बाल पत्रिका – लोटपोट (Children’s Magazine – Lotpot)
बच्चों की मनपसंद बाल पत्रिका लोटपोट। (Children’s Favorite Magazine Lotpot)
आज भले ही मनोरंजन के कई आयाम खुल चुके है पर पिछली शताब्दी में इतने अवसर उपलब्ध नहीं थे। आमोद-प्रमोद के लिए रेडियो, अख़बार, कॉमिक्स, नॉवेल्स, क्लब्स और खेलों के द्वारा लोग अपना समय व्यतीत करते थे। बच्चों के लिए भी कई बाल पत्रिकाएं प्रकाशित हो रही थी जिसमें चंदामामा और नंदन प्रमुख थी। ऐसे में एक और नई बाल पत्रिका क्या पाठकों के उपर अपनी छाप छोड़ पाएगी? जी बिलकुल और उसका आगाज हुआ वर्ष 1969 में एवं पत्रिका का नाम था ‘लोटपोट’ (Lotpot)। इसे लाने का श्रेय जाता है श्री ए पी बजाज को और ऐसे ही लोटपोट के प्रकाशन का सिलसिला आज से लगभग 50+ वर्ष पहले शुरू हुआ। लोटपोट एक बाल पत्रिका है जिसकी वर्तमान में भी पाठकों में मांग बनी हुई है। इसे दो भाषाओं (हिंदी एवं अंग्रेजी) में प्रकाशित किया जाता है। लोटपोट में वैसे कई प्रसिद्ध पात्र है लेकिन ‘मोटू-पतलू’ की सफलता का भारत में कोई पैमाना नहीं है, आज इनके एनीमेशन, फ़िल्में, अवार्ड्स, मर्चेंटडाईज और खिलौनों से पूरा बाजार भरा पड़ा है और देश के घर-घर में मोटू-पतलू के प्रशंसक मौजूद है।
मोटू-पतलू के अलावा भी कई पात्र इस बाल पत्रिका में नजर आते रहते है, जिसमें शेखचिल्ली, काकाश्री, मिन्नी, नटखट नीटू और जांबाज़ देवा प्रमुख और लोकप्रिय रहे है। इसके अलावा लोटपोट के शुरुवाती दिनों में कार्टूनिस्ट प्राण कृत ‘चाचा चौधरी’ भी लोटपोट में अपनी उपस्तिथि दर्ज करा चुके है। पहले लोटपोट साप्ताहिक प्रकाशित होती थी जिसे बाद में पाक्षिक कर दिया गया। लोटपोट ने पिछले दशकों में लाखों प्रतियाँ बेची है जो इसकी सफतला की कहानी बताती है। इस बाल पत्रिका के बाद बजाज जी मुंबई के फिल्म उद्योग पर आधारित एक फ़िल्मी पत्रिका भी लेकर आए जिसे लगभग सभी जानते होंगे, पत्रिका का नाम है ‘मायापुरी’ जो आज भी प्रासंगिक है।
निकलोडिओंन टीवी पर पिछले 11 वर्ष से मोटू-पतलू के कार्टून्स प्रदर्शित हो रहे है, बच्चों से लेकर बड़ों तक में इनका उन्माद देखने लायक है। लोटपोट पत्रिका भी अपने आप में एक संपूर्ण पत्रिका ही कही जाएगी जिसमें शिक्षाप्रद कहानियां, मजेदार तथ्य, चुटकुले, हास्य, एक्शन, गेम्स और सकरात्मक ख़बरों का जमावड़ा होता था जो की बालक-बालिकाओं के कल्पना शक्ति और दिमागी कसरत के लिए उपयोगी था। अभी हाल ही में लोटपोट ने अभिनेता सनी देओल की फिल्म ग़दर 2 का भी प्रमोशन अपने पत्रिका में किया था। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के साथ मिलकर इन्होने टैक्स को बेहतर ढंग से समझने के लिए कॉमिक्स प्रकाशित की थी एवं विश्व प्रसिद्ध वैक्स संग्रहालय – मैडम तुस्साद में भी आप लोटपोट के पात्र मोटू-पतलू को देख सकते है।
आज के बदलते दौर में लोटपोट के डिजिटल संस्करण भी कई आधिकारिक वेबसाइट और एप्स पर उपलब्ध है। वैसे भी अब भारत में हिंदी की गिनी-चुनी बाल पत्रिकाएं ही प्रकाशित होती है इसलिए वक्त है इन्हें संजोने का और आने वाली पीढ़ी को इनसे अवगत करवाने का। अगर देखें तो भारत के लोगों और मोटू-पतलू की नाश्ते के लिए पहली पसंद है – ‘समोसा’! जिसे दरकिनार कर पाना मार्वल के सुपरहीरोज के लिए भी मुश्किल होगा। तो समोसे के साथ आनंद लें लोटपोट पत्रिका का भी, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Lotpot, Akkad Bakkad, Champak, Bal Bhaskar and Bal Bharti – Set of 5 Kids Hindi Magazines