भगवान परशुराम – कार्तवीर्य अर्जुन – कथाम्रता (Bhagavan Parasurama – Kartavirya Arjuna – Kathamrta)
कथाम्रता – भगवान परशुराम की कहानी अब ग्राफिक नॉवेल प्रारूप में! (Kathamrata – The Story of Lord Parshurama Now In Available Graphic Novel Format!)
नमस्कार मित्रों, वैसे तो हम सबने ‘भगवान परशुराम’ (Bhagwan Parshurama) की कथा या तो कहीं सुनी होगी, किताबों में पढ़ी होगी या फिर इसे टीवी सीरियल में देखा होगा। यह कहानी हम बचपन से सुनते आ रहें हैं और आज भी भगवान परशुराम की युगों पुरानी कहानी प्रासंगिक लगती हैं। आतंक और अत्याचार का नाश करने के लिए उन्होंने अपने परशु यानि की फरसा को उठाया और धरती से 21 बार अत्याचारियों का उन्मूलन कर दिया। उन्होंने कार्तवीर्य अर्जुन यानि की ‘सहस्रबाहु‘ नामक राजा का अंत किया जिसने रावण जैसे शक्तिशाली राक्षस को भी युद्ध में हराया था। भगवान हरि विष्णु के छठें अवतार भी कहें जाते हैं परशुराम और भगवान भोलेनाथ ने परशु प्रदान किया था जिसके कारण ही उनका नाम ‘राम’ से ‘परशुराम’ पड़ा। उन्हें चिरंजीवी होने का वरदान प्राप्त था जिस कारण आज भी इस कलयुग में उनके होने के प्रमाण मिलते हैं। कथाम्रता द्वरा इसे ग्राफ़िक नॉवेल फॉर्मेट में उपलब्ध कराया गया हैं और इसके ग्राफ़िक्स लाजवाब हैं। क्या आप भगवान परशुराम की चित्रकथा को फिर से पढ़ना चाहेंगे?
इसे अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित किया गया हैं हालाँकि ‘कथाम्रता’ के सोशल मीडिया में इसके कई पृष्ठ हिंदी में भी देखे जा सकते हैं और आशा हैं की भविष्य में इसे हिंदी भाषी पाठकों के लिए भी उपलब्ध करवाया जाएगा। किताब ग्राफ़िक नॉवेल फॉर्मेट में हार्डकवर के रूप में अमेज़न पर क्रय के लिए उपलब्ध हैं। नीचे इसकी जानकारी दी जा रही हैं।
कॉमिक्स का विवरण – भगवान परशुराम (Product details – Bhagwan Parshuram)
- पब्लिशर : कथाम्रता (Kathamrta)
- भाषा : अंग्रेजी
- हार्डकवर : 196 पृष्ठ
- वजन : 580 ग्राम
- देश : भारत
- यहाँ से खरीदें : Bhagavan Parasurama – Kartavirya Arjuna – Kathamrta
इसकी कहानी जैसा की उपर लिखा गया हैं लगभग सभी जानते हैं और अगर आपने अभी तक भगवान परशुराम की कथा को नहीं पढ़ा हैं तो यह सुनहरा मौका हैं इससे आमने-सामने होने का। पाठकों ने भर-भर के इस ग्राफ़िक नॉवेल के आर्ट के बारें में लिखा हैं और नमूने वाले पृष्ठों को देखकर यह समझ में आता हैं की क्यों इसे इतनी प्रशंसा प्राप्त हो रही हैं।