डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 11 (Diamond Comics Vintage Ads)
Diamond Comics Vintage Ads: नमस्कार दोस्तों, डायमंड कॉमिक्स की विंटेज विज्ञापनों की श्रृंखला में एक बार फिर हम लेकर आएं है कुछ अनदेखें और पुराने विज्ञापन. आईये देखते है एक नज़र इन पुराने प्रचार विज्ञापन को.
पुराने विज्ञापन श्रृंखला – डायमंड 3D कॉमिक्स (Vintage Ads – Diamond 3D Comics)
डायमंड कॉमिक्स भारत की सबसे पुरानी कॉमिक्स प्रकाशकों में से एक है. चाचा चौधरी, बिल्लू, पिंकी, फौलादी सिंह, लम्बू मोटू, अंकुर और महाबली शाका जैसे ना जाने कितने शानदार और बेहतरीन कॉमिक्स के पात्र उन्होंने गढ़ें है. कार्टूनिस्ट प्राण के डायमंड कॉमिक्स में जुड़ने के बाद तो जैसे उनकी लोकप्रियता में पंख लग गए थे. ऐसा शायद ही कोई हो जिसने चाचा चौधरी का नाम अपने बचपन में ना सुना हो और अकसर लोग चाचा चौधरी के तीक्ष्ण बुद्धि के कारण इनका उदहारण देते पाएं जाते है की – “खुद को चाचा चौधरी समझते हो?“.
आज का विज्ञापन 1985 को एक बाल पत्रिका में छापा गया था और अस्सी के दशक में 3D कॉमिक्स प्रिंट करना कोई मज़ाक नहीं था. वर्ष 1983 में नवोदय स्टूडियो ने ‘माय डिअर कुट्टीचथान‘ नाम की पहली 3D फिल्म बनाई जो मलयालम भाषा में ‘त्रियामी’ रूप में सिनेमाघरों में प्रदर्शित की गई थी और उसे बाद में वर्ष 1997 को हिंदी भाषा में डब किया गया एवं उसे पहली हिंदी 3D फिल्म होने का गौरव भी प्राप्त है जिसे हम लोग आज ‘छोटा चेतन‘ के नाम से भी जानते है.
आप गौर करें तो पाएंगे की पहले प्रयोगधर्मिता अपने उच्चतम चरण में थीं जहाँ कॉमिक्स पब्लिकेशन ऐसे व्यवसायिक खतरे उठाने से भी नहीं कतराते थे और 3D कॉमिक्स प्रिंट करना तो शायद ही किसी ने सोचा ही होगा लेकिन एक पब्लिकेशन ने ऐसा किया था पर उसे पाठकों से क्या प्रतिक्रिया मिली यह आज के युग में कहना थोड़ा मुश्किल है.
डायमंड कॉमिक्स ने भी “चिम्पू पिकलू और गोलू मोलू” के नाम से 3D कॉमिक्स प्रकाशित की थी और उसका विज्ञापन आप नीचे देख सकते है. इस कॉमिक्स का मूल्य 6/- रुपये था और इसमें 32 पृष्ठों का समावेश था. इस कॉमिक्स के साथ एक 3D चश्मा बिलकुल मुफ्त दिया गया था. इस कॉमिक्स का कलर टोन भी अलग था जिसे ‘सुपर थ्री टोन’ कहा गया है.
एक बात गौर करने वाली यहाँ और है की यह मूल्य तब के दौर में सबसे ज्यादा था. डायमंड की जनरल कॉमिक्स (32 पृष्ठ) जहाँ 3.50/- रूपये की आ रहीं थी वहीँ ग्रीष्मकालीन विशेषांक (62 पृष्ठ) का मूल्य था 5/- रुपये. ऐसे में 6/- रुपये की 3D कॉमिक्स (32 पृष्ठ) निकलना कितना जोखिम भरा कदम होगा और उसे मूर्त रूप देना वाकई में डायमंड कॉमिक्स को अपने समकालीन प्रकाशकों से आगे ले जाता है. इस सेट से जनरल कॉमिक्स का मूल्य भी 4/- रूपये कर दिया गया.
कॉमिक्स बाइट फैक्ट्स (Comics Byte Facts)
“चिम्पू पिकलू और गोलू मोलू” डायमंड की पहली 3D कॉमिक्स थी और जैसा विज्ञापन में लिखा भी नज़र आ रहा है और कॉमिक्स का भावार्थ भी यहाँ बड़े ही अच्छे तरीके से बताया गया है जो आज भी अकाट्य है – ‘रोचकता के संसार में नया प्रयोग‘. कॉमिक्स का संसार बड़ा ही रोचक और अद्भुद है. यहाँ कॉमिक बुक आर्टिस्ट (लेखक, चित्रकार, रंग सज्जा, संपादक) आपको एक ऐसी दुनिया की सैर पर ले जाते है जिसके बारें सोचना ही एक सपने जैसा लगता है.
नन्हें मुन्नों की पहली पसंद डायमंड कॉमिक्स
जी हाँ भई, क्यों नहीं. नन्हें मुन्नों से लेकर बड़ो तक में प्रचलन था डायमंड कॉमिक्स का क्योंकि 3D कॉमिक्स के साथ साथ अन्य कॉमिक्स भी लगातार प्रकाशित हो रही थीं और अगर इस सेट की बात करें तो 3D कॉमिक्स के साथ छह और कॉमिक्स भी डायमंड द्वारा प्रकाशित की गई थी.
इस विज्ञापन सेट के डायमंड कॉमिक्स की सूची –
- अंकुर और एक इंच का हाथी
- पलटू और पागल ड्राईक्लीनर
- पिंकी और चैरिटी का टिकट
- मोटू पतलू और खजाने की खोज
- चाचा भतीजा और सोने का शेर
- फौलादी सिंह और धुंए की औरत
यह विज्ञापन बड़ा ही रोचक था और इसमें जिस प्रकार से 3D लिखा गया है वो भी चित्रकार की रचनात्मकता को दर्शाता है. 3D की छाया से डायमंड का आकार बनाना और उसके नीचे कॉमिक्स लिखना बेहद बढ़िया लग रहा है. वो अंग्रेजी में कहावत है की चित्रकार को इसके लिए फुल ‘ब्राउनी पॉइंट्स’ दिए जा सकते है. खैर, आज के लिए बस इतना ही, फिर मुलाकात होगी किसी अन्य विज्ञापन के साथ, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
और पढ़ें – डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 10 (Diamond Comics Vintage Ads)
साभार: कॉमिक्स बाइट आर्काइव्ज, कॉमिक्स कवर कलेक्शन और डायमंड कॉमिक्स