जंगलिस्तान: जब भिड़े दो हीरो – तिरंगा और भेड़िया! (Janglistan – When Tiranga Clashed with Bhediya in a Misunderstood War of Justice!)
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राज कॉमिक्स की दुर्लभ भिड़ंत – तिरंगा बनाम भेड़िया, 1997 के सुपरहिट एक्शन में! (1997’s explosive face-off from Raj Comics: patriotism vs. primal rage!)
📚 1997 का डबल एक्शन धमाका – जंगलिस्तान
राज कॉमिक्स का वर्ष 1997 खास था — इसे “डबल एक्शन ईयर” कहा गया और उसी साल आया एक ऐसा विशेषांक जिसने पाठकों को चौंका दिया: “जंगलिस्तान”। यह एक ऐसी कॉमिक्स थी जिसमें राज कॉमिक्स के दो धुरंधर महानायक आपस में ही भिड़ते हैं! दोनों राज कॉमिक्स के लोकप्रिय किरदार – “तिरंगा और भेड़िया”, एक गलतफहमी के कारण एक-दूसरे के आमने-सामने आ खड़े होते हैं। इसके विज्ञापन ने ही पाठकों को बेहद उत्सुक कर दिया था कि क्या जंगल के जल्लाद का सामना दिल्ली का जांबाज़ रक्षक कर पाएगा? वैसे राज कॉमिक्स ने डबल एक्शन ईयर नाम शायद इन्ही कॉमिकों को अपने प्लान में रखकर किया होगा।

विज्ञापन में भेड़िया को एक भेड़िया मुख का झंडा लहराते हुए दिखाया गया है जो उसके सुरक्षा का प्रतीक है, जबकि नीचे झुका हुआ तिरंगा अपने तिरंगे को बचा रहा है। यह दृश्य राष्ट्रभक्ति बनाम प्रकृति रक्षक की संघर्षशील प्रतीकात्मकता को बख़ूबी दर्शाता है।
🦁 भेड़िया बनाम तिरंगा – क्यों हुआ टकराव?
भेड़िया, जो असम के जंगलों का रक्षक है, प्राकृतिक जीवन और वन्य प्राणियों का साथी है। वहीं तिरंगा, भारत का राष्ट्रभक्त रक्षक, जो आतंक और देशद्रोह से जूझता है।
जंगलिस्तान में दोनों के बीच टकराव का कारण बनती है एक शातिर तस्कर गैंग, जो वन्यजीवों की तस्करी (Poaching) में लिप्त है। इस गैंग ने ऐसी चाल चली कि भेड़िया को तिरंगा पर शक हुआ, और वह उसे जंगलों के विनाशकारी दुश्मन समझ बैठा।
दूसरी ओर तिरंगा को यह यकीन हो जाता है कि कोई अराजक तत्व देश के शहरों को उजाड़ कर जंगल में बदलना चाहता है। यह भ्रम, यह गलतफहमी — बनती है एक महान संघर्ष की नींव।

🎨 धीरज वर्मा जी की कलाकारी का कमाल
स्व. धीरज वर्मा जी द्वारा रचित इस कॉमिक की कलाकृति अद्भुत है। भेड़िया की क्रूरता, तिरंगा की दृढ़ता और ऐक्शन के सीक्वेंस — सब कुछ इस कॉमिक को एक विज़ुअल मास्टरपीस बनाते हैं। कॉमिक्स का हर पृष्ठ ऊर्जा से भरपूर है, तेज़ घटनाक्रम, झन्नाटेदार एक्शन और तीव्र भावनात्मक संवाद, जो पाठकों को कहानी में बांध लेते हैं।
“जंगलिस्तान” सिर्फ एक एक्शन कॉमिक्स नहीं, यह है:
- गलतफहमी के घातक परिणामों पर आधारित कथा,
- पर्यावरण बनाम विकास की ज्वलंत बहस,
- और अंततः एक सच्चाई की जीत की प्रेरणादायक गाथा।
कहानी जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, असली गुनहगार सामने आता है, और तिरंगा व भेड़िया समझते हैं कि वे एक ही पक्ष के सिपाही हैं — धरती और देश दोनों की रक्षा करने वाले।
🧩 निष्कर्ष: जंगलिस्तान – एक अविस्मरणीय विशेषांक
“जंगलिस्तान” राज कॉमिक्स के सबसे यूनिक क्रॉसओवरों में से एक है, जो आज भी प्रशंसकों की स्मृतियों में जीवंत है। यह न सिर्फ एक्शन देता है, बल्कि समाज, पर्यावरण और देशभक्ति जैसे गंभीर विषयों पर भी सोचने को मजबूर करता है। यदि आपने आज तक यह कॉमिक्स नहीं पढ़ी, तो यह 90 के दशक की धड़कन को महसूस करने का एक सुनहरा मौका है। आभार कॉमिक्स बाइट!!
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