा रहे थे। दादा वेदाचार्य नागराज की सहायता करने की कोशिश करते हैं लेकिन कालदूत के प्रचंड प्रहार से वह भी मूर्छित हो जाते हैं।

फिर भी नागराज अपने बुद्धि और विवेक एवं देव कालजयी के चमत्कारी नागफनी सर्पों की मदद से महात्मा कालदूत को पराजित करने में सफल हो जाता है। अंकुश से मुक्त होकर सभी इस परिस्थिति को समझते है और निर्णय लेते है कि यह सभी नगीना, गुरुदेव और नागपाशा की कुटिल चालें है और वह सभी किसी भी तरीके से इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे। साथ ही नागद्वीप से नाग तांत्रिक नगीना को हटाना पड़ेगा। सभी दो टीमों में वह विभाजित हो जाते हैं, वेदाचार्य और फेसलैस, गुरुदेव एवं नापाशा की खोज में जाते हैं और दूसरी तरफ विसर्पी, नागराज एवं कालदूत राजदडं की खोज करते हैं ताकि नागद्वीप की प्रजा को चमत्कारी अंकुश से मुक्त कराया जा सके।
ख़ोज जारी ही रहती है लेकिन तभी वहां नगीना आ जाती है एवं वह नागराज और विसर्पी पर हमला कर देती है, कालदूत भी चमत्कारी अंकुश से बचने का प्रयास करते हैं, नागराज बलपूर्वक नगीना को लगभग अपने कब्जे में ले ही लेता है लेकिन तभी वहां पर ‘पंचनाग’ आ जाते हैं और नागराज की उनसे खतरनाक टक्कर होती है। नागराज अपने बुध्दिबल का प्रदर्शन करके उन्हें हराने में सक्षम तो होता है लेकिन नगीना अंकुश से बार-बार नागराज के साथियों पर हमला जारी रखती है। नागराज उस अंकुश को नगीना के हाथ से गिरने में सफल होता है लेकिन नागद्वीप की प्रजा (जो अंकुश के आधीन थीं) नागराज पर हमला कर देती है।

यहां पर वेदाचार्य और फेसलैस भी नाग तांत्रिक विषंधर से टकरा जाते हैं, साथ ही एक जबरदस्त युद्ध नागपाशा और गुरुदेव के साथ भी होता है। अब सवाल यह है की क्या नागराज और वापस नागद्वीप की प्रजा को उस चमत्कारिक अंकुश से मुक्त करा पाया? क्या गुरुदेव और नागपाशा अपने षड्यंत्र में सफल हो पाए? और क्या रहस्य था इस तरफ त्रिफना मूर्ती और उनके तीन रतनों का? और उसके बचाव का जो तरीका था वह था विसर्पी और नागराज का विवाह! तो क्या यह विवाह पूरा हो पाया सभी प्रश्नों के उत्तर मिलेंगे त्रिफना में।
टीम (Team)
- कहानी: जॉली सिन्हा जी
- चित्रांकन: अनुपम सिन्हा जी
- इंकिंग: विनोद जी और कांबले जी
- रंग और लेखन संयोजन: सुनील पाण्डेय जी
- संपादक: मनीष गुप्ता
- प्रस्तुति: संजय गुप्ता
टीम की बात करूं तो वही टीम है जी पूरी श्रृंखला में काम कर रही थी। अनुपम सिन्हा जी की चित्रकारी बहुत ही शानदार है, साथ ही संपूर्ण टीम वही है और सभी का काम बढ़िया है। आवरण बड़ा ही सुंदर बना है जिसमें नागराज और विसर्पी का विवाह हो रहा है, पीछे नागपाशा है और वह जो फेरे होते हैं शादी के, उसको तोड़ने की कोशिश कर रहा है एवं एक हाँथ में उसके त्रिफना की मूर्ती है तो दूसरे में नाग्द्वीप का राजदंड। कॉमिक्स में अनुपम-विनोद जी का जबरदस्त जुगलबंदी है जो पूरी श्रृंखला में बहुत ही कंस्सिटेंट है।

संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : राज कॉमिक्स
पेज : 60
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 120/- से 160/-
भाषा : हिंदी
कहां से खरीदें : अमेज़न
निष्कर्ष (Conclusion)
कॉमिक बुक में काफी सारे स्प्लैश पेजेज है, कहानी भी शानदार है जो बहुत तेजी से आगे बढ़ती है, बहुत सारे नागराज के जीवन के कैरेक्टर/पात्र इस कॉमिक्स में दोबारा दिखाई पड़ते हैं इस कारण आपका इंटरेस्ट कॉमिक्स बना रहता है और इसका एक अगला भाग भी है जिसका नाम है ‘महायुद्ध’ और यह इस श्रृंखला की अंतिम कॉमिक्स है। यहां पर नागराज को बहुत ही अलग अवस्था में दिखाया गया है जो समापन करता है इस शानदार त्रिफना श्रृंखला का, साथ ही इस बार ग्रीन पेज में कुछ जानकारी है ‘राज कॉमिक्स मैराथन’ की और वृहद् पायजन पोस्ट के काॅलम है, इसमें काफी लोगों के पत्र व्यवहार यहां पर दिखाए गए हैं। इसमें विज्ञापन बड़े कम थे। महायुद्ध कॉमिक्स का एक खतरनाक सा विज्ञापन भी साझा किया गया है, अंततः कहानी बहुत बढ़िया है, आर्टवर्क जबरदस्त है, कॉमिक्स में सस्पेंस है, सभी डिटेल्स है जो आपको बांधे रखने में सक्षम है। जरुर पढ़ें – आभार, कॉमिक्स बाइट!!

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