डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 9 (Diamond Comics Vintage Ads)
Diamond Comics Vintage Ads: नमस्कार सभी का एवं स्वागत है हमारे पुराने विज्ञापन की श्रृंखला में, ‘डायमंड कॉमिक्स’ के विंटेज विज्ञापनों पर फिर से डालेंगे एक नज़र लेकिन उससे पहले अगर आप इसके पिछले भाग पढ़ना चाहते है तो इन दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके आप उन्हें पढ़ सकते है –
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 1
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 2
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 3
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 4
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 5
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 6
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 7
- डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 8
पुराने विज्ञापन श्रृंखला (Vintage Ads)
जैसा की आपने हमारे पिछले लेख में पढ़ा था अस्सी के दौर पर कॉमिक्स का सफ़र अपने द्रुत वेग से बढ़ रहा है. “रमन हम एक है” जैसी कॉमिक्स प्रकाशित कर डायमंड कॉमिक्स ने सफलता के नए आयाम गढ़ दिए थे. भारत अपना पहला क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत चुका था श्री कपिल देव के नेतृत्व में, भारत में क्रिकेट की लोकप्रियता में उछाल लाने में 83 के वर्ल्ड कप का बड़ा हांथ रहा है तो चाचाजी भला कैसे पीछे रहते! उसी कड़ी में चाचाजी अपने क्रिकेट के शौक को भी भुना रहे थे जैसा की विज्ञापन से झलकता भी है – “चाचा चौधरी और क्रिकेट मैच“
विवरण: हंसा हंसा कर लोट पोट कर देने वाला कार्टूनिस्ट प्राण का जीवंत चरित्र चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज चलता है और बलशाली साबू जुपिटर का प्राणी है. चाचा चौधरी का दिमाग और साबू की शक्ति हमेशा दूसरों की भलाई के लिए ही प्रयोग की जाती है. उनके कारनामे मनोरंजन के साथ साथ शिक्षाप्रद भी है.
इस कॉमिक्स का मूल्य था 5/- रुपये और पृष्ठ थे 62, इस कॉमिक्स का संख्या क्रमांक था – “D-156”. विज्ञापन में चाचा चौधरी की अन्य कॉमिकों के भी नाम दिए गए है जहाँ पर “चाचा चौधरी और रहस्यमय चोर” एवं “चाचा चौधरी और साबू का बूट” छोड़कर सभी कॉमिक्स का मूल्य 3.50 रुपये दिख रहा है. ऐसा क्यूँ? अगर आप हमारा पिछला विज्ञापन देखें तो पाएंगे की 5 रुपये वाली कॉमिक्स अकसर छुट्टी विशेषांक होती थी और इसमें पृष्ठ भी ज्यादा होते थे ताकि बच्चों को भरपूर मनोरंजन प्रकाशित चित्रकथा कर सकें.
क्रिकेट मैच कॉमिक्स इनसाइट्स
मैंने ये कॉमिक्स पढ़ी है, डायमंड कॉमिक्स ने इसे चाचा चौधरी के डाइजेस्ट में भी छापा था. विदेशी टीम के साथ भारतीय टीम का मैच होता है भारत में और चाचा चौधरी को मैच देखने का निमंत्रण प्राप्त होता है क्रिकेट बोर्ड से. मैच में विदेशी टीम के तेज़ गेंदबाज भारतीय बल्लेबाजों को खतरनाक ‘बॉडी लाइन’ गेंदबाज़ी करके भारत के बल्लेबाजों को चोटिल कर देते है. चाचाजी इस बेईमानी को पचा नहीं पाते और विदेशी टीम के कप्तान से एक करार करते है की अगले मैच में भारत की ओर से मात्र एक ही खिलाड़ी उतरेगा.
अगला मैच बम्बई में आयोजित किया जाता है और भारत के ओर से साबू बल्लेबाज़ी करने मैदान पर उतरता है. बाकी तो आप समझ ही गए होंगे की आगे क्या हुआ. साबू ने विदेशी तेज़ गेंदबाजों को जुहू चौपाटी, भिन्डी बाज़ार और अरब सागर तक छक्कों में समेट दिया. अगर आपको क्रिकेट की जानकारी है तो आप पाएंगे सत्तर और अस्सी के दशक में वेस्ट इंडीज के ४ तेज़ गेंदबाजों का खौफ था विश्व क्रिकेट में जिन पर – ‘फायर इन बेबीलोन’ (Fire In Babylon) नमक डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनी है और वेस्ट इंडीज का ‘पेस अटैक’ अपने घातक बॉडी लाइन गेंदबाज़ी के लिए महशूर था.
सेट डिटेल्स
इसी विज्ञापन के अन्य डायमंड कॉमिक्स के सेट की सूची –
- अंकुर और चालाक चौकीदार
- राजन इक़बाल और आठ करोड़ का हीरा
- मामा भांजा और भैंस की पूँछ
- पलटू और नागराज से टक्कर
“पलटू और नागराज से टक्कर” बड़ी अनोखी लगी मुझे, अभी तक राज कॉमिक्स अस्तित्व में नहीं आयी थी लेकिन अगर आप देखें तो पाएंगे की ‘नागराज से टक्कर’ की कैलीग्राफी उसी अंदाज में की गई है जैसे सर्प अक्सर दिखाई पड़ते है एवं जैसा की नागराज के शुरुवाती अंको में उसका नाम अक्सर लिखा आता था कवर पर, ये मिलता जुलता है नागराज के नाम से भी. एक खास बात और की यह पलटू का दूसरा शानदार अंक था, हालाँकि कॉमिक्स के कवर और विज्ञापन में काफी अंतर नज़र आता है.
डायमंड कॉमिक्स खरीदने के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए – बच्चों की मनपसंद डायमंड कॉमिक्स
ट्रिविया (Trivia)
इस सेट के आते आते डायमंड कॉमिक्स अपने 150 अंक पूरे कर चुकी थी. बेशक क्यूंकि आप ‘चाचा चौधरी और राका‘ का नाम भी दी गई सूची में पढ़ सकते है जो की डायमंड कॉमिक्स का 100 वां अंक भी था. तब आप डायमंड कॉमिक्स को पत्र लिखकर भी सभी प्रकाशित कॉमिकों की सूची निशुल्क मंगवा सकते थे.
अंकुर और महाबली शाका
पिछले पोस्ट में हमने अंकुर और महाबली शाका का जिक्र किया था जिसपर हमने अपने पाठकों से जानकारी मांगी थी. श्री हिमेंद्र सिंह जी डायमंड कॉमिक्स से काफी अर्से से जुड़े हुए है और अगर मैं कहूँ तो आप उन्हें डायमंड कॉमिक्स का विशेषज्ञ भी कह सकते है. उन्होंने कॉमिक्स बाइट को बताया की यह कोई मल्टीस्टार्र कॉमिक्स नहीं थी बल्कि यहाँ अंकुर और महाबली शाका की अलग अलग कहानियों का समावेश था. अंकुर एक पत्रिका थी जहाँ पर कई चित्रकथाओं के साथ रोचक जानकारियाँ भी साझा की जाती थी, अंकुर पर हम अपने अन्य किसी लेख में प्रकाश डालेंगे.
आशा है आज का विज्ञापन और जानकारी आपको पसंद आयी होगी, सभी पाठकों, मित्रों और कॉमिक्स प्रेमियों को दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाइयाँ, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
साभार: कॉमिक्स बाइट आर्काइव्ज, दुर्लभ कॉमिक्स कवर और डायमंड कॉमिक्स
Chacha Chaudhary Comics In English Set of 4 Best and Rare Comics