कॉमिक्स समीक्षा: खोता खच्चर (फिक्शन कॉमिक्स) – (Comics Review – Khota Khacchar – Fiction Comics)
अनादि अभिलाष (Anadi Abhilash) जी का ताल्लुक ‘कोयला नगरी’ धनबाद, झारखंड के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं । हालांकि इनकी प्रारंभिक शिक्षा, हाई स्कूल और +2 की शिक्षा झारखंड के ही सिमडेगा, जमशेदपुर और रांची से हुई । राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्गापुर से बी.टेक की डिग्री प्राप्त की और मुंबई में कार्यरत हैं । काॅलेज के दिनों से ही राष्ट्रीय स्तर पर नाटक, नुक्कड़ करते आए हैं और मुंबई में विहंगम थियेटर ग्रुप से जुड़े हुए हैं । स्वरदीपिका नाम से इनकी एक प्राॅडक्शन वेंचर भी कार्यशील है । बचपन के दिनों से ही काॅमिक्स में विशेष रूचि है और भारतीय काॅमिक्स इंड्रस्टी के उत्थान के लिए कुछ कर गुजरना चाहते हैं और प्रयासरत भी हैं । इनका मानना है कि अगर आप और हम मिलकर संकल्प लें तो भारतीय काॅमिक्स इंड्रस्टी बुलंदियों को छू सकती है ।
कॉमिक्स समीक्षा: खोता खच्चर (फिक्शन कॉमिक्स) – (Comics Review – Khota Khacchar – Fiction Comics)
1990 का दौर जिसे भारतीय काॅमिक्स का स्वर्णिम दौर कहा जाता है । राज काॅमिक्स, मनोज काॅमिक्स, डायमंड काॅमिक्स जैसे प्रकाशक हमारे बचपन का अभिन्न अंग बन चुके थे । सुपरहीरो, काॅमेडी, हाॅरर – कई किस्म के काॅमिक्स लाखों की संख्या में बिकते थे । नागराज, ध्रुव, डोगा जैसे सुपरहीरो के अलावा बांकेलाल, हवलदार बहादुर, क्रुकबाॅंड जैसे हास्य किरदारों के भी अपने जलवे थे । आज नए प्रकाशक भी सुपरहीरो, सुपर नेचुरल काॅमिक्स बना रही लेकिन कहीं न कहीं हास्य किरदारों की कमी नजर आती है । इसी बीच फिक्शन काॅमिक्स भूताल नामक हास्य चरित्र सफलता पूर्वक हमारे बीच लेकर आई है । भूताल बड़ा ही दमदार हास्य किरदार है जो कहीं न कहीं आपको बांकेलाल की याद दिलाता है ।
कहानी (Story)
काॅमिक्स बाइट के सभी पाठकों के लिए आज हम भूताल की पहली काॅमिक्स ‘खोता खच्चर‘ पर चर्चा करेंगे । भूताल सीधा साधा, मासूम लेकिन निकम्मा नवयुवक है । भूताल घर में अपनी दादी के डंडे तो खाता ही है एवं गली मुहल्ले के बच्चे भी उसकी खिल्ली उड़ाने से नहीं चूकते । भूताल की जिंदगी तब बदलती है जब अंजाने में उसके हाथों एक दैत्य मारा जाता है और भूताल की बहादुरी से प्रभावित होकर राजा उन्हें अपना सेनापति नियुक्त कर देते हैं ।
टीम (Team)
भूताल के पहले अंक में कहानी श्री सुशांत पंडा जी की है, चित्र है श्री जितेन्द्र झारिया जी के, रंग सज्जा की है अंकिता त्रिपाठी जी एवं अंकिता चिंचोलकर जी ने और आवरण बनाया है श्री संतोष कुशवाहा जी ने । शब्दांकन है श्री हरीश दास मानिकपुरी की । संपादक श्री सुशांत पंडा जी और सह संपादक श्री नवीन पाठक जी हैं । काॅमिक्स में कला निर्देशन भी श्री सुशांत जी का है ।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : फिक्शन काॅमिक्स
पेज : 20
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 120/-
भाषा : हिंदी
कहां से खरीदें : Fiction Comics
निष्कर्ष : भूताल मज़ेदार किरदार है और बांकेलाल की तरह ही आपका मनोरंजन करने में सक्षम है । फिक्शन काॅमिक्स के बेहतरीन पात्रों में से एक है भूताल । चेहरे पर कुछ पल के मुस्कान चाहते हों तो भूताल की ये काॅमिक्स ज़रूर पढ़ें ।