Doga – Mumbai Ka Rakhwala (Short Movie)
नमस्कार दोस्तों, पिछले दिनों यू ट्यूब पर डोगा – “मुंबई का रखवाला” नामक लघु फीचर फिल्म रिलीज़ की गई जिसे आज से लगभग 3 वर्ष पहले नागराज जन्मोत्सव के वक्त वहां पर उपस्थित गणमान्य सदस्यों को दिखाया गया था एवं उसे बाद में प्रचलन में आ रहे वेब स्ट्रीमिंग पोर्टल में डालने की चर्चा भी चल रही थी। बड़ा ही गजब का हाइप क्रिएट किया गया था और कॉमिक्स प्रशंसकों में इस बात को लेकर उत्साह भी चरम पर था। जिन्होंने ने उस प्रीमियर को देखा, बिना तारीफों के ना रह सका, हालाँकि डोगा का स्क्रीन टाइम बड़ा ही कम दिखाया गया लेकिन उसके स्क्रीन में आते है हाल में जो गडगडाहट सुनी गई उसने एवेंजर एन्डगेम के ‘एवेंजर्स अस्सेम्ब्ल’ को एक छोटी सी टक्कर तो जरुर दी थीं। बहुत ही यादगार लम्हा था वो जिसे हर कॉमिक्स प्रेमी संजो कर अवश्य रखना चाहेगा।
लेकिन जैसा आप सोचें वैसा हो जरुरी नहीं!! इस लघु फिल्म ने स्ट्रीमिंग क्या, यू ट्यूब के दर्शन भी नहीं देखें। कुछ महीनों तक कॉमिक्स प्रशंसकों ने इसका इंतजार किया, बाज़ार में अटकलों का माहौल गर्म रहा, नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम जैसे पोर्टल एवं कुछ वर्ष बाद ‘डेलीमोशन’ जैसे वीडियो स्ट्रीमिंग चैनल पर भी इसके रिलीज़ होने के आसार नजर आए, लेकिन हुआ कुछ नहीं और पाठकों ने इसे ठंडे बस्ते में पड़ा मान लिया। कुछ दिन पहले अचानक से श्री विक्की कौल जो इस फिल्म के निर्देशक भी हैं उन्होंने इसे अपने यू ट्यूब चैनल पर रिलीज़ करने की घोषणा की एवं रबर स्विच नामक चैनल पर इसे ‘लाइव’ भी कर दिया। कई वर्षों से अटकी पड़ी इस लघु फीचर फिल्म को देखने के लिए पाठक आज भी आतुर दिखें हालाँकि उनमें पहले वाला जोश नदारद रहा, अगर आपने भी इसे नहीं देखा तो लिंक नीचे साझा किया जा रहा है।
कहानी की ज्यादा बात ना करके और आप लोगों को कोई स्पॉइलर ना देकर मैं यह बता दूं की फिल्म की लम्बाई कुछ 18 मिनिट और 41 सेकंड्स हैं और इसे ‘इंस्पेक्टर चीता‘ के मद्देनज़र लिखा गया है। कुछ शुरुवाती मिनटों में भूमिका बाँधी गई है जहाँ मुंबई में किसी पठान गैंग का वर्चस्व दिखाया जाता है और चीता भी उसी कड़ी में उनके पीछे लग जाता है, यह नाम का नहीं कानून का भी चीता है जो उन्हें नेस्तनाबूद करने उनके अड्डे तक पहुँच जाता है लेकिन उसके बाद क्या होता है यह तो आपको फिल्म देखकर ही समझना होगा।
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अदायगी भी सभी की ठीक ठाक है और इंस्पेक्टर चीता का रोल बेहद अच्छा बन पड़ा है, डोगा भी फिल्म में है लेकिन जैसे मैंने उपर बताया की उसका स्क्रीन टाइम आशा के अनुरूप कम प्रतीत होता है। फिल्म की पटकथा बढ़िया है जिसका सारा श्रेय श्री संजय गुप्ता जी को जाता है एवं फिल्म में उनका एक कैमियो भी है जो आपको मार्वल फिल्मों में सर ‘स्टेन ली’ की याद दिला सकता है। अगर आप राज कॉमिक्स या डोगा के प्रसंशक हैं तो इसे आपको जरुर देखना चाहिए, बाकी फिल्म को पसंद करना या ना करना यह दर्शकों के अधिकार क्षेत्र में आता है, पर एक बार अवश्य देखें ताकी इन जुझारू क्रिएटिव्स के प्रयासों को उचित सम्मान मिलें, आभार – कॉमिक्स बाइट!!