कॉमिक्स समीक्षा: ड्रैकुला रेवेलेशन्स – बुल्सआई प्रेस (Comics Review – Dracula Revelations – Bullseye Press)
बुल्सआई प्रेस की बात की जाए तो पिछले कुछ वर्षों में भारतीय काॅमिक्स पाठकों के लिए उन्होंने काफी अच्छा कंटेंट बनाया है। उनके नायक और नायिका बड़े ही अलग नजर आते है और बुल्सआई यूनिवर्स भी थोड़ा डार्क दिखाई पड़ता है। अधिरा-मोही, जालिम मांझा, यज्ञा और ड्रैकुला, यहाँ तक की राज रहमान भी। बहुत जल्द वो मांगा शैली में भी काॅमिक्स प्रकाशित करने वाले है जिसका नाम है ‘जालिम मांगा’ और साथ ही ड्रैकुला का पहला डायरेक्टर्स कट स्पेशल एडिशन भी।
बुल्सआई प्रेस कॉमिक्स की समीक्षा – ड्रैकुला अंक 2 (Comics Review Of Dracula Issue 2 By Bullseye Press)
ड्रैकुला द बैटल ऑफ थ्री किंग्स में नजर आए सिकंदर, पोरस और व्लाद (ड्रैकुला)। जहां पर ड्रैकुला अपनी प्रेयसी को प्राप्त करने के लिए पोरस से छल करता है। अब समय आगे बढ़ चुका है और यहां है नई चुनौतियां। क्या है रक्तपिपासु ड्रैकुला का नया खेल! कौन बनेगा उसका अगला शिकार? क्या कोई रोक पाएगा उसे? पढें ड्रैकुला रेवेलेशन्स (Dracula Revelations) में।
कहानी (Story Of Dracula Issue 2)
कहानी शुरू होती है एक युद्ध के मध्य जहां ड्रैकुला के नरपिचाशों का सामना होता है सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य से जिन्होंने अन्य राज्यों को अपने साथ लेकर उनके साथ एक संग्राम किया है। लेकिन इस युद्ध में सम्राट घायल हो जाते है और उन्हें युद्ध से हटना पड़ता है। अब राज्य पर ड्रैकुला और उसके अनुयायीयों का कब्जा हो चुका है। रोज-रोज नरपिशाच मानवों का संहार कर रहे है और मनुष्य उनका भोजन बन रहे है। ऐसे में ड्रैकुला को रोकने आया है एक चोर, एक बूढ़ा, एक पेशेवर योद्धा और साथ में एक विषकन्या! पर क्या यह टोली क्रूर सम्राट ‘व्लाद’ को रोक पाएगी? या बन जाएगी उनका शिकार? कौन है जिगर वाले लोग जो ड्रैकुला और उसके रक्त की प्यासी सेना से भी ना डरें और उनका जम कर मुकाबला भी कर रहे है! और सम्राट चंद्रगुप्त घायल होकर अपने राज्य से कहाँ चले गए? एवं ऐसे संकट के मौके पर कहाँ है धनानंद की दुनिया समाप्त करने वाले “कौटिल्य चाणक्य”? सभी जवाबों का उत्तर हैं ड्रैकुला रेवेलेशन्स!
टीम (Team)
कहानी में लेखक श्री सुदीप मेनन ने कमाल का कार्य किया है। बुल्सआई प्रेस की अधिरा-मोही 2 तो वैसे ‘फैन फेवरिट’ है लेकिन ड्रैकुला अंक 2 निर्विवाद रूप से बुल्सआई प्रेस की सबसे शानदार कहानीयों में से एक है। आर्टिस्ट दीपजाॅय सुब्बा का कार्य भी प्रभावित करता है। डार्क टोन लिए सेपिया और डार्क पैनल्स काॅमिक्स की कहानी से पूरा न्याय करते है। स्पैश पृष्ठ भी कमाल का बना है। श्री मौरीशियो सैंटिएगो ने रंगसज्जा की है और शब्दांकन और ग्राफिक डिजाइनिंग का कार्य हैं स्वयं संपादक श्री रविराज आहूजा ने। विशेष आभार में सुश्री लोरा जुकेरी, सुश्री मागेश्वरी मरीमुथु और श्री अनादी अभिलाष का नाम दिया गया है एवं इसके सह-प्रकाशक है शालू गुप्ता जी।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : बुल्सआई प्रेस
पेज : 32
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : मूल्य – 329/- रुपये से लेकर मूल्य 399/- रुपये तक, अधिक जानकारी के लिए बुल्सआई प्रेस पर जाएँ*
कहां से खरीदें : ड्रैकुला 2
निष्कर्ष (Conclusion)
बुल्सआई प्रेस ने ड्रैकुला अंक 2 के कई वैरिंयंट प्रकाशित किए है और पाठकों ने इसे सराहा भी है। ड्रैकुला 2 को पढ़कर बड़े दिनों बाद एक संतुष्टि मिली। बुल्सआई प्रेस के इस प्रयास को हमारी हार्दिक बधाइयाँ। कहानी आपको चौंकाने में सफल होती है और इसका आर्टवर्क भी शानदार बना है। अंत में भी आगे के लिए कुछ छोड़ा गया है जो ड्रैकुला का भविष्य तय करेगा। ड्रैकुला के अगले अंक के लिए शुभकामनाएं, आभार – काॅमिक्स बाइट!!
पढ़े ड्रैकुला अंक 1 का रिव्यु: कॉमिक्स समीक्षा: ड्रैकुला (बुल्सआई प्रेस) – (Comics Review – Dracula – Bullseye Press)