मनोज कॉमिक्स विंटेज विज्ञापन: विनाशदूत करकेंटा मनोज – मौत का एलियन अवतार! (Manoj Comics Vintage Ad: Vinashdoot Karkenta – The Deadly Alien Arrival)
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विनाशदूत करकेंटा – मनोज कॉमिक्स के स्वर्ण युग का एक शानदार विज्ञापन! (Vinashdoot Karkenta – A brilliant ad from the golden era of Manoj Comics!)

नॉस्टैल्जिया का धमाका: विनाशदूत करकेंटा
नब्बें के दशक में जब भारतीय कॉमिक्स इंडस्ट्री अपने स्वर्णिम युग में थी, तब मनोज कॉमिक्स ने कई धमाकेदार कहानियाँ दीं। उन्हीं में से एक थी – “राम-रहीम और विनाशदूत करकेंटा” (Ram Rahim aur Vinashdoot Karakanta), उस समय मनोज कॉमिक्स (Manoj Comics) के विज्ञापन पन्ने अपने आप में किसी ब्लॉकबस्टर पोस्टर से कम नहीं होते थे। नई कॉमिक आने से पहले बच्चों में रोमांच जगाने के लिए जो झलक दी जाती थी, वो ही पाठकों के मध्य असली क्रेज बन जाती थी। केवल 16/- मूल्य में मिलने वाली इस कॉमिक्स के साथ एक फ्री मैगनेट स्टिकर भी दिया गया था जो उस दौर के बच्चों के लिए किसी खजाने से कम नहीं था।
एक एलियन जो विनाश का दूत बनकर आया
इस विज्ञापन में सबसे पहले जो चीज़ नज़र आती है, वो है करकेंटा का खतरनाक और स्टाइलिश लुक, नुकीले कांटों वाला सूट, एलियन जैसा मास्क और एक खतरनाक पोज़ जो डर के साथ रोमांच भी जगाता है। उसे “मृत्यु का अवतार” यानी विनाश का दूत कहा गया। उसका मकसद साफ था इस धरती के इंसानी जाति का अंत और उनके रक्त से अपनी प्यास बुझाना। उसकी ताकत इतनी थी कि उसके सामने आने वाला हर इंसान मौत की आगोश में चला जाता। उसकी एंट्री ही एक भयावह माहौल बना देती है, धुआं, विस्फोट और चीखें। नृशंस रूप से मारे गए लोग और उनके क्षत-विक्षत शव इस बात की गवाही दे रहे थे की राम-रहीम का टकराव किसी आम अपराधी से नहीं बल्कि एक भयानक और ताकतवर त्रासदी से होना वाला था।
डबल एजेंट 00 ½ – राम और रहीम का आगमन
मनोज कॉमिक्स की ये जोड़ी जासूसी, एक्शन, देशभक्ति और थ्रिल की पहचान बन चुकी थी। कहानी में डबल सीक्रेट एजेंट 00 ½ राम और रहीम को इस खूंखार एलियन का सामना करना है। साथ ही नापाक पड़ोसी देश द्वारा एक भारतीय वैज्ञानिक के अपहरण का मामला भी जुड़ा हुआ है, जिसने एलियन टेक्नोलॉजी पर रिसर्च की थी। अब ज़िम्मेदारी थी इस एलियन मॉन्स्टर को काबू में कर भारत की सुरक्षा को बचाने की। हमारे डबल सीक्रेट एजेंट्स ‘राम और रहीम’ एक टीम गठित कर पड़ोसी मुल्क रवाना हो जाते है क्योंकि इस बार मामला सीधा भारत की सुरक्षा से जुड़ा था।
अब सवाल था —
क्या राम-रहीम इस खूंखार एलियन को काबू कर पाएंगे?”
“क्या भारत उस साइंस सीक्रेट को बचा पाएगा जो एलियन टेक्नोलॉजी का राज खोलने वाला था?”

रचनाकारों की टीम
- ✍️ लेखक: नाज़रा खान उर्फ़ हनीफ़ अज़हर जी
- 🖼️ आर्टवर्क: कदम स्टूडियो (जिनका काम मनोज के आवरणोंको आइकॉनिक बनाता था)
यह शानदार विज्ञापन मनोज कॉमिक्स के अन्य विशेषांक में प्रकाशित हुआ था और इसके डार्क टोन एवं भयानक राक्षस जैसे दिखने वाले प्राणी ने पाठकों को ज़रूर इस कॉमिक्स के प्रति उत्साहित किया होगा। मनोज कॉमिक्स की कला हमेशा से ही सटीक रही है, गहरे रंग, गतिशील पोज़ और सस्पेंस से भरपूर कथानक। विनाशदूत करकेंटा का कवर इसका एक बेहतरीन उदाहरण है। बस एक नज़र और नॉस्टैल्जिया हाज़िर हैं।
क्यों खास थी यह कॉमिक्स
- 90s के दशक की क्लासिक एलियन इनवेशन कहानी
- ‘मनुष्य वर्सेज मॉन्स्टर’, लेकिन भारतीय अंदाज़ में
- एक्शन, सस्पेंस और देशभक्ति का अनोखा मिश्रण
- कलेक्टर्स डिलाइट, अब यह एक विंटेज और रेयर कॉमिक्स है
जिस दौर में बच्चे टीवी से ज़्यादा कॉमिक्स के हीरो से जुड़ते थे, उस समय ऐसी कहानियाँ कल्पना को एक नया आयाम देती थीं। करकेंटा जैसे विलेन ने मनोज कॉमिक्स के पन्नों में डर और थ्रिल को ज़िंदा कर दिया था।
90’s में मनोज कॉमिक्स सिर्फ एक किताब नहीं बल्कि एक एहसास थी!”
राम-रहीम और विनाशदूत करकेंटा सिर्फ एक कॉमिक्स नहीं थी, बल्कि भारतीय कॉमिक इतिहास का वो अध्याय थी जिसने साइंस फिक्शन और देसी एक्शन को जोड़कर एक नई लहर चलाई। आज भी पुराने पाठकों के लिए इसका नाम सुनते ही बचपन की महक ताज़ा हो जाती है। “करकेंटा” अब भी नॉस्टैल्जिया के अंधेरे कोनों में चमकता एक एलियन दानव है जिसे सिर्फ हमारे जासूस राम-रहीम ही रोक सकते थे।
क्या आप भी इस कॉमिक्स को पढ़ चुके हैं? नीचे कमेंट में बताएं, इस कॉमिक्स का कौन सा मोमेंट आपको सबसे ज़्यादा याद है! आभार – कॉमिक्स बाइट!!
ट्रिविया: आज जब हॉलीवुड की फ़िल्में बहुतायत में उपलब्ध है तब आप इस कॉमिक्स को एक बेहद ही चर्चित एक्शन एडवेंचर साई-फाई फिल्म से जोड़ पाएंगे जो बेशक इस खतरनाक एलियन और कॉमिक्स का आधार था, पर उसकी चर्चा किसी और दिन!
Pack of 8 Books | Set 5 Of Hawaldar Bahadur Comics




