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कॉमिक्स समीक्षा: राज रहमान और घरशनपुर का प्रेत (बुल्सआई प्रेस) – (Comics Review – Raj Rehman – Bullseye Press)

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Raj Rehman - Bullseye Press
Raj Rehman – Bullseye Press

“दो जासूस करें महसूस की दुनिया बड़ी ख़राब हैं!” – जी हाँ दोस्तों व्योमकेश बक्शी, राम-रहीम और सागर-सलीम के बाद नजर आएं हैं दो नये जासूस जो की इस रंग बदलती दुनिया में सत्य को खोज कर निकालेंगे! चाहे कोई कितने भी क्यों ना कर ले अपराधिक प्रयत्न, झूट का ठीकरा फोड़ेंगे राज-रहमान जैसे जासूसी दुनिया के ये रत्न!! राज रहमान, यह नाम सुनते ही आपको राम-रहीम जो कि मनोज कॉमिक्स के किरदार हैं, उनकी याद पाठकों को जरूर आएगी क्योंकि यह दोनों ही नाम जो हैं, वह मिलते जुलते हैं और दोनों के कार्य भी जासूसी करना ही हैं। कॉमिक्स जगत में जासूसी विधा की श्रेणी में एक खाली निर्वात उत्पन्न हो गया था लेकिन राज-रहमान इसे भरते दिखाई पड़ते हैं। पैरानॉर्मल एक्टिविटी, भूत-पिचाश, घिनौने अपराधों की यह तह तक जाते हैं। कुछ-कुछ वैसा ही जैसे डीडी दूरदर्शन में व्योमकेश बक्शी नामक दो जासूस आज से कई साल पहले, नब्बें के दशक में लोगों को रोमांचित किया करते थे।

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कॉमिक्स समीक्षा: राज रहमान और घरशनपुर का प्रेत (बुल्सआई प्रेस) – (Comics Review – Raj Rehman – Bullseye Press)

राज रहमान और घरशनपुर का प्रेत आपको उसी दौर पर ले जाएगी जहां जासूस अपने दिमाग और बाहुबल के दम पर बड़े से बड़े अपराधियों को भी धर दबोचते थे। घरशनपुर का प्रेत भी एक अनोखी कहानी है जहां पर एक पिचाश लोगों को मारने की कोशिश करता है। फिर बब्बर ब्रदर्स कैसे हैं इस शैतान से वहां के लोगों को निजात दिला पाते हैं? क्या होता हैं इस टकराव का अंजाम? इन्हीं घटनाओं को इस कॉमिक्स में बड़े ही सामान्य और सुंदर तरीके से दर्शाया गया है।

Raj Rehman And The Ghost Of Gharshanpur - Bullseye Press - Cover
Raj Rehman And The Ghost Of Gharshanpur – Bullseye Press – Cover
कहानी (Story)

कहानी की शुरुआत होती है घरशनपुर से, जहां पर घरशनपुर का एक निवासी बिजेंद्र अग्रवाल भाग रहा है और उसके पीछे एक पिचाश पड़ा हुआ है। लगभग अधमरी हालत में वह शहर के तालाब में डूब कर मरने की कोशिश करता है लेकिन वह मरता नहीं है! उसके ऐसे बर्ताव के पीछे का राज क्या है? वह पिचाश कौन था? इसी घटना की जांच पड़ताल करने आते हैं हमारे बब्बर ब्रदर्स ‘राज-रहमान’ जहां पर रहमान फोर्थ वाल ब्रेक करते हुए दर्शकों से मुखातिब होता है और उन आसपास घटित हो रही घटनाओं का उन्हें बकायदा विवरण भी देता है।

Raj Rehman And The Ghost Of Gharshanpur - Bullseye Press - Panels
Raj Rehman And The Ghost Of Gharshanpur – Bullseye Press

कहानी में और भी किरदार हैं जैसे एक रहस्यमय लड़की और एक डॉक्टर जिसका नाम है सुनील पांडा। कहानी चार-पांच लोगों के इर्दगिर्द घूमती है और अंततः जो क्लाइमैक्स हैं वो पाठक को चौंका देता है। कहानी बिल्कुल भी ‘काम्प्लेक्स’ नहीं है और आपको पढ़ने में भी आनंद आएगा एवं जो पाठक नब्बें के दशक के क्लासिक कॉमिक्स को पसंद करते हैं यह उनकी अपेक्षाओं पर खरा उतरती हैं।

टीम (Team)

कहानी के लेखक हैं श्री आश्विन कल्माने, जिन्होंने जासूसों का अच्छा वर्णन किया हैं, चित्रांकन है दीपजॉय सुब्बा जी का जो बिलकुल अलग ही अंदाज में दिखाई देता हैं, रंग सज्जा है हरेंद्र सिंह सैनी जी की और डिजाइन, शब्दांकन, कहानी के रूपांतरण का कार्य है श्री रविराज आहूजा ने एवं साथ में सह प्रकाशक हैं श्री शालू गुप्ता जी। हिंदी कॉमिक्स का जो आवरण है वह मुझे बेहद पसंद आया, यह बहुत ही शानदार बन पड़ा हैं। हिंदी और अंग्रेजी के वैरिएंट आवरण भी पाठक अपने हिसाब से खरीद सकते हैं।

Raj Rehman And The Ghost Of Gharshanpur - Bullseye Press - Team
Raj Rehman And The Ghost Of Gharshanpur – Bullseye Press – Team

संक्षिप्त विवरण (Details)

प्रकाशक : बुल्सआई प्रेस
पेज : 36
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 299/- (हिंदी, अंग्रेजी)
कहां से खरीदें : Bullseye Press

निष्कर्ष (Conclusion)

राज रहमान एक बेहतरीन कहानी है जिसका कॉमिक्स प्रेमी जरूर आनंद लेंगे, कॉमिक्स और जासूसी दुनिया से एक बार फिर पाठक रूबरू हो सकेंगे। अंग्रेजी में कहावत है “Simple Yet Classy”, राज-रहमान इस कहावत को पूर्ण रूप से स्थापित करती है, चित्रकथा बहुत ही अच्छी तरीके से इंसान की भावनाओं और उसके मन में उपज रहे ‘घृणा’, ‘द्वेष’ और बदले की आकांक्षा को दर्शाती है। कहीं कहीं कुछ जल्दबाजी दिखती हैं पर कहानी की गति कहीं भी टूटती नहीं हैं। ये दो जासूस भाई कौन हैं इस पर भी कोई प्रकाश नहीं डाला गया जो शायद अगले भाग में ज़रूर नजर आएगा। राज-रहमान भविष्य में बुल्सआई प्रेस के अन्य किरदारों के साथ कोई बड़ा खेलते ज़रूर दिखाई पड़ेंगे, आभार – कॉमिक्स बाइट!!

Raj Rehman | Detectives | Horror | Bullseye Press | Comics Byte Unboxing & Review

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