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स्पेक्ट्रम कॉमिक्स: टाइम्स ऑफ इंडिया की भूली-बिसरी कॉमिक्स (Spectrum Comics: Forgotten comics from Times of India)

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टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित स्पेक्ट्रम कॉमिक्स: भारतीय पॉप संस्कृति की भूली हुई विरासत। (Uncovering Spectrum Comics: The Forgotten Legacy of Indian Pop Culture by Times of India.)

spectrum comics
Spectrum Comics

परिचय: भारतीय कॉमिक्स का एक खोया हुआ अध्याय स्पेक्ट्रम कॉमिक्स

भारतीय कॉमिक्स की दुनिया में कुछ नाम ऐसे हैं जो रहस्य और रोमांच से भरपूर हैं। स्पेक्ट्रम कॉमिक्स (Spectrum Comics) भी ऐसा ही एक नाम है, जिसे टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप ने 1986 में लॉन्च किया था। यह वही प्रकाशक समूह था जिसने भारत में इंद्रजाल कॉमिक्स को लोकप्रिय बनाया था। स्पेक्ट्रम कॉमिक्स एक शानदार प्रयास था जिसमें उद्देश्य था भारतीय पाठकों को अंतरराष्ट्रीय स्तर के सुपरहीरोज़ और जासूस पात्रों से परिचित कराना। लेकिन अफसोस की बात है कि यह प्रयास 1988 तक आते-आते बंद हो गया। 4/- रूपये मूल्य में प्रकाशित यह कॉमिक्स अंतर्राष्ट्रीय सुपरहीरोज का भारत में नया घर था जिसे हर माह अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया जाता था।

एक वैश्विक सोच: सीमाओं के पार का विज़न

जहाँ इंद्रजाल मुख्यतः ली फॉक एवं किंग फीचर सिंडिकेट के फैंटम और मेंड्रेक जैसे पात्रों पर केंद्रित था, वहीं स्पेक्ट्रम कॉमिक्स ने मार्वल कॉमिक्स, डीसी कॉमिक्स और अन्य युरोपियन प्रकाशनों के पात्रों को एक साथ एक ही छत के नीचे लाने का साहसिक कार्य किया। स्पेक्ट्रम की शुरुआती संपादकीय टिप्पणी में स्पष्ट रूप से भारतीय समाज में मौजूद यह मिथक तोड़ा गया कि ‘कॉमिक्स बच्चों के लिए हानिकारक होती हैं‘। इसके स्थान पर इसे कल्पनाशक्ति और भाषा विकास का माध्यम बताया गया। यह मिथक आज भी कायम है और आज का प्रगतिशील समाज बच्चों के भले ही पचास हजार से एक लाख रूपये तक का स्मार्टफ़ोन खरीद दें, लेकिन कॉमिक्स के माध्यम से सकारात्मकता की उनके मन में जो अमिट छाप बनेगी वो शायद ही कभी इन गैजेट्स से बन पाएगी। अब उन्हें कॉमिक्स पढ़ने के लिए प्रेरित करना हम सबकी जिम्मेदारी है।

पात्रों की दुनिया: सुपरस्टार्स का स्पेक्ट्रम

स्पेक्ट्रम कॉमिक्स का लाइनअप अद्वितीय और रोमांचक था, इनमें:

  • जोनाह हेक्स – डीसी कॉमिक्स का काउबॉय एंटी-हीरो
  • अमेज़िंग स्पाइडर-मैन – मार्वल का आइकॉनिक वेब-स्लिंगर
  • मोडेस्टी ब्लेज़ – ब्रिटिश महिला सुपर-स्पाई
  • फ़्लैश – बिजली की गति वाला हीरो
  • डेनिस द मेनस – हास्य और शरारत से भरी कहानियाँ
  • एराक, सन ऑफ थंडर – पौराणिक योद्धा (डीसी कॉमिक्स का पात्र)
Spectrum Comics - Modesty Blaise - The Prophets Of Doom
Spectrum Comics – Modesty Blaise – The Prophets Of Doom

स्पेक्ट्रम कॉमिक्स का कवर आर्टवर्क हाथ से पेंटेड होते थे, जो इन्हें बेहद खास बनाती थी। लेकिन छोटा पॉकेट साइज और कभी-कभी खराब प्रिंटिंग क्वालिटी ने इसे आम पाठकों से थोड़ा दूर कर दिया। कॉमिक्स वैसे भी उस दौर में बड़े बदलाव से गुजर रही थीं, डायमंड कॉमिक्स, मनोज कॉमिक्स जैसे बड़े नाम पहले से ही भारत के पाठकों के बीच अपनी पहचान बना चुके थे और उसके बाद राज कॉमिक्स ने इस बड़े बाज़ार में अपना धमाकेदार आगमन ‘नागराज’ और ‘सुपर कमांडो ध्रुव’ जैसे महानायकों के साथ किया, जिससे भारतीय पाठकों को विशुद्ध देसी सुपरहीरोज पढ़ने को मिले।

स्पेक्ट्रम बनाम इंद्रजाल: दो दृष्टिकोणों की कहानी

स्पेक्ट्रम और इंद्रजाल – दोनों टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप की प्रस्तुति थीं। इंद्रजाल कॉमिक्स, जिसकी शुरुआत 1964 में हुई थी, भारत में दशकों तक बेहद लोकप्रिय रही। लेकिन 1990 के दशक के शुरुआती वर्षों में वह भी बंद हो गई।

यहां एक दिलचस्प सवाल उठता है:
क्या स्पेक्ट्रम, इंद्रजाल के उत्तराधिकारी के रूप में देखा गया था?

संभवतः स्पेक्ट्रम एक प्रयोगात्मक प्लेटफॉर्म था जो नए शहरी, अंग्रेज़ी जानने वाले पाठकों के लिए डिज़ाइन किया गया था। लेकिन मनोरंजन की दुनिया में तेजी से हो रहे बदलावों (टीवी, सिनेमा, विडियो गेम्स और वितरण समस्याएं) के कारण यह पहल ज्यादा समय तक नहीं चल सकी।

Vintage Ads from Indrajal Comics
Indrajal Comics

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गॉथम कॉमिक्स की ओर संकेत और निष्कर्ष: एक सपना जो अधूरा रह गया

हालाँकि स्पेक्ट्रम समय से पहले ही बंद हो गई, लेकिन इसका विचार विभिन्न अंतरराष्ट्रीय कॉमिक बुक पात्रों को भारत में एकीकृत रूप में प्रस्तुत करना था जो बाद में गॉथम कॉमिक्स (Gotham Comics) द्वारा 1990 के दशक के अंत और 2000 के शुरुआती वर्षों में सफलतापूर्वक किया गया। गॉथम ने भारत में बैटमैन, सुपरमैन, एक्स-मैन, कार्टून नेटवर्क, कॉनन आदि को आधुनिक फॉर्मेट में प्रस्तुत किया। अच्छी प्रिंटिंग, आकर्षक कवर और मज़बूत वितरण प्रणाली के साथ गॉथम ने वो सफलता पाई जो स्पेक्ट्रम को नहीं मिल सकी। संभव है, स्पेक्ट्रम कॉमिक्स ने वह राह दिखाई जिस पर गॉथम कॉमिक्स ने सफलता की दौड़ लगाई।

Gotham Comics India - Justice League and Uncanny X-Men
Gotham Comics India – Justice League and Uncanny X-Men

स्पेक्ट्रम कॉमिक्स का महत्व

  • इसने कॉमिक्स के खिलाफ मिथकों को चुनौती दी
  • भारत में पहली बार मार्वल और डीसी के पात्र एक साथ छपे
  • इसके संस्करण अब विंटेज कलेक्टर्स आइटम बन चुके हैं
  • यह उस काल का प्रतीक था जब भारतीय कॉमिक्स वैश्विक रूप में पनप रही थी

स्पेक्ट्रम कॉमिक्स, भले ही केवल कुछ वर्षों के लिए आई हो, लेकिन यह साबित कर गई कि भारत में अंतरराष्ट्रीय कॉमिक्स की गूंज संभव थी। यदि इसे पर्याप्त मार्केट सपोर्ट और समय मिला होता, तो शायद यह भारतीय कॉमिक्स इतिहास को बदल देती। यह एक “क्या होता अगर…” जैसा रोमांच है – जो हमें एक ऐसे दौर की याद दिलाता है जब स्पाइडरमैन, फ्लैश और जोनाह हेक्स भारतीय कॉमिक्स स्टैंड्स पर मौजूद थे वो भी हॉलीवुड नहीं, बल्कि प्रिंट और प्रेस के ज़रिये।

क्या आपके पास कोई स्पेक्ट्रम कॉमिक है? या कभी बचपन में पढ़ी थी? अपनी यादें नीचे कमेंट में साझा करें – आइए इस भूले अध्याय को फिर से जीवित करें। आभार – कॉमिक्स बाइट!!

इमेज क्रेडिट्स और कंटेंट हेल्प: कॉमिक्स कोंकुएस्ट ब्लॉग, द फैंटम फैन (ब्लॉग), अरूण कलंद्य (ब्लॉग)

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