मिल्कीबार किड और दूरदर्शन के दिन – डायमंड कॉमिक्स की मीठी यादें (Milkybar Kid aur Doordarshan ke Din – A Sweet Nostalgia from Diamond Comics)
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मिल्कीबार किड – हमारे बचपन का सबसे मधुर सुपरहीरो! (The Milkybar Kid – The sweetest superhero of our childhood!)

हम 90s के बच्चे थे, दूरदर्शन (Doordarshan) का ज़माना, रविवार की सुबहें और कॉमिक्स का जादू! उसी दौर में एक अनोखा सुपरहीरो हमारे बीच आया था जिसका नाम था मिल्कीबार किड (Milkybar Kid), जो चॉकलेट से शक्ति पाता था और बुराई को मात देता था। उसकी एक टैगलाइन भी बड़ी प्रसिद्ध थी –
मिल्कीबार, गिव मी द पॉवर” या “मिल्कीबार, मुझे शक्ति दो आपार!”
क्या आपको यह टीवी विज्ञापन याद है?

90 के दशक का एक पन्ना – जहाँ मस्ती, स्वाद और कल्पना साथ रहते थे। (When comics met chocolate, magic happened!)
डायमंड कॉमिक्स के चाचा चौधरी और रैम्बो जैसी प्रसिद्ध कॉमिक्स के पिछले हिस्से पर यह छोटा सा मिल्कीबार किड का एड कम कॉमिक स्ट्रिप छपा करता था। यह “ए.हच.डब्लू पल्टू सीरीज़” के नाम से जाना जाता था, जो अक्सर कॉमिक्स के बैक पेज पर छपती थी। उस ज़माने में यह न सिर्फ़ एक विज्ञापन था बल्कि बच्चों के लिए प्रेरणा और मनोरंजन का अनोखा मेल था।

कॉमिक स्ट्रिप में मिल्कीबार किड को एक छोटे से बालक के रूप में दिखाया गया है जो अपनी “Nestlé Milkybar” खाकर सुपरहीरो बन जाता है और ‘अंतरिक्ष के लुटेरे’ नामक स्पेस पायरेट्स से लड़ता है।
“ले आओ अपनी शक्ति आज ही” – यह लाइन आज भी उतनी ही यादगार है जितनी उसकी मुस्कान।
उस दौर का मार्केटिंग जीनियस यही था बच्चों के हीरो और उनके पसंदीदा चॉकलेट को एक साथ जोड़ देना। हमारे समाज ने 90s से 2000s तक का जबरदस्त ट्रांज़िशन देखा, पर यह कॉमिक हमें याद दिलाती है कि वो दौर कितना मासूम और मिठास से भरा था। किराना की दुकान में जाकर अपने पसंदीदा चॉकलेट को चखना आज के परिपेक्ष में एक नास्टैल्जिया से भरा अनुभव था।
यह सिर्फ़ एक विज्ञापन नहीं, बल्कि वो खुराक है जिसे आज भी देखकर दिल खुश हो जाता है। हम सबने टीवी पर वह मिल्कीबार किड का विज्ञापन देखा था – “The Milkybar Kid is strong and tough!” – और फिर दौड़ पड़े थे दुकान की ओर अपनी सफेद चॉकलेट लेने।
आज भी मिल्कीबार का स्वाद वही है, पर बचपन के वो पल शायद अब सिर्फ़ यादों में बस गए हैं।
जैसे मैंगो बाईट (Mango Bite) का विज्ञापन कहता था – “चाचा चौधरी का मजा और बढ़े जब मैंगो बाईट साथ रहे!”
ऐसे विज्ञापन सिर्फ़ प्रोडक्ट नहीं बेचते थे – वे हमारा बचपन गढ़ते थे।

कह सकते हैं “मिल्कीबार किड” सिर्फ़ एक विज्ञापन नहीं था, बल्कि हमारी पीढ़ी की मासूमियत और मिठास का प्रतीक था। डायमंड कॉमिक्स और दूरदर्शन के उस सुनहरे दौर ने हमें न सिर्फ़ मनोरंजन दिया, बल्कि ज़िंदगी की सबसे मीठी यादें भी दीं। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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पोस्ट पढ़ कर अगर आनंद आया तो कुछ मीठा भी लीजिए, अच्छा खाइए और बचपन में खो जाइये मिल्कीबार के साथ, एक तो बनता है!!
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