राज कॉमिक्स विंटेज विज्ञापन: टक्कर (1996) – जब पराक्रमी योद्धा और एटॉमिक परमाणु आमने-सामने आए! (Raj Comics Vintage Ad: Takkar (1996) – When Yoddha and Parmanu came face to face!)
![]()
शक्ति और विज्ञान की सबसे बड़ी टक्कर — योद्धा बनाम परमाणु! (The Ultimate Clash of Power and Science — Yodha vs Parmanu!)
राज कॉमिक्स और कई अन्य कॉमिक्स प्रकाशकों का स्वर्णयुग (Golden Era) 90 का दशक, जब हर बच्चा और किशोर अपने सुपरहीरोज़ के साथ जीता था। 1996 का साल “नागराज वर्ष (Nagraj Year)” के रूप में याद किया जाता है, लेकिन इसी दौर में कुछ ऐसे टू-इन-वन (Two-in-One Comics) कॉमिक्स आए जिन्होंने पाठकों के बीच सुपरहीरो यूनिवर्स को जीवंत कर दिया।

ऐसी ही एक ऐतिहासिक कॉमिक थी “टक्कर” (Takkar) जिसमें महाबली योद्धा और वंडरमैन परमाणु आमने-सामने थे। यह केवल एक कॉमिक्स नहीं बल्कि राज कॉमिक्स की रचनात्मक ऊँचाई और सुपरहीरो क्रॉसओवर की मिसाल थी। कॉमिक बुक लीजेंड स्वर्गीय धीरज वर्मा जी का बेमिसाल कवर भला कौन भूल सकता है और उनके साथ मनु जी का तड़का! एक कॉमिक बुक प्रशंसक को इससे ज्यादा और क्या चाहिए! शायद एक शानदार आर्टवर्क के साथ मुफ़्त ‘ट्रेडिंग कार्ड’। यह आर्ट कॉम्बो मिलना मुश्किल ही नामुमकिन है आज के दौर में, जब हम गर्व से खुद को प्रोग्रेसिव कहते है पर ऐसी ऐतिहासिक कला के कहीं आस-पास भी नहीं है।
🌟 कलाकृति और आकर्षण / Artwork & Appeal:
कॉमिक्स का कवर अपने आप में जबरदस्त है:
- योद्धा अपनी पूरी शक्ति से परमाणु को ज़ंजीरों में जकड़े हुए हैं।
- दोनों के चेहरे के भाव ग़ुस्से, चुनौती और जज़्बे को एक साथ दर्शाते हैं।
रंगों की जीवंतता, पात्रों का एंग्री एक्सप्रेशन और 90s के बोल्ड फोंट्स ये सब मिलकर इसे विंटेज राज कॉमिक्स विज्ञापन (Vintage Raj Comics Cover) बनाते हैं।
⚔️ कहानी और संघर्ष / Story and Clash:
कॉमिक्स “टक्कर” का नाम ही बताता है यह दो महाशक्तियों की भिड़ंत थी। एक ओर थे युद्ध के देवता समान योद्धा (Yoddha), जिनके पास अलौकिक बल, साहस और युद्धकला थी। दूसरी ओर थे विज्ञान के चमत्कार परमाणु (Parmanu), जिनका तकनीकी सूट, ऊर्जा ढाल और उड़ान क्षमता उन्हें किसी भी युद्ध में अजेय बनाती थी।

Art By Manu
कहानी में दोनों नायकों का आपसी टकराव किसी गलतफहमी या परिस्थितियों के कारण होता है, लेकिन बाद में वे मिलकर असली खलनायक “बुद्धिपलट” का सामना करते हैं जो अपनी मानसिक शक्ति और कौशल से दोनों हीरों को चुनौती देता है। यह मुकाबला केवल दो सुपरहीरोज़ का नहीं, बल्कि बल बनाम बुद्धि, शक्ति बनाम विज्ञान का प्रतीक था। विज्ञापन में भी मनु जी ने खलनायक के क्रूरता वाले भाव को बखूबी दर्शाया है और दोनों ही नायक हार मानने को तैयार नहीं दिख रहे है। क्या खूबसूरत डायनामिक विज्ञापन पृष्ठ बना है।
💥 प्रकाशन और विशिष्टता / Publication Facts:
- कॉमिक्सका नाम: टक्कर
- प्रकाशक: राज कॉमिक्स
- वर्ष: 1996
- मूल्य: 16.00
- सीरीज: टू-इन-वन
- नायक: परमाणु और योद्धा
- खलनायक: बुद्धिपलट
- विशेष: इस विशेषांक के साथ एक ट्रेडिंग कार्ड मुफ्त था
- प्रस्तुति: संजय गुप्ता
🔱 क्यों खास है “टक्कर”? / Why Takkar is Special
- यह 90 के दशक की सुपरहीरो यूनिवर्स क्रॉसओवर संस्कृति का शानदार उदाहरण है, जब दो नायक एक दूसरे के साथ कम दिखाई पड़ते थे।
- इसमें विज्ञान और पुराण का संगम दिखता है, एक ओर परमाणु की टेक्नोलॉजी, दूसरी ओर योद्धा की दिव्यता।
- यह वह दौर था जब राज कॉमिक्स अपने चरम पर थी, और हर नया इश्यू एक उत्सव जैसा लगता था।
💭 यादें और प्रभाव / Memories & Legacy
“टक्कर” पढ़ना उस दौर के पाठकों के लिए रोमांच, शक्ति और भारतीय सुपरहीरो भावना का संगम था। योद्धा अपने करिश्मे, संवाद और पराक्रम से हर कॉमिक्स में विशेष आभा लेकर आते थे। “मान्यवर, श्रीमान, आदरणीय” जैसे शब्द उनके संवाद में बड़े ही प्रभावी लगते, उनकी यही “रेस्पेक्टफुल चार्म” आज भी फैंस के दिलों में कायम है।
यह कॉमिक्स न सिर्फ एक कहानी थी, बल्कि 90s के कॉमिक कल्चर का वो अध्याय था जिसे आज भी फैंस “ विंटेज राज कॉमिक्स (Vintage Raj Comics)” के नाम से याद करते हैं। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
पढ़े: मनु की ‘खरोंच’ से ‘राजनगर की तबाही’ तक! (Kharonch To Rajnagar Ki Tabahi – Part 1)




