चाचा चौकड़ी – याहू पत्रिका 1991 – सुखवंत कलसी (Chacha Chaukadi – Yahoo Magazine 1991 – Sukhwant Kalsi)
चाचा चौधरी के बाद पढ़ें “चाचा चौकड़ी”, वर्ष 1991 में याहू पत्रिका में प्रकाशित। (After Chacha Chaudhary read “Chacha Chaukadi”, published in Yahoo Magazine in the year 1991.)
मित्रों, कॉमिक्स और पत्रिका का इतिहास भारत में काफी पुराना है जिसका टोह ले पाना किसी भी प्रशंसक के लिए मुश्किल है, आज भी जब इतिहास से कुछ पन्ने निकल कर आपके सम्मुख आ जाएँ तो अचानक ही मन उछल पड़ता है कि ऐसा भला कब हुआ? यह संभव है हमारे बीच मौजूद दिग्गज कलाकारों के दम पर जो आज भी अपने सानिध्य से पाठकों को चौंका रहे है, कुछ नया बता रहे है और ऐसा ही एक वाकया साझा किया है आज भारतीय कॉमिक्स जगत के अग्रणी कॉमिक बुक लीजेंड और कार्टूनिस्ट श्री सुखवंत कलसी जी ने। बात हो रही है कॉमिक्स के सबसे चर्चित पात्र कार्टूनिस्ट प्राण कृत ‘चाचा चौधरी’ की जिसके दो पृष्ठों की पैरोडी कॉमिक्स या कॉमिक स्ट्रिप प्रकाशित हुई थी ‘याहू’ पत्रिका में। इस स्ट्रिप का नाम था ‘चाचा चौकड़ी‘ और यहाँ के चाचाजी का दिमाग कबाड़ में पड़े कंप्यूटर से तेज़ चलता था। याहू पत्रिका सुखवंत जी ने ही 1990 के दशक में लांच की थी जिसमें भारत के फ़िल्मी कलाकारों के स्पूफ या पैरोडी होती थी। इसे बाकायदा चाचा चौधरी के कॉमिक्स जैसा ही बनाया गया है जिसमें पात्रों के नाम बदले हुए है और साथ कॉमेडी के लिए प्राण जी से क्षमा याचना भी की गई है। प्राण साहब के नाम में ही ‘कार्टूनिस्ट’ था और इसे तो हम आज के दौर में एक ‘होमेज’ के तौर पर ही देखेंगे।
ब्लैक एंड वाइट स्ट्रिप्स में प्रकाशित इस छोटे से स्ट्रिप में “चाचा चौकड़ी, छाबु और टब्बर सिंह” जैसे पात्र है जिनसे डायमंड कॉमिक्स पढ़ने वाले पाठक जरुर संबंध जोड़ पाएंगे और आज भी प्राण’स के माध्यम से यह सभी कॉमिक्स अमेज़न से लेकर सभी बड़े बुक सेलर्स तक में उपलब्ध है। चित्रकथा में साफ़ लिखा है कि यह ‘चाचा चौधरी की पैरोडी’ है और यहाँ तक के फॉन्ट्स भी वैसे ही इस्तेमाल किए गए है। बस यहाँ के चाचाजी अपने कार्य में सफल नहीं हो पाते, ही ही ही। स्ट्रिप के शीर्ष भाग में प्राण जी को ‘प्रणाम’ दर्शया गया है जो हमारे आर्टिस्टों के कौशल और योग्यता को प्रमुखता से दिखाता है। सुखवंत जी और मूर्खिस्तान का हार्दिक अभिनंदन की उन्होंने भारतीय कॉमिक्स इतिहास के इस धरोहर को हम सभी के साथ साझा किया, फॉलो कर लीजिये आज ही ‘सुखवंत कलसी का मूर्खिस्तान‘ और जुड़े रहें हमारे साथ। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
पढ़ें: कॉमिक बुक समीक्षा – प्राण’स – रमन और बादाम (Comic Book Review – Prans – Raman Aur Badam)