डेडपूल और वूल्वरिन – मार्वल स्टूडियोज – फिल्म समीक्षा (Deadpool and Wolverine – Marvel Studios – Movie Review)
तेज धार! पंजे और तलवार! मार्वल स्टूडियोज का जबरदस्त प्रदर्शन – डेडपूल और वूल्वरिन की फिल्म समीक्षा! (Sharp Edge! Claws and Swords! Marvel Studios Big Action-Packed Show – Deadpool & Wolverine Movie Review!)
डेडपूल और वूल्वरिन (Deadpool and Wolverine): कॉमिक्स पढ़ना और फिर उन पात्रों की किसी फिल्म में देखना बिलकुल सपने जैसा प्रतीत होता है। कॉमिक्स पाश्चात्य सभ्यता में एक बड़े मनोरंजन का स्त्रोत है जिसने समय के साथ भारत में भी अपने पांव पसारे, विदेशी सुपरहीरोज के आगमन के बाद यहाँ स्वदेशी सुपरहीरोज को भी खूब पढ़ा गया जो सन 2000 के पहले दशक के उत्तरार्ध तक जारी रहा एवं उसके बाद पतन की ओर अग्रसर हो उठा। उसी समय मार्वल स्टूडियोज का उदय हुआ जिसने मार्वल कॉमिक्स का सब कुछ दांव पर लगा कर ‘आयरन-मैन’ नाम की फिल्म पूरे विश्व में प्रदर्शित की जिसे दर्शकों का बड़ा ही जबरदस्त प्रतिसाद मिला, ‘एवेंजर्स’ फिल्म ने इस आग में घी का कार्य किया और उसके बाद ‘हॉलीवुड’ ने सफलता का नया ही अध्याय देखा। कॉमिक्स पाठकों के अलावा इन्हें दर्शकों ने भी खुले ह्रदय से स्वीकार किया। भारत में भले ही आज स्वदेशी सुपरहीरोज कॉमिक्स से फिल्मों तक ना पहुंचे हो पर इन विदेशी सुपरहीरोज की फिल्मों ने हर कॉमिक बुक प्रशंसकों के मन में अपनी जगह ज़रूर बनाई है, जिसमे आज आम नागरिक भी शामिल है। डेडपूल और वूल्वरिन भी इसी पाइपलाइन का हिस्सा है जो मनोरंजन और एक्शन का जबरदस्त संयोजन है। सीधे शब्दों में कहूँ तो मार्वल स्टूडियोज ने एक बार अपनी सफलता का दोहराव किया है जिसे कॉमिक्स पढ़ने और फिल्म देखने वाले दर्शकों के लिए ही बनाया गया है।
Watch Here: Deadpool And Wolverine – Marvel Studios – Official Trailer
फिल्म का हीरो या एंटी-हीरो डेडपूल aka वेड विल्सन अपनी जिंदगीं में सकून तलाश रहा है। वो खुश तो है पर संतुष्ट नहीं! जिसके लिए वो हरसंभव प्रयास कर रहा है, वो भी एक एवेंजर बनना चाहता है पर यह इतना भी आसान नहीं है। पूर्व में उसने समयधारा के साथ छेड़छाड़ भी की थी जो उसे ‘टीवीए’ का वांछित अपराधी बनाती है। पाठक इसकी अधिक जानकारी के लिए मार्वल की ‘लोकी’ सीरीज़ डिज्नी प्लस पर देख सकते है! हालाँकि इस बार टीवीए की मंशा कुछ अलग है, क्योंकि वेड का यूनिवर्स अपने समाप्ति की ओर बढ़ रहा है एवं अब उस घटना को रोकने के लिए उसे ज़रूरत है ‘एक्स मैन’ समूह के सबसे खूंखार और जानवर के नाम से मशहूर ‘द वूल्वरिन‘ की। क्या यह दोनों मिलकर अपने यूनिवर्स को बचा पाते है? जानने के लिए देखें – “डेडपूल और वूल्वरिन“, अपने नजदीकी सिनेमाघरों में!
पटकथा बिलकुल भी पेचीदा नहीं है और अंत तक यह अपने उद्देश्य को समझाने में सफल भी होती है, हालाँकि इसे बेहतर किया जा सकता था। फिल्म अपने पहले ही मिनिट से आपको कुर्सी से उछलने को मजबूर कर देगी, डेडपूल अपने संवादों से आपको हँसता तो है ही और एक्शन के साथ विस्मृत भी कर देता है। पहले 5 मिनिट आप पलके झपकाना भूल जाते है, बाद में कहानी आगे बढ़ती है, कुछ फ़्लैशबैक के द्रश्य भी आते है और उसके बाद शुरू होती है ‘वूल्वरिन‘ की खोज, जो आपको फिर से खुशी से चीखने को विवश कर देती है। डेडपूल द्वारा अपने यूनिवर्स को बचाने की यह कयावाद कई मोड़ और क्षेत्रों से गुजरती है जिसमे उसे साथ मिलता है वूल्वरिन का। क्षण दर क्षण आते अन्य फॉक्स यूनिवर्स के ‘सुपरहीरोज-सुपरविलेन’ या अभिनेताओं-अभिनेत्रियों के कैमियोज आपको कुर्सी से बांध कर रख देते है और हिंदी में ‘समां बांधना’ शायद इसे ही कहते है। मार्वल अपने कार्य में दक्ष क्यों है? यह फिल्म उसका प्रत्यक्ष प्रमाण है! ‘मल्टीवर्स के मैडनेस’ की आगे भी जारी रहने की पूर्ण संभावना है। क्लाइमेक्स तक आते आते आप चीखते-चिल्लाते थक चुके होंगे पर अंत में फिर से आपको अपनी सांसों को काबू में रखकर हर्षोल्लास तो मनना पड़ेगा ही, कमाल कर दिया ‘मार्वल’ ने! बस आप इसे कॉमिक्स की काल्पनिक दुनिया के हिसाब से लेकर चलें। कॉमिक बुक प्रशंसकों के लिए यह फिल्म किसी ‘ट्रीट’ से कम नहीं है।
अभिनेता ‘रयान रेनाल्ड्स’ शायद डेडपूल का किरदार निभाने के लिए ही बने है, हालाँकि ऑस्कर अवार्ड ऐसे अभिनय के लिए नहीं मिलता, हाँ दुःख दर्शाइए हो सकता अकेडमी वाले आपको अवार्ड दे भी दे, वैसे भी अगर नाम पे न जाएँ तो डीसी कॉमिक्स की ‘जोकर’ एक गंभीर फिल्म थी! वैसे ही वूल्वरिन भी बस एक ही है और उनका नाम है ‘ह्यूग जैकमैन’, उन जैसा कोई और नहीं! इन दोनों अभिनेताओं की स्क्रीन प्रेसेंस दर्शकों को दीवाना बना देगी। फिल्म में कुछ गंभीर पल भी है पर कहानी की रफ़्तार में उन पर दर्शकों का ज्यादा ध्यान नहीं जाता। मार्वल स्टूडियोज जानते है की दर्शकों को क्या देखना है और उन्होंने इस फिल्म के माध्यम से उन सभी ‘कॉमिक बुक नर्डस’ के सपनों को साकार किया है।
क्रिटिक वेबसाइट ‘राटन टोमोटोस’ इसे 97% प्रतिशत फ्रेश कहा है तो दूसरी ओर दर्शकों ने ‘टोमेटोमीटर’ इसे 80% प्रतिशत की रेटिंग दी है। मनोरंजन और हास्य का शानदार तड़का, वो भी सिर्फ वयस्कों के लिए। अगर आप मार्वल के पूर्व प्रदर्शित फिल्मों के प्रशंसक है, कॉमिक बुक पाठक है या बस फिल्म देखना पसंद करते है तो इसे थिएटर में बिलकुल भी मिस मत कीजिएगा। डेडपूल और वूल्वरिन एक जबरदस्त अनुभव है जिसे शब्दों में बयां कर पाना थोड़ा मुश्किल है, जरुर देखें। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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