नागप्रलय और आदिपर्व – राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता (Nagpralay And Adiparv – Raj Comics by Sanjay Gupta)
नागराज!! जब यह नाम आप सुनते हैं तो बरबस ही एक हरे मानव का किरदार आपके स्मृति में कौंध उठता है। यह आतंकावाद का विनाशक है जो कभी खुद ही उनके हाँथ की कठपुतली बना घूम रहा था पर बाबा गोरखनाथ के आशीर्वाद के फलस्वरूप इसने अपराधियों का समूल नाश करने की कसम खाई और बन गया – आतंकहर्ता नागराज!!
तौसी!! नागलोक का राजकुमार, इच्छाधारी सर्प, अप्सरा का प्रेमी और नागबाबा का प्रचंड भक्त। अद्भुद और इच्छाधारी शक्तियों से लैस दुश्मनों का सफाया उसने कई बार किया, अपने राज्य की सुरक्षा और लोगों की रक्षा ही उसका परम धर्म है एवं जब भी उसकी प्रेयसी अप्सरा पर कोई खतरा मंडराया तो तौसी ने काल बन कर उसे हर लिया!!
क्या होगा जब टकरा जाएंगे ये दो महानायक? निश्चित ही धरती पर प्रलय आ जाएगी और कुछ ऐसे ही टकराव की गाथा है – नागप्रलय।
मित्रों राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता की ओर से नए सेट की घोषणा हो चुकी है और इस बार पाठकों के लिए वो लेकर आएं है दो नई कॉमिक्स जिनमें एक है “नागप्रलय” जहाँ नागराज और तौसी की घमासान टक्कर होने वाली है वहीँ दूसरी कॉमिक्स है “नागग्रंथ” से ‘आदिपर्व‘ जिसे नरक नाशक श्रृंखला के आगामी कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। नागप्रलय के आकार में परिवर्तन है और अब राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता द्वारा कुछ नए प्रकाशित कॉमिक्स आपको इसी रंग-रूप में देखने को मिल सकते हैं। कॉम्बो सेट की जानकारी नीचे साझा की गई।
इस कॉम्बो सेट का मूल्य 1400/- रुपये हैं जिसे पाठक मात्र 1200 रुपये में प्री आर्डर पर प्राप्त कर सकते है। नागप्रलय पेपरबैक का मूल्य जहाँ 200/- रुपये है, वहीँ अदिपर्व पेपरबैक का मूल्य 500/- रुपये और इसकी पृष्ठ संख्या 96 हैं और साथ ही इसके संग्राहक संस्करण का मूल्य 700/- रुपये है।
कलेक्टर्स जहाँ इस मूल्य को वहन कर सकते है एवं कई तो प्री आर्डर भी कर चुके हैं पर वहीँ राज कॉमिक्स के कई अन्य प्रशंसक इन मूल्यों को लेकर संशय में है एवं उनका बजट भी बिगड़ा नजर आ रहा है। ऐसे में कई कॉमिक्स के पाठक शायद कॉमिक्स से दूर भी हो जाएं जो अभी स्कूल-कॉलेज में है और हाल ही के वर्षों में कॉमिक्स से जुड़े हैं। मेरे ख्याल से प्रकाशकों को कुछ इनका भी ध्यान रखना चाहिए ना की बस कलेक्टर्स को नज़र में रखकर इन्हें प्रकाशित करना चाहिए, किसी इकोनोमिकल एडिशन पर भी विचार किया जा सकता हैं हालाँकि यह निर्णय प्रकाशन को ही लेना पड़ेगा। मूल्यों को लेकर एक नकारात्मकता की लहर चल पड़ी है जिसका आंकलन करना बहुत जरुरी हैं, लेकिन किसी के बहकावे में ना आएं और अगर आपको यह मूल्य सही लगता है तो कॉमिक्स जरुर खरीदें। नागराज के लाखों प्रसंशक हैं मेरे ख्याल से उसका एक भी पाठक अगर उसकी कहानी पढ़ने से वंचित रह गया तो यह एक तरह की नाइंसाफी ही होगी क्योंकि अब लाइब्रेरी का जमाना नहीं रहा की आप कम मूल्य पर भी कॉमिक्स का आनंद ले पाएं। यहाँ बता दूँ की प्रकाशन का निर्णय ही सर्वमान्य है और रहेगा, इस पर किसी तरह का भ्रम ना फैलाएं।
आर्डर कहाँ से प्रेषित करें इसकी जानकारी नीचे है –
- कॉमिक्स अड्डा (Pre-Order)
- देव कॉमिक्स स्टोर (Pre-Order)
कॉमिक्स जरुरत नहीं, यह आपके मनोरंजन का हिस्सा है। प्रकाशन की भी अपनी जिम्मेदारियां हैं, लेखक, चित्रकार, रंग-सज्जा, स्याहिकार के कार्यों के समाप्ति के बाद ही कॉमिक्स को प्रिंट किया जाता है इसलिए क्या होगा और क्या नहीं इस तर्क को अब यहीं विराम देता हूँ और अगर आप इन्हें क्रय कर सकते है तो मौका मत चूकिएगा नहीं तो ‘डुगना लगान देना पड़ेगा’, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Azadi Ki Jwala | Swatantrata Senani Dhruva | Raj Comics by Manoj Gupta
आपका ये लेख बिल्कुल प्रकाशक की महिमा करता नज़र आता है, आज के समय मे भी हिन्दी कॉमिक्स एक नोवल्ती है और 3000 से ज्यादा खरीदार भी नही बचे हैं, तो इनको उन सब को रोक के रखनें की जिम्मेदारी तो वहन करनी पड़ेगी नही तो फिर अपनी दुकान ही बंद कर दें अगर पड़ता नही पड़ रहा है तो जी।
आपका ठग पाठक
हेमंत जी, कॉमिक्स भी एक व्यवसाय है! कृपया इसे जस्बातों से ना तौलें, अगर आपको कोई शिकायत है तो प्रकाशक से संपर्क करें! बाकि लेना या छोड़ना यह कॉमिक्स प्रशंसकों का निर्णय है!
RC 20 साल से ज्यादा घाटे में रही है । यही करण है कि price बढ़ाए गए है । सच्चाई तो यही है कि अब चाहे संजय जी हो या मनोज जी कोई भी comics घाटे में नही बेचना चाहता , वह इसे एक मुनाफे का कारोबार बनाना चाहते है और इनका मकसद अब comics से बड़ा हो चुका है । इसका सबूत प्रलय का देवता का trailer है ।
Comics Byte, your articles are awesome. Keep going!!
Can please some one tell me, what is the deal here, Sarp Satra which is titled as “Raj Comics by Monoj Gupta” and Nag Pralay which is “Raj Comics by Sanjay Gupta”.
Are these 2 comics connected?
What is the difference between “Raj Comics”, “Raj Comics by Monoj Gupta” and “Raj Comics by Sanjay Gupta”
Basically, Raj Comics divided into 3 publications now. Sarpsatra & Nagpralay is not connected, both are having Separate story line
with 3 publications and timelines, its a mess for returning readers. I was under assumption that Naag Pralay was actually going to be related to SarpDwand. So we can still expect Sarp-Dwand. And what about Tausi in NaagPralay vs Tausi in AadiParv(Narak Nasshak). And there is no mention of which Naagraj is depcited in Naagpralay? I am assumng its AaatankHarta Naagraj and not VishwaRaskhak Nagraj. RCBSG hasnt clearly stated whether the good old nagraaj stories will be continued by them or not(after Dragon King).
I can’t deny, it’s really confusing still you can go ahead with any one. These are new story lines. Loosely connected to each other.