’80’ के दशक में सुपरमैन (Superman In The Eighties)
दोस्तों आज बात करेंगे ’80’ के दशक में प्रकाशित हुई ‘सुपरमैन’ के कुछ कॉमिक्स की जिनका संकलित संस्करण वर्ष 2006 को DC Comics द्वारा छापा गया था और इस ‘ग्राफ़िक नॉवेल’ का नाम था “Superman In The Eighties”. ‘अंग्रेजी’ भाषा की इस ग्राफ़िक नॉवेल की एक पूरी श्रृंखला है जैसे – “Superman In Fifties”, “Superman In The Sixties” और “Superman In The Seventies” जिनमें हर एक दशक में प्रकाशित हुई ‘खास’ कॉमिक्स का संकलन किया हुआ है. एक और बात इसे संग्रह लायक बनाती है की हर ग्राफ़िक नॉवेल में ‘परिचय’ कोई बड़ा कलाकार ही लिखता था जैसे 50′ का ‘मार्क वेड’, 60′ का भी ‘मार्क वेड’, 70′ का ‘क्रिस्टोफ़र रीव्स’ और 80′ का ‘जेरी ऑर्डवे’.
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‘जेरी’ बहुमुखी प्रतिभा के धनी है, इन्होंने कॉमिक्स के कई वर्गों में कार्य किया है. सभी पाठक इन्हें ‘इंकर’, ‘पेंसिलर’ और ‘लेखक’ के रूप में जानते है. DC Comics के लिये ‘जेरी’ पिछले 3.5 दशक से कार्य कर रहे है. उनके द्वारा दिया गया परिचय ‘विवरण’ वाकई में शानदार है. ‘Superman In The Eighties’ में कई उम्दा कॉमिक्स संकलित है और उसकी जानकारी नीचे दी गई है –
- The Miraculous Return Of The Jonathan Kent – Action Comics – Year 1980 – #507
- The Secret World Of Jonathan Kent – Action Comics – Year 1980 – #508
- If Superman Didn’t Exist – Action Comics – Year 1984 – #554
- The Day Earth Died – Superman – Year 1985 – #408
- Where No Superman Has Gone Before! – DC Comics Present – Year 1981 – #29
- Homeward Bound – Adventures Of Superman – Year 1987 – #430
- The Ghost Of Superman – Action Comics – Year 1987 – #595
- Lois Lane – Action Comics – Year 1988 – #600
- Games People Play – Action Comics – Year 1988 – #600
- Doppelganger – Action Comics – Year 1989 – #644
‘Superman In The Eighties’ में 192 पृष्ठ है और इसका मूल्य 20$ था.
‘जेरी ऑर्डवे’ ने अपने ‘परिचय’ के आलेख में काफी सारी जानकारी शेयर की है की 80 के दशक में कॉमिक्स और सुपरमैन कैसे बदलाव से गुजर रहे थे और आप ये जानकार चकित रह जायेंगे की ‘डायरेक्ट सेल्स’ का कांसेप्ट भी तभी शुरू हुआ था और अमेरका में ज्यादा कॉमिक बुक शॉप्स नहीं थी, 70 के दशक के अंत तक ‘ग्रोसरी’ और ‘फार्मसी’ स्टोर्स कॉमिक्स बेचा करते थे और ये क्रय-विक्रय का तरीका बिलकुल भी कॉमिक्स कंपनी के लिए फायदेमंद नहीं था, डायरेक्ट सेल्स ने कॉमिक्स खरीदने के सारे मापदंड बदल दिए और कॉमिक्स फैन्स को सुगमता से कॉमिक्स उपलब्ध होने लगी, इस तरीके की सेल का ‘फंडा’ भी कॉमिक्स प्रेमियों के सहयोग से शुरू किया गया था. इसके बाद ‘जेरी’ ने ये भी बताया की ‘क्रिस्टोफ़र रीव्स‘ के ‘सुपरमैन की सफलता ने कॉमिक्स इंडस्ट्री को बढ़ावा देने का कार्य किया और ’80’ के दशक ने सुपरमैन को एक नया आयाम दिया इसके पीछे सुपरमैन की कहानियाँ और ‘क्राइसिस ऑफ़ इनफाईनाइट अर्थ’ नामक कॉमिक्स सीरीज का बहोत बड़ा योगदान है (इसके बाद कई सुपरहीरोज को ‘रीबूट’ किया गया). ‘जेरी’ ने ये भी बताया की कैसे वो DC Comics के मुख्य किरदार सुपरमैन से जुड़े और कैसे DC कॉमिक्स ने लाइसेंसिंग और मर्चेनडाईजिंग पर कार्य किया. सुपरमैन के ’80’ के दशक में प्राकशित हुई कॉमिक्स इतिहास पर जेरी ने अच्छा ‘विवरण’ लिखा है.
कॉमिक्स कलेक्टर्स के लिए यह कॉमिक्स खास है और अस्सी के क्लासिक आर्टवर्क से सजी “Superman In The Eighties” सभी सुपरमैन फैन्स के पास जरुर होनी चाहिये. अब ये तो हुआ ‘इंट्रोडक्शन’ एवं इस ग्राफ़िक नॉवेल से जुड़ी कुछ खास जानकारी. हालाँकि कुछ कॉमिक्स फैन्स इसे काफी ‘एवरेज’ कलेक्शन भी मानते है लेकिन मैं अपनी बात करूँ तो मुझे ये बेहद पसंद आई और इसकी कहानियों पर भी किसी अन्य पोस्ट में प्रकाश डाला जायेगा, आभार – कॉमिक्स बाइट!