राम-रहीम: भारत के प्रतिष्ठित डबल सीक्रेट एजेंट 001/2 – मनोज कॉमिक्स (Ram-Rahim: India’s Iconic Double Secret Agents 001/2 from Manoj Comics)
भारतीय कॉमिक्स में दोस्ती, साहस और देशभक्ति को परिभाषित करने वाली जासूस जोड़ी राम-रहीम। (Ram-Rahim, the spy duo that defined friendship, courage and patriotism in Indian comics.)
“राम-रहीम: डबल सीक्रेट एजेंट 001/2” (Ram-Rahim: Double Secret Agent 001/2): राम-रहीम मनोज कॉमिक्स के सबसे प्रसिद्ध और रोमांचक गुप्तचर जोड़ी थे। भारतीय कॉमिक्स जगत में यह जोड़ी देशभक्ति और साहस का प्रतीक मानी जाती थी। दोनों डबल सीक्रेट सर्विस एजेंट थे, जिनका एक ही उद्देश्य था! ‘देश की रक्षा और बुराई का खात्मा‘। उनकी कहानियों में हमेशा राष्ट्रहित से जुड़े मिशन होते थे, जिनमें वे गुप्त फाइलों को दुश्मनों से बचाते या खतरनाक वैज्ञानिकों की साजिशों को नाकाम करते थे। कई अंकों में वो दोनों सुपरनेचुरल ताकतों और अनोखे खलनायकों से भी टक्कर लेते दिखाई पड़े।
राम और रहीम की दोस्ती को उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पृष्ठभूमि से परे दिखाया गया था, जो एकता और सहयोग का संदेश देती थी। यह जोड़ी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा बनी, यह बताने के लिए कि किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए साथ मिलकर काम करना कितना ज़रूरी होता है। उनकी कहानियाँ न केवल मनोरंजन करती थीं बल्कि एक सकारात्मक संदेश भी देती थीं कि दोस्ती, निष्ठा और देशप्रेम हर बाधा को पार कर सकता है। आज के बदलते दौर में काल्पनिक राम-रहीम जैसे पात्रों का वास्तविक जीवन में होना बेहद जरुरी है और हम सभी को इन दोनों से बहुत कुछ सीखने की आवश्यकता भी!
जैसे-जैसे राम-रहीम सीरीज़ की कहानी आगे बढ़ी, राम और रहीम को अलौकिक शक्तियाँ भी प्राप्त हुईं। राम को “इच्छाधारी शक्ति और शैडो पॉवर” मिली, जिससे वे अदृश्य रहकर छाया की ताकत से लड़ सकता था और कोई भी रूप धारण कर सकता था, जबकि रहीम को ‘रोबोटिक बायोनिक हाथ’ मिला, जो दूर से नियंत्रित किया जा सकता था। इन शक्तियों ने उनकी गुप्त सेवाओं को और भी ज्यादा खतरनाक और रोमांचक बना दिया। ज़ाहिर सी बात है जब कथानक में अपराधी और खलनायक बहुत ही ताकतवर और एलियन होंगे तो उनसे कोई आम एजेंट तो लोहा नहीं ले पाएगा। इसका श्रेय जाता है राम-रहीम के जनक लेखक श्री बिमल चटर्जी को, जिन्होंने इन्हें अपनी कहानियों के माध्यम से काफी गहराई प्रदान की एवं जिसे महेंद्र जैन और भरत जी की जोड़ी ने आगे बढ़ाया।
इनकी कहानियों के साथ-साथ, इनका आर्टवर्क भी बेहद चर्चित था। त्रिशूल कॉमिको आर्ट स्टूडियो और कदम स्टूडियोज ने राम-रहीम के कॉमिक्स के लिए बेहद डायनामिक आवरण और आंतरिक पृष्ठों की कलाकारी की, जो पाठकों को दृश्यात्मक रूप से आकर्षित करती थी। राम-रहीम की कॉमिक्स में आर्टिस्ट श्री सी.एम. विटंकर, श्री विजय कदम और श्री दिलीप कदम जैसे महान कलाकारों ने यहां काम किया, कई बार श्री प्रताप मुल्लिक जी की छाप भी आपको कई कॉमिक बुक्स में देखने को मिलती है, जिनकी कला ने राम-रहीम की रोमांचक कहानियों को जीवंत बना दिया। आर्टिस्ट चंदू भी कई वर्षों तक मनोज कॉमिक्स के लिए कार्य करते रहे और मुल्लिक जी के आर्ट के बिना उस दौर के कॉमिक्स कभी पूर्ण नहीं हो सकते थे।
डबल सीक्रेट सर्विस की ये कहानियाँ बच्चों और युवाओं के बीच बेहद लोकप्रिय थीं, विशेष रूप से तब, जब वे गर्मियों की छुट्टियों के दौरान प्रकाशित होती थीं। इन कहानियों में उनके खतरनाक दुश्मनों जैसे फोमांचू और ड्रैकुला से हुई लड़ाइयाँ सबसे रोमांचक मानी जाती है। उनकी मिशन से भरी जिंदगी ने पाठकों को न केवल मनोरंजन किया, बल्कि यह भी सिखाया कि देशप्रेम, निष्ठा और दोस्ती से बड़ी कोई ताकत नहीं होती। राम-रहीम की कहानियों में से एक सबसे प्रसिद्ध कहानी है उनकी ड्रैकुला के साथ हुई लड़ाई, जिसे आज भी पाठक पसंद करते हैं। ये कहानियाँ न केवल रोमांचक होती थीं, बल्कि उनमें सामाजिक एकता का संदेश भी छिपा होता था, जो उन्हें और भी खास बनाता था।
सन 2000 के शरू होते ही मल्टीमीडिया ने अपना जोर दिखाया और तकनीक के सामने कॉमिक्स के पैर उखड़ते नजर आए, पाठकों की घटती संख्या इसका मुख्य कारण बना और कई कॉमिक्स प्रकाशन ‘कॉमिक्स’ की दुनिया से दूर होते चले गए। गाहे-बगाहे कुछ कॉमिक्स पुरानी बुक शॉप्स में दिख जाया करती पर अब यह अपनी जड़ो से कट चुकी थी। कोविड काल के बाद एक बार से इन्हें पुन: प्रकाशित किया जा रहा है पर पाठकों की संख्या नगण्य होने से इन्हें आज भी अपनी गति को बनाने में मुश्किल हो रही है। ओ.टी.टी, वीडियो गेम्स, रील्स और फेसबुक जैसे डिजिटल दुनिया में आज सब कुछ ‘क्विक’ होना चाहिए पर ‘जनरेशन ज़ी’ इन चीज़ों से कटता जा रहा है और मुख्य धारा कहीं खोती चली जा रही है।
अगर वाकई में आज भी अभिवावक और स्कूल्स इन्हें अपने घर एवं लाइब्रेरी में जोड़े तो सकता है इनकी ‘रीच’ बढ़ें और सकारात्मकता की लहर इस देश की जड़ों को मजबूत कर सके। राम-रहीम की कॉमिक्स लगभग 4 दशकों के बाद भी प्रासंगिक है, रोमांच, शौर्य एवं देशभक्ति से ओतप्रोत इन कहानियों को आज ही अपने संग्रह में शामिल करें और अन्य लोगों को भी इनसे जुड़ने को कहे। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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