थ्रिल हॉरर सस्पेंस – पपुआ – राज कॉमिक्स (Thrill Horror Suspense – Papua – Raj Comics)
थ्रिल हॉरर सस्पेंस का हाहाकारी दौर – राज कॉमिक्स की डरावनी प्रस्तुति ‘पपुआ’! (A Thrilling Round Of Thrill Horror Suspense In Raj Comics Scary Presentation ‘Papua’!)
राज कॉमिक्स सिर्फ अपने सुपरहीरोज के लिए ही प्रसिद्ध नहीं था बल्कि वो अपने ‘जनरल कॉमिक्स और थ्रिल हॉरर सस्पेंस’ के लिए भी जाना जाता था जिसमें एक्शन-एडवेंचर एवं हॉरर का अच्छा मेल पाठकों को पढ़ने मिल जाया करता। ‘पपुआ’ भी नब्बें के दौर में प्रकाशित एक हाहाकारी हॉरर कॉमिक्स थी जिसने अपने पाठकों को पढ़ते वक्त रोमांचित कर दिया था। राज कॉमिक्स के जनरल पेपरबैक फॉर्मेट में प्रकाशित 32 पृष्ठों की पपुआ कॉमिक्स में हॉरर के अलावा एक्शन, खून-खराबा और ट्विस्ट भी है जो इसे हॉरर पढ़ने वाले पाठकों की पहली पसंद बनाता है। वैसे कमज़ोर दिल और 18 वर्ष की कम आयुवर्ग से इन कॉमिक्स को दूर रखा जाना चाहिए!
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पपुआ कॉमिक्स अफ्रीका के जंगलों में शुरू होती है जहाँ एक किवदंती विख्यात है – ‘मौत का दूसरा नाम है पपुआ‘। यहाँ बात तंजानिया के घने जंगलों की हो रही है जहाँ छुपा है ‘काबुकी का खज़ाना’ भी और वहां राज चलता है बलशाली सम्राट थोडांगा का! हालाँकि शायद सम्राट थोडांगा भी इस खौफनाक राज से अनिभिज्ञ होगा। खैर, कहानी बढ़ती है एडवेंचर सेल ‘माकू’ की ओर जहाँ कुछ लोग ‘एड्रिनैलिन’ के जोश और कुछ हटकर करने की चाहत के लिए इस संस्था से जुड़ते है और वहां वो मात्र ट्रेनिंग ही नहीं अपितु कई जोखिम भरी यात्राएँ भी करते है। इस बार इनका गंतव्य है ‘तंजानिया’ के घने जंगल जहाँ विश्व के कोने-कोने से जुड़े 10 सदस्यों की टीम इस रोमांचक गतिविधि में हिस्सा ले रही है एवं इनमें दिल्ली, लंदन, अंगोला, हवाई, घाना और केपटाउन जैसे बड़े शहरों के लोग शिरकत करते है। चिकी नाम की महिला उनकी गाइड है और उसे सख्त निर्देश है की शाम होने से पहले वो अपने कार्यक्रम को पूर्ण करके लौट आएं, साथ ही माकू वैन के चालक को भी चेताया जाता है।
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पपुआ जो इस नरभक्षक काबिले का सरदार था जिसने इस इलाके के राजकुमार की हत्या की थी, फलस्वरूप उसके पूरे काबिले को आग के हवाले कर दिया गया। पपुआ इस हादसे में मरा नहीं और अपने तंत्र-मंत्र की शक्तियों से बन बैठा यहाँ मृत्यु का देवता। बाद में लोग इस जगह जाने से कतराने लगे और वहां पपुआ काबिले का निशान ‘भयानक मुखौटे’ लगाकर छोड़ दिया गया ताकि जंगल में भटके लोग भी यहाँ भूल से भी ना जाएं। इसी जंगल में फैला है पपुआ का मायाजाल! फिर क्या हुआ इस रोमांचक यात्रा में की वहां मौजूद सभी लोगों की आँखे डर से फटी की फटी रह गई। क्या हुआ इस माकू दल के दस सदस्यों का? क्या वो इस भयानक खतरे से खुद को बचा पाए? इन्हीं पहेलियों को सुलझाती है यह थ्रिल हॉरर सस्पेंस की हैरतअंगेज कॉमिक्स ‘पपुआ’।
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पपुआ के लेखक है तरुण कुमार वाही जी, जो अपने लेखकीय कार्यों के लिए भारतीय कॉमिक्स जगत में बेहद लोकप्रिय है। कॉमिक्स के चित्र बनाएं है आर्टिस्ट सुरेंद्र सुमन जी ने जिन्हें पुराने पाठक मनोज कॉमिक्स के ‘महाबली शेरा’ और डायमंड कॉमिक्स में ‘महाबली शाका’ के कॉमिक्स में देख चुके है, अफ्रीका और कबीला उनके पसंदीदा शैली कहे जा सकते है। संपादन है ‘मनीष चन्द्र गुप्त’ जी का और उनके साथ है समस्त राज कॉमिक्स की क्रिएटिव टीम भी। कवर आर्ट बनाया है कला जगत के पितामाह प्रताप मुल्लिक जी ने जो बहुत ही सुंदर बना है, अपने वाटरकलर पेंटिंग स्टाइल के लिए प्रसिद्ध मुल्लिक जी ने यहाँ भी कॉमिक्स की थीम को खूबसूरती से उकेरा है। पपुआ जनरल क्रमांक संख्या #328 के रूप में प्रकाशित हुई थी और इसका मूल्य था 6/- रुपये। अपने अन्य समकक्ष राज कॉमिक्स की हॉरर कहानियों से ये कहीं भी कमतर ना थी और कॉमिक्स कई बार पाठकों को अनसुलझे सवालों में फंसा देती है जिसका रहस्योंघाटन कहानी के अंत में होता है। ‘पपुआ’ नाम भी बेहद अलग तरह का है जो इसे आकर्षक बनाता है और आवरण को देखकर कोई भी हॉरर कॉमिक्स का प्रशंसक इसे पढ़े बिना नहीं रह सकेगा। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Raj comics by sanjay gupta | X Series | X Series Collection Set
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