महायुद्ध – नागराज – राज कॉमिक्स समीक्षा (Mahayudhha – Nagraj – Raj Comics Review)

वर्ष 1986 को कॉमिक्स जगत को एक ऐसा नायक प्राप्त हुआ जिसने भारत के कॉमिक्स जगत के नायकों की छवि ही बदल कर रख दी। एक ऐसा पात्र जो अपराध एवं अपराधियों का काल था, महादेव का भक्त और समस्त विश्व के सर्पों का सम्राट जिसे कॉमिक्स प्रशसंकों का आपार स्नेह और प्रेम प्राप्त हुआ और वो कहलाया आतंकवादी गिरोहों की तबाही का देवता नाग सम्राट – “नागराज” (Nagraj)। जिसके जीवन का एकमात्र उद्देश्य था की पूरे विश्व से आतंकवाद और अपराधियों का समूल नाश एवं उसके इस सफ़र में साथ होते है उसके कई मित्र और बनते है नए साथी। इसे ‘द स्नेकमैन‘, ‘नागसम्राट‘ और बच्चों के दोस्त ‘नागराज‘ के नाम से भी जाना जाता है जिसने कॉमिक्स जगत में कई कीर्तिमान स्थापित किए।
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महायुद्ध – त्रिफना श्रृंखला का विस्फोटक समापन! (Mahayuddha – The Explosive Finale of the Trifna Series!)
“महायुद्ध” – त्रिफना श्रृंखला की अंतिम और सबसे निर्णायक कड़ी, जो राज कॉमिक्स विशेषांक संख्या 213 के रूप में वर्ष 2000 में प्रकाशित हुई थी। एक समय जब राज कॉमिक्स अपनी रचनात्मकता और विविधता के चरम पर थी, यह कॉमिक्स खज़ाने से शुरू हुई महागाथा को ‘युद्ध’ के चरम पर पहुंचाकर पूरी करती है। 20/- मूल्य वाली इस कॉमिक्स की आज की कीमत लगभग 120 – 160 के बीच है और यह कलेक्टर्स के लिए नागराज के खजाने से कम नहीं। महायुद्ध की कहानी वहां से शुरू होती है जहाँ त्रिफना समाप्त हुई थी, लेकिन इस बार कहानी का कैनवास और भी व्यापक हो जाता है – भविष्य में छलांग लगाता नागराज और त्रिफना मणियों से उसका संघर्ष!

कहानी (Story)
त्रिफना मणियों के अधिकारी ‘नागपाशा’ ने नागराज को मणियों की चमत्कारी शक्तियों से एक अंजाने भविष्य में भेज दिया है। अब हम देखते हैं एक वृद्ध मगर अनुभवसंपन्न नागराज को जो आधुनिक अस्त्र-शस्त्रों से लैस एक अजनबी भविष्य में फँसा हुआ। ये आणविक युद्ध के बाद कि दुनिया है, महानगर अब वैसा नहीं रहा, तकनीक उन्नत है, पर मानवता पीछे छूट गई है और सभी लोग घातक भविष्य के हथियारों से लैस। नागराज अपनी सर्प शक्तियों से इन हाई-टेक योद्धाओं से टकराता है, लेकिन स्थिति बिगड़ती जाती है जब उसे गिरफ्तार कर एक रहस्यमयी लोकेशन पर ले जाया जाता है।

वहीं, दादा वेदाचार्य, विसर्पी और भारती ‘नागराज’ की गुमशुदगी को लेकर विचलित हैं। नागद्वीप पर सत्ता संघर्ष भी अपने चरम पर है, नगीना और विषंधर मिलकर कृत्रिम रूप से निर्मित नागद्वीप के नए युवराज को खत्म करना चाहते हैं जिसे गुरुदेव ने अपने वैज्ञानिक अविष्कार के रूप में तैयार किया था और जिसने नागपाशा को नागद्वीप का अघोषित सम्राट बना दिया है। महात्मा कालदूत राजदंड के वचन से बंधें है और नागराज को बचाने के लिए उनके ज्ञान एवं परामर्श की आवश्यकता है।
भविष्य में नागराज का सामना होता है मशरैला नामक भीषण प्राणी से जो एक न्यूक्लियर हमले का परिणाम है, वो दिखता है राक्षसी और हमला करता है मानो काल बनकर! यहाँ पर शानदार स्प्लैश पेज और अनुपम सिन्हा जी की दमदार चित्रकारी इस टकराव को ऐतिहासिक बना देती है। नागराज का मशरैला को हराना काबिलेगौर होता है जो भविष्य को लोगों को उसे देवरूप मानने पर विवश कर देता है। पर क्या भविष्य का सम्राट नागपाशा, नागराज के इस जीत को हार में बदल पाएगा?

वर्तमानकाल, भूतकाल और भविष्यकाल, इन तीनों कालों से बनते है महात्मा कालदूत के तीन रूप, वेदाचार्य और फेसलैस पहले तो अपने तिलिस्मी ज्ञान के माध्यम से नए युवराज से ‘नागपाशा’ का अंश मिटाते है और फिर महात्मा कालदूत राजदंड के आज्ञा से मुक्त हो जाते है। राजकुमारी विसर्पी अपना पदभार फिर से संभाल लेती है और कालदूत के एक रूप महात्मा विष्या त्रिफना मणियों की स्वामिनी होनी-सर्पिणी का अह्वाहन करते है जो नागराज की किसी भी काल में जाकर मदद करने में समर्थ है। होनी-सर्पिणी की मदद से नागराज लौटता है त्रिफना मूर्ति की रक्षा के लिए, लेकिन रास्ता आसान नहीं – उसे भिड़ना है स्वयं मृत्यु के प्रहरी से! क्या होगा इस युद्ध का फल? सभी जवाबों को हल करता है ‘महायुद्ध’ कॉमिक्स।
टीम (Team)
- कहानी: जॉली सिन्हा जी
- चित्रांकन: अनुपम सिन्हा जी
- इंकिंग: विनोद जी और कांबले जी
- रंग और लेखन संयोजन: सुनील पाण्डेय जी
- संपादक: मनीष गुप्ता
- प्रस्तुति: संजय गुप्ता
टीम वही है जी पूरी श्रृंखला में काम कर रही थी। अनुपम सिन्हा जी की चित्रकारी पूरी श्रृंखला में देखने लायक है, विनोद जी की इंकिंग और सुनील जी के सुलेख एवं रंगों से ही 90’s के हर बच्चों ने शानदार अनुभव प्राप्त किए है। कॉमिक्स की गति तेज़ है, कथा गूढ़ है और आर्टवर्क से हर पेज जीवंत हो उठता है। आवरण में दिखाई गई नागराज और नागपाशा एवं कालदूत और नगीना-विषंधर के संयुक्त रूप की टक्कर अच्छी बनी है हालाँकि यह पिछले तीन भागों से उन्नीस ही कही जाएगी।

संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : राज कॉमिक्स
पेज : 60
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 120/- से 160/-
भाषा : हिंदी
कहां से खरीदें : अमेज़न
निष्कर्ष (Conclusion)
“महायुद्ध” त्रिफना श्रृंखला का एक सशक्त और संतोषजनक समापन है, जिसमें नागराज की भावनात्मक गहराई, समय-यात्रा की जटिलता और नागद्वीप की सत्ता-संग्राम की परतें बखूबी गूंथी गई हैं। कहानी तेज़ रफ्तार से आगे बढ़ती है, चित्रांकन प्रभावशाली है और हर पृष्ठ पर रोमांच बना रहता है। यह कॉमिक न केवल त्रिफना श्रृंखला को सार्थक पूर्णविराम देती है, बल्कि नागराज के चरित्र को एक नए रूप में प्रस्तुत भी करती है – एक योद्धा, जो समय, मृत्यु और भविष्य तीनों से लड़ने को तैयार है। यदि आपने इस श्रृंखला के पिछले भाग पढ़े हैं, तो “महायुद्ध” को पढ़े बिना कहानी अधूरी रहेगी।

आज “महायुद्ध” का कलेक्टर संस्करण कई कॉमिक प्रकाशकों से उपलब्ध है और इसका रीप्रिंट भी फैंस के लिए किसी उत्सव से कम नहीं। महायुद्ध कॉमिक्स के अंत में दिखाया गया नया विज्ञापन “अग्रज” श्रृंखला की झलक देता है जिसकी आहट पाठकों को मृत्युदंड कॉमिक्स में देखने को मिली थी। यह दर्शाता है कि राज कॉमिक्स की सृजन यात्रा यहीं नहीं थमती! क्या आपको त्रिफना श्रृंखला पसंद आई?
कमेंट में बताएं – आपका प्रिय भाग कौन सा था? आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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