चुनौती कॉमिक्स समीक्षा (Chunauti – Raj Comics Review)
मित्रों “चुनौती” के पहले “अवशेष कॉमिक्स की समीक्षा अवश्य पढ़ लें, क्योंकि ये 3 कॉमिक्स की श्रृंखला है इसलिए आपका इसके बारें में जानना और पढ़ना बहुत जरुरी है. अगर आप बीच से पढेंगे तो ये आयामों के द्वार आपको भी उलझा के रख देंगे. इसलिए चाहे कॉमिक्स हो या समीक्षा इसे हमेशा रीडिंग आर्डर में ही पढ़ें.
कॉमिक्स बाइट समीक्षा – अवशेष
चुनौती (Chunauti)
राज रजत वर्ष 2010 में ‘2 इन 1’ – नागराज और ध्रुव की दूसरी कड़ी जिसका नाम है ‘चुनौती‘. जो आग अवशेष कॉमिक्स में लगी थी उस पर अब पेट्रोल का छिडकाव किया जाएगा. इस ज्वाला में अभी कई आयामों को जलना है. यहाँ पर महानगर/राजनगर भी खतरे में है, प्राचीन नगरी में भी युद्ध चल रहा है एवं कैसे साइंस का एक अविष्कार बनेगा आयामों के तबाही का गुनाहगार!! साथ ही यहाँ पर कई नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव भी है. क्या होगा जब आमना सामना होगा इन नायकों का एवं क्या दें पाएंगे ये महानायक एक दुसरे को ‘चुनौती’.
नाम: चुनौती (राज कॉमिक्स विशेषांक) संख्या: 2445 वर्ष: 2010 प्रकाशन: राज कॉमिक्स मूल्य: 50
टीम
टीम में कोई बदलाव नहीं देखने को मिला, पिछली कॉमिक्स की टीम ने ही इस बार इस ‘चुनौती’ को सफतापूर्वक पूरा किया जिसके लिए सभी बधाई के पात्र है. अनुपम जी के चित्रों ने एक बार फिर नागराज और ध्रुव का पुराना स्वाद जगाया एवं इस कॉमिक्स का आवरण भी बड़ा अनोखा बना था.
आर्टवर्क – श्री अनुपम सिन्हा एवं साभार – राज कॉमिक्स
आवरण में नागराज और ध्रुव प्राचीन नगरी में खड़े है और उनके सामने है कई सारे उनके ही प्रतिरूप लेकिन ये पृथ्वी से नहीं है बल्कि पृथ्वी के ही अन्य आयामों से है. क्या होगा जब टकरा जाएंगे नागराज से कई नागराज और ध्रुव से कई ध्रुव, यहाँ पर कुछ प्रतिरुपों के हाँथ में हथियार भी है जो इस चुनौती को और भी खतरनाक बना देता है.
प्लाट
नागराज को लगता है की महानगर और राजनगर में होने वाली घटनाओं के पीछे प्राचीन नगरी का ही हाथ है और वह अपनी सिक्यूरिटी टीम को वहां के कुछ ढांचे तोड़ने की अनुमति देता है. वहीं राजनगर में ध्रुव का टकराव होता है एक अजीबोगरीब प्राणी से जिसने एक आदमी के हत्या का प्रयास किया है जिसके पास है एक ‘सीडी’. इस घटना के तार जुड़ते है हैड्राॅन कोलाईडर एवं उसके आविष्कारक से जिसके लिए ध्रुव को श्वेता और उसके साथी की मदद की जरुरत पड़ती है एवं अब उन्हें जाना है ‘जिनेवा’ जहाँ पर मौजूद है हैड्राॅन कोलाईडर के जनक वैज्ञानिक ‘सिरी’ .
यहाँ नागराज की सिक्यूरिटी टीम से आ टकराता है दुसरे आयाम का ‘नागराज’ जहाँ उसकी जबरदस्त टक्कर होती शीत नागकुमार और नागरानी से. इसी टकराव का हिस्सा बन जाता है पृथ्वी का नागराज और फिर देखने को मिलती है कांटे की टक्कर, दो सूर्यों का विध्वसं. कौन जीता इस लड़ाई में, कैसे अंत हुआ इस कहानी का, क्या ध्रुव हैड्राॅन कोलाईडर के रहस्यों को ढूंढ पाया एवं क्या हो पाया इस ‘चुनौती’ का अंत?
कहानी एवं आर्टवर्क
इस कहानी में है कई सारे नागराज, कई सारे ध्रुव और ध्रुव का धुर विरोधी – “ग्रैंड मास्टर रोबो” भी. अपराधी ‘मैग्नम’ जिसे पहले भाग में ज्यादा कुछ करने का मौका नहीं मिलता, चुनौती में वह खुल कर अन्य आयामों के लोगों को धमकाता है और उन्हें तबाह करने की कोशिश भी करता है. सब चल चुके है अपनी अपनी चाल और दांव पर लगा है कई आयामों का भविष्य. क्या होगा मैग्नम सफल? या दो नागराज के टकराव का नतीजा होगा भयानक? क्या होगा ध्रुव और उसके प्रतिरूपों का? ऐसे ही सवालों का जवाब है ‘चुनौती’.
कहानी थोड़ी और जटिल हुई है इस भाग में और आर्टवर्क एवं इंकिंग में इस बार काफी बदलाव देखने को मिला है. चित्र और पैनल बड़े ही शानदार बने है और नागरानी/नागराज का दुसरे आयाम के नागराज से टकराव देखने लायक है. ध्रुव भी इसी हैड्राॅन कोलाईडर के प्रभाव से बने माइक्रो ब्लैक होल के अंदर खिंचा चला जाता है जो आयामों के उथल पुथल का कारण भी है लेकिन कहानी का अंत यहाँ नहीं है, इसका अंत छिपा है इसके अगले भाग में जिसका नाम है – “हैड्राॅन”.
राज रजत वर्ष में इस कहानी की दूसरी कड़ी की भी अब समाप्ति होती है. जल्द ही मिलेंगे इसके अगले भाग के समीक्षा के साथ जिसका नाम है ‘हैड्राॅन’.
स्पॉइलर
जिन मित्रों को कहानी नहीं समझ में आई, ये खास उनके लिए है. मैग्नम के इशारे हैड्राॅन कोलाईडर को चलाया जाता है. मैग्नम के दो अपराधी गैंग के मेम्बर इसके लिए पुरानी नगरी में एक डिवाइस भी लगाते है और नागराज के हाथों पिट भी जाते है – पढ़े अवशेष. ये मैग्नम असल में भविष्य के आयाम का दुर्दांत अपराधी है और उसे इस आयाम का एक गहरा राज पता है जिसके कारण कई अन्य आयामों में भी खतरा मंडराने लगता है. बात ऐसी है की मैग्नम के आयाम में पृथ्वी वासियों के बसने में बड़ी परेशानियाँ आती है जिसमें उनका उन्नत विज्ञान भी कुछ खास मदद नहीं कर पाता.
इस परेशानी का विकल्प मिलता है उन्हें धरती यानि अपनी पृथ्वी के रूप में, दूसरें आयाम की तकनीक से वो लोग इस पृथ्वी के सभ्यताओं और उनके बसने के पैटर्न को कॉपी कर लेते है. जो इनके जुड़ाव का मुख्य कारण बन जाता है(डिवाइस के द्वारा एक विशेष फ्रीक्वेंसी का मिलान करके आयामों को जोड़ा एवं खोला जा सकता है). अब समुद्र में उठ आई प्राचीन नगरी असल में दूसरें आयाम का महानगर है और यहाँ की टूट फूट से वहां की जनता की जान-माल खतरें में है. जो इन दोनों नागराज के टकराव का मुख्य कारण भी है.
हैड्राॅन कोलाईडर के कारण ये प्राचीन नगरी इस धरती पर प्रकट हो जाती है और अन्य आयामों से जुड़ भी जाती है. ये सारा खेल मैग्नम द्वारा रचा गया है जिसमें वो बादशाह है और बाकी सब उसकी मोहरें, पर क्या सच में? क्या ध्रुव के दिमाग को समझ पाना इतना आसन है? क्या नागराज के असीम बाहुबल पर लोगों का विश्वास टिका रह पाएगा? क्या होगा आगे? इन्हीं सब सवालों के जवाब लेकर आ रहा है – ‘हैड्राॅन’.
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