वर्ल्ड आर्ट डे
दोस्तों आज वर्ल्ड आर्ट डे (World Art Day) है, आर्ट यानि ‘कला’. इसके कई रूप है, विश्व में करोड़ो लोगो का ये रोजगार है. आर्ट की सबसे बड़ी खूबी ये है की शायद आपके पास वो टैलेंट(प्रतिभा) हो जो आपको कलाकार बना दें लेकिन अगर आपने उसे माँजना नहीं सीखा तो शायद आपकी उन्नति में वो बाधक हो सकता है, जैसे एक लेखक अगर लिखना छोड़ दे तो उसकी लेखनी कुंद पड़ जाएगी, एक चित्रकार अगर चित्र बनाना छोड़ दे तो बाद में उसे सीधी लकीर खींचने में भी कठनाई होगी, एक संगीतकार का रियाज़ के बिना बेसुरा हो सकता है, जैसे अदाकार को नाट्य की शिक्षा प्राप्त न हो तो वो इधर उधर निकल जाता है, एक अंग्रेजी की कहावत भी है “प्रैक्टिस मेक्स अ मैन परफेक्ट” मतलब “अभ्यास ही मनुष्य को परिपूर्ण बनाता है”.
कला के कई रूप है
- प्रदर्शन कला (संगीत, नृत्य, थिएटर और स्वदेशी रूप)
- दृश्य कला रूपों (सभी प्रकार की पेंटिंग, मुद्रण, ड्राइंग, फिल्में, फोटोग्राफी, डिजिटल (टीवी सहित इलेक्ट्रॉनिक रचनाएं)
- मुद्रित शब्द (साहित्य, कविता और नाटक लेखन)
- वास्तुकला (रेत और बर्फ के महल सहित सभी प्रकार)
- मूर्तिकला (बड़े और छोटे)
- मिट्टी के बर्तनों (पॉटरी)
- सार्वजनिक कृतियां
- वुड वर्किंग
- मेटल वर्किंग
- पेपर-फोल्डिंग (ओरगामी)
- खाद्य कला (बावर्ची) और शायद ऐसे ही हजारों अन्य कार्य..!
अब आप समझ गए होंगे की दुनिया में लगभग सभी कलाकार है लेकिन जिन्होंने उसका अभ्यास किया वो सर्वकालिक एवं जगत में विख्यात हुए, अगर आप कुछ रचनात्मक बना पाए तो आप भी कलाकार है, अदि-मानवों का गुफा के दीवारों पर चित्र उकेरना, महर्षि द्वारा वेदों का लिखा जाना, साइंस मानते है तो ‘बिग बैंग’ यानि ब्रह्मांड का निर्माण या अगर मैं कहूँ सबसे पहला कलाकार तो वो “ईश्वर” ही था जिसने सृष्टि का निर्माण किया.
अब बात आर्ट की है तो उससे हमें क्या मिला? जवाब है विसुअल आर्ट्स की बदौलत हम लोगों को कॉमिक्स मिली और इसका इतिहास ज्यदा पुराना नहीं है, मुझे विकिपीडिया का एक शानदार आलेख मिला है जिसमे कॉमिक्स के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है और मेरा ख्याल है हर एक कॉमिक्स प्रसंशक को एक बार इस लेख को जरुर पढना चाहिये जिसका शीर्षक है – “कॉमिक्स“!
अगर आपके भी मित्र मंडली में कोई कलाकार है, तो वो भी आज बधाई के पात्र है. उनकी सृजनशक्ति से इस जग में अगर कोई कल्याणकारी कार्य हुआ, लोगों को सीख मिली, आपको कुछ जानने का मौका मिला तो बेशक उन्हें धन्यवाद कहें और क्योंकि मैं खुद एक कलाकार हूँ तो अपने सभी मित्रों को कॉमिक्स बाइट के माध्यम से शुक्रिया कहना चाहूँगा. लॉकडाउन जारी है तो फिलहाल इसका पालन करें, मिलकर नहीं बल्कि अन्य सुविधाओं का लाभ लेते हुए उन्हें संदेश प्रेषित करे!
15 अप्रैल यानि आज के दिन को विश्व कला दिवस के नाम से भी जाना जाता है, यह समारोह कलात्मक कृतियों और समाज के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करता है, यह प्रयास कलात्मक अभिव्यक्तियों की विविधता के बारे में अधिक जागरूकता प्रदान करके समाज को प्रोत्साहित करता है एवं यहाँ पर मौजूद कलाकारों के सतत विकास में योगदान को उजागर भी करता है”
– उनेस्को
चंद लाइन्स मेरे द्वारा सभी कलाकारों के लिए –
सृजन का पैमाना नहीं,
एक लकीर भी दिशा दिखाती है,
लाल रंग में लिपटे कुछ शब्द,
खतरों से अवगत करवाती है,
बुद्धू पेटी के अंदर ज्ञान का भंडार छिपा था,
संगणक की गणना पर विश्व का मान टिका था,
तकनीक से बैर नहीं पर इस्तेमाल पर संज्ञान जरूरी,
नृत्य, चित्र, वादन, इन पर भी ध्यान जरूरी,
कला के रूप अनेक,
करने वाले व्यक्तितव विशेष,
करें जग का जन कल्याण,
‘वर्ल्ड आर्ट डे’ पर मेरा सबको प्रणाम!!
हैशटैग_ओरिजिनल (मैनाक)
उम्मीद है वर्ल्ड आर्ट डे पर लिखा ये लेख आपको पसंद आया होगा, क्योंकि मैं खुद एक स्केच आर्टिस्ट भी हूँ तो नीचे संलग्न है एक पुराना स्केच (थोड़े एडिट्स के साथ) सिर्फ आज के खास दिन के लिए, सभी पाठक गण स्वस्थ रहें, घर पर रहें, सुरक्षित रहें, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Very good ????
Thanks Manmeet Dedialla Ji