प्रोफेसर शोंकू (बांग्ला) कॉमिक्स करैक्टर बाय सत्यजीत रे
अतिथि लेखक सुप्रतिम साहा जी की कलम से.
सुप्रतिम जी इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे, वें उत्तर भारत के एक प्रसिद्ध विश्वविद्यालय में शिक्षाविद और प्रशासक भी है. उत्तर पूर्वी शहर अगरतला में जन्मे, एक कॉमिक बुक प्रेमी और युवा साहित्य के प्रति रुझान रखने वाले है. ये भारत के उत्तरी भाग और पूर्वी भाग के साहित्य/कॉमिक बुक प्रकाशकों से सामान रूप से जुड़े हुए है. सुप्रतिम जी हिंदी, बंगाली, मराठी और अंग्रेजी बोलने में सक्षम है, वह अपने विचार और ज्ञान से देश के विभिन्न क्षेत्रों में सक्रिय युवा साहित्य और कॉमिक बुक उद्योग में योगदान करने की कोशिश कर रहे हैं।
आज एक ऐसे किरदार के बारे में बात करेंगे जिन्होंने भारतीय कल्प विज्ञान के जगत में तहलका मचा दिया था पर कॉमिक्स की दुनिया में आने में उनको लगभग ४० साल लग गए. यहाँ मैं बात कर रहा हूँ अमर कथा शिल्पी स्वर्गीय सत्यजीत रे जी के वैज्ञानिक किरदार प्रोफेसर त्रिलोकेश्वर शोंकू की, १९६१ साल में इसके अभिर्भाव के बाद इस किरदार के ३८ नोवेल्स पब्लिश हुए १९९० तक. दो असमाप्त कहानिया भी सत्यजीत रे जी छोड़ गए जो वो पूरा करके नहीं जा पाए.
प्रोफेसर शोंकू के नाम से जानेजाने वाले ये किरदार गिरिडीह, बिहार [वर्त्तमान झारखण्ड] में रहता था. अपने अद्भुत अविष्कारों और रोमांचकार अनुभवों के चलते पहले प्रकाशन के समय पे ही इस किरदार ने सफलता के झंडे गाड़ दिए. एक के बाद एक डायरी फॉर्मेट में लिपिवद्ध किये गए उनके कारनामों ने पाठको को एक अद्भुत दुनिया के नशे में सराबोर कर दिया जिसमे वैज्ञानिक अविष्कार अपने समय के सोच के परे थे . एयरकण्डीशन पिल जिसे पॉकेट में रखने से शरीर के आसपास का वातावरण वातानुकूल हो जाता हैं , ऐनाइहिलीन पिस्तौल जो की हर जीवित वस्तु को भस्म कर दे जैसे अविष्कारों का उल्लेख पाठक को भविष्य की दुनिया की सैर कराते. प्रोफेसर शोंकू के निम्नलिखित कुछ एडवेंचर्स के नाम ही आपके ज़हन में रोमांच का अनुभव पैदा करने में सक्षम हैं.
प्रोफेसर शोंकू के कुछ कहानियों के नाम (हिंदी में अनुवादित आपकी सुविधा के लिए)
- प्रोफेसर शोंकू और हड्डी
- प्रोफेसर शोंकू और इजिप्शियन आतंक
- प्रोफेसर शोंकू और मकाओ
- प्रोफेसर शोंकू और आश्चर्य पुतला
- प्रोफेसर शोंकू और गोलक रहस्य
- प्रोफेसर शोंकू और ची चिंग
- प्रोफेसर शोंकू और खोका
- प्रोफेसर शोंकू और भूत
- प्रोफेसर शोंकू और रोबू
- प्रोफेसर शोंकू और रक्तमत्स्य रहस्य
- प्रोफेसर शोंकू और गुफा कोचाबम्बा का
- प्रोफेसर शोंकू और गोरिल्ला
- प्रोफेसर शोंकू और बक्सा बगदाद का
- स्वप्नदीप
- आश्चर्य प्राणी
- मरू रहस्य
- कर्वस
- एक श्रृंग अभियान
- स्मरणशक्ति डॉक्टर शेरिंग की
- हिप्नोजेन
- प्रोफेसर शोंकू की शनि दशा
- प्रोफेसर शोंकू का सुवर्ण अवसर
- मनरो द्वीप का रहस्य
- कोम्पू
- दूत महाकाश का
- नकुड़ बाबू एवं एल डोराडो
- कांगो अभियान
- प्रोफेसर शोंकू और यु ऍफ़ ओ
- समाधी नेफरुदेत की
- अविष्कार डॉक्टर दानिएल का
- डॉन क्रिस्टोबोल्डी की भविष्यवाणी
- स्वर्णपर्णी……… इत्यादि!
प्रोफेसर शोंकू की आखरी सम्पूर्ण एडवेंचर स्वर्णपर्णी के लगभग १ दशक बाद अभिजीत चट्टोपाध्याय जी के मन को मोह लेने वाले चिंत्रांकन का हाथ पकड़ के प्रोफेसर शोंकू ने कॉमिक्स की दुनिया में कदम रखा, गौर तलब हैं की ७० से ८० पन्नो के दिमाग को झकझोर कर रख देने वाले एडवेंचर्स को महज़ ४० पन्नो के कॉमिक्स में रूपांतरित करना आसान काम नहीं था पर अभिजीत जी और आनंद पब्लिशर्स की टीम ने इस असंभव को भी संभव कर दिखाया. आज दो दशक बाद प्रोफेसर शोंकू के लगभग आधे एडवेंचर्स को कॉमिक्स में तब्दील किया जा चूका है जिसकी सबसे ताज़ा कड़ी है हिप्नोजेन, जिसे हाल ही में आनंदमेला मैगज़ीन के मार्च २०२० के एडिशन में प्रकाशित किया गया है. इसके अलावा प्रोफेसर शोंकू और हड्डी, प्रोफेसर शोंकू और मकाओ, प्रोफेसर शोंकू और आश्चर्य पुतला, प्रोफेसर शोंकू और ची चिंग, प्रोफेसर शोंकू और खोका, प्रोफेसर शोंकू और रक्तमत्स्य रहस्य, प्रोफेसर शोंकू और गोरिल्ला, स्वप्नदीप, आश्चर्य प्राणी, मरूरहस्य, एक श्रृंग अभियान, स्मरणशक्ति डॉक्टर शेरिंग की ,मनरो द्वीप का रहस्य, दूत महाकाश का, कांगो अभियान, प्रोफेसर शोंकू और यु ऍफ़ ओ, स्वर्णपर्णी इत्यादि प्रमुख है जिनके कॉमिक संस्करण ने सफलता का स्वाद चखा हैं.
इन सबके अलावा हाल ही में सत्यजीत रे जी के सुपत्र संदीप रे जी ने पहली शोंकू मूवी नकुड़ बाबू एवं एल डोराडो का निर्देशन भी किया है जिसे दिसंबर २०२० में पुरे भारतवर्ष में रिलीज़ किया गया.
रेडियो मिर्ची के अंतर्गत संडे सस्पेंस ऑडियो स्टोरी प्रोग्राम ने भी प्रोफेसर शोंकू के कहानियो से पिछले एक दशक से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर रखा हैं. उम्मीद करेंगे की शंकु कॉमिक्स को अनुवाद के माध्यम से भारत के पाठकवर्ग के पास पहुंचने का बीड़ा भी कोई पब्लिशिंग हाउस जल्द ही उठाएगी. आशा हैं ये लेख आपको पसंद आएगा, कुछ महत्वपूर्ण जानकारी के लिए मैं बुक फार्म पब्लिकेशन के कॉमिक्स ओ ग्राफ़िक्स किताब का आभार व्यक्त करता हूँ.
अगर आप इन्हें बंगला में पढना चाहते है तो नीचे एक लिंक दिया जा रहा है, विजिट कीजिये.
सुप्रतिम साहा!