चंदामामा आर्टिस्ट: के सी शिवाशंकरन ‘शंकर’ जी को भावभीनी श्रद्धांजलि
मित्रों आज एक दुखद खबर साझा कर रहा हूँ, हालाँकि आज के किशोर इस नाम से अनिभिज्ञ हो सकते है पर पिछले कुछ दशकों में जिन भी लोगों ने या पाठकों ने चंदामामा मैगज़ीन (पत्रिका) पढ़ी होगी उन्हें ये नाम जरुर याद होगा. चंदामामा के लिए कई दशकों तक कार्य करने वाले और अपनी चित्रकारी से कहानियों को मुख प्रदान करने वाले आर्टिस्ट ‘शंकर’ आज इस दुनिया को अलविदा कह गए, उनकी उम्र 97 वर्ष थी और करीब 60 वर्ष तक उन्होंने चंदामामा पत्रिका के लिए चित्रकारी की. भगवान उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें, ॐ शांति!
आर्टिस्ट शंकर
चंदामामा ने भारत के बच्चों में संस्कारों के बीज रोपित किए है. इसकी कहानियां अद्भुद होती थी पर घटती लोकप्रियता और टेक्नोलॉजी के प्रभाव के कारण वर्ष 2013 में इसे बंद कर दिया गया. चंदामामा में कई आर्टिस्ट कार्य करते थे और इसे 10 से ज्यादा भाषाओँ में प्रकाशित किया जाता था, चित्रकार ‘वापा’, ‘एम टी वी आचार्य’, ‘चित्रा’ और ‘शंकर’ चंदामामा के मुख्य स्तंभ हुआ करते थे.
चंदामामा की सफलता में जितना हाथ उसकी पौराणिक कहानियों का है उतना ही आप कह सकते है की उसके मन्त्र मुग्ध कर देने वाले चित्रांकन का भी है. आर्टिस्ट शंकर अपने बनाएं इलस्ट्रेशन ‘विक्रम और बेताल’ (बेताल कथा) के लिए ज्यादा प्रख्यात थे. इसके अलावा ‘विष्णु कथा’ और ‘वीर हनुमान’ जैसे धारावाहिक एवं ऐतिहासिक कथाओं पर भी उन्होंने लगातार कार्य किया.
आर्ट्स में स्नातक के डिग्रीधारक आर्टिस्ट शंकर का जन्म तमिलनाडु राज्य में हुआ था. चंदामामा के हिमालय जैसे उचाईयों के शिखर पर एक नाम ‘शंकर’ का भी टंकित है. जैसे ग्रन्थ ‘गीता’ में कहा भी गया है ‘यह शरीर तो बस एक वाहक है, आत्मा ही अंतिम सत्य है जो वास्तव में परमात्मा का ही एक अंश है’. उनके इस दिव्य रूप को भगवान अपने श्री चरणों में स्थान दें, आर्टिस्ट ‘शंकर’ को चंदामामा, कॉमिक्स बाइट के पाठकगण और हमारी टीम की ओर से अश्रुपूरित श्रद्धांजलि.