द अलायंस रिव्यू – सुपर कमांडो ध्रुव और डोगा – राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता (The Alliance Review – Super Commando Dhruv And Doga – Raj Comics By Sanjay Gupta)
क्या राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता की लघु फीचर फिल्म ‘द अलायंस’ दर्शकों की उम्मीद पर खरी उतर सकी? (Did Raj Comics by Sanjay Gupta’s short feature film ‘The Alliance’ live up to the expectations of the audience?)
द अलायंस (The Alliance): राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता की बहुप्रतीक्षित लघु फीचर फिल्म ‘द अलायंस’ आखिरकार उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध हो गई। जानकारी के अनुसार इस फिल्म में राज कॉमिक्स के सुपरहीरो ‘सुपर कमांडो ध्रुव और डोगा’ मुंबई में घटित हो रहे एक षड्यंत्र को रोकने एक साथ आएंगे और अपराधियों से दो-दो हाँथ करेंगे। इस फिल्म को देखने के लिए दर्शकों को 59/- रूपये का सब्सक्रिप्शन मूल्य चुकाना होगा और इसके बाद आप इस फिल्म का आनंद 4K HD में उनके चैनल पर ले सकेंगे। कॉमिक्स बाइट ने भी हाल ही में इसे देखा है और हम पेश है अपने “नो स्पोइलर” समीक्षा के साथ!
फिल्म को देखने के लिए लिंक: राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता
द अलायंस – राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता और रबरस्विच फिल्म्स (The Alliance – Raj Comics by Sanjay Gupta And Rubber Switch Films)
इसे पहला प्रयास बताया जा रहा है पर शायद ये ‘राज कॉमिक्स’ विभाजन के बाद के लिए उपयुक्त जान पड़ता है, ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पहले भी ‘राज कॉमिक्स’, ‘आदमखोर और मुंबई का बाप – डोगा’ जैसी शोर्ट फ़िल्में अपने बैनर के तले बना चुकी है पर वो राज कॉमिक्स के संयुक्त रूप के समय रिलीज़ हुई थी पर ‘द अलायंस’ पूर्ण तरीके से राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता के बैनर से बनी है। फिल्म में अच्छा खासा एक्शन, हास्य के पुट और स्पेशल इफेक्ट्स का बढ़िया इस्तेमाल किया गया है जो ‘राज कॉमिक्स’ के पाठकों को बिलकुल छोड़ना नहीं चाहिए।
पढ़ें:
- द अलायंस शोर्ट फिल्म – सुपर कमांडो ध्रुव और डोगा – राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता (The Alliance Short Movie – Super Commando Dhruv And Doga – Raj Comics By Sanjay Gupta)
- द अलायंस रिलीज़ डेट – सुपर कमांडो ध्रुव और डोगा – राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता (The Alliance Release Date – Super Commando Dhruv And Doga – Raj Comics By Sanjay Gupta)
कहानी (Story)
कहानी शुरू होती है एक मुंबई शहर के एक अज्ञात स्थान से जहाँ कुछ आतंकवादी खतरनाक मंसूबों को अंजाम तक पहुँचाना चाहते है, ‘मुंबई के बाप – डोगा’ के होते हुए ऐसा होना असंभव है। ठीक अप्रत्याशित रूप से डोगा उनके ठिकाने तक पहुँच जाता है जहाँ शुरू होता है मौत का भयानक खेल जिसमें शिकार है आतंकवादी और शिकारी है डोगा। अपने खूंरेजी तरीके से डोगा वहां पर ‘रक्तपात’ मचा देता है और सभी आतंक के आकाओं को जन्नत की सैर के लिए रवाना कर देता है। लेकिन जो भी यहाँ घट रहा था क्या वो बस एक आंतकवादी हमले की योजना भर थी या उससे भी बड़ी कोई और घटना को अपने गंतव्य तक पहुँचाने की भयानक साजिश! डोगा वहां से सभी जेहादियों का काम तमाम करके निकल ही रहा होता है तभी एक ओर सरसराहट होती है और वहां से से बाहर निकल कर आता है ‘राजनगर का रखवाला – सुपर कमांडो ध्रुव’।
ध्रुव ‘डोगा’ को बताता है है की देश के कोने-कोने में ह्यूमन ट्रैफिकिंग की वारदातें हो रही है, क्या मुंबई, क्या राजनगर! कोई भी शहर इससे अछूता नहीं है। कमांडो फ़ोर्स का एक कैडेट भी इस लिस्ट में शामिल है! अब इस आतंकवादी घटना का इन अपहरणों से क्या संबंध? दोनों सुपरहीरोज इन कड़ियों को जोड़ने में लग जाते है और उसके बाद उनके सामने आता है ‘ऑपरेशन मेटामोर्फ़ोसिस’। इस खतरनाक इरादे के पीछे है ‘राज कॉमिक्स’ का एक बेहद ही चर्चित खलनायक जिससे पाठक बिलकुल भी अंजान नहीं होंगे! क्या डोगा और सुपर कमांडो ध्रुव रोक पाए इस षड्यंत्र को या खुद ही हो गए इसका शिकार! कौन था वो मास्टरमाइंड जो चाहता है पूरी दुनिया को अपने क़दमों में झुकाना! 31 मिनिट 39 सेकंड की ‘द अलायंस’ इसे अच्छी तरीके से दर्शाने में सफल होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
लघु फिल्म के लिए ‘द अलायंस’ बढ़िया प्रतीत होती है। फिल्म की कहानी सीधी-सादी है पर वो दर्शकों को बांधने में सफल होती है और आगे कई सवाल भी खड़े करती है। फिल्म के अंत में एंड क्रेडिट्स भी है तो दर्शकों को उसका इंतजार जरुर करना चाहिए! यह आपको चौंकाने के लिए पर्याप्त है। फिल्म में श्री संजय गुप्ता जी के साथ-साथ कई अन्य जाने पहचाने चेहरे भी दिखाई पड़ते है जो आपके चेहरे पर मुस्कान ले आते है। डोगा का किरदार अच्छा है पर कॉमिक्स में सूरज के डील-डौल के हिसाब से वहां कमी दिखाई पड़ती है, सुपर कमांडो ध्रुव बने अभिनेता ने किरदार के साथ न्याय करने का प्रयास किया है हालाँकि हास्य का इस्तेमाल कई जगह परिस्तिथि से मेल नहीं खाता। एक्शन की बात की जाए तो वह यहाँ भरपूर है, स्पेशल इफेक्ट्स भी काफी अच्छे बने है, बैकग्राउंड म्यूजिक ने इसमें खूबसूरती से साथ निभाया है और 4K में इसे देखने-सुनने के बाद दर्शक ‘राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता और रबर स्विच फिल्म्स’ की तारीफ़ जरुर करेगा। सुपरहीरोज की पोशाकों पर और कार्य करने की आवश्यकता है एवं उनके कद-काठी को भी ध्यान में रखना चाहिए लेकिन कहानी के तेज़ रफ़्तार में आगे बढ़ने के कारण आपका ध्यान वहां इतना नहीं जाता। फिल्म में राज कॉमिक्स के अन्य सुपरहीरोज का भी कैमियो है जो प्रशंसकों को पसंद आएगा। अंत में यह एक अच्छा प्रयास है जिसके लिए राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता की टीम और रबर स्विच फिल्म्स की टीम का हार्दिक धन्यवाद एवं आशा है की इसके अन्य चैप्टर्स भी आगे रिलीज़ किये जाएंगे।
टीम (Team)
कलाकार-शुभम मट्टा, कुशाग्र नौटियाल, क्षितिज शर्मा, चेरी सिन, रुडोल्फो और वाशु जैन।
निर्माता – संजय गुप्ता
निर्देशक - विकी कौल
लेखक-सौरभ शर्मा, विकी कौल
फोटोग्राफी के निदेशक - ब्रिजेश बिरुआ
कार्यकारी निर्माता - वासु गुप्ता
संपादन-राजेन्द्र रांका
सुपरहीरो वेशभूषा - समीर बुंदेला द्वारा
कला निर्देशन और प्रॉप्स - रजत शर्मा
एक्शन डायरेक्टर - रतन बोस
दृश्य प्रभाव एवं संयोजन - धनंजय शिंदे
पार्श्व संगीत - धीरेंद्र मालुवलकर
ध्वनि संपादक - अभिजीत सप्रे
सहायक निदेशक - मैडी माहेश्वरी, संचित आहूजा
मार्केटिंग - रैंकलॉर्ड्स
कही-अनकही – कॉमिक्स बाइट (Kahi-Ankahi – Comics Byte)
एक राज कॉमिक्स के प्रशंसक की हैसियत से हम ये कह सकते है की प्रोडूसर संजय गुप्ता जी और निर्देशक विक्की कौल जी ने इसे कॉमिक्स के समकक्ष रखने की कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक्टर्स का काम अच्छा है और वीऍफ़एक्स में ये किसी भी ओटीटी पर रिलीज़ लो बजट फिल्म या वेबसीरीज को टक्कर देती है जिनका बजट इससे कहीं ज्यादा होता है, जी बिलकुल सही सुना आपने! राज कॉमिक्स के प्रशंसकों को अगर अपने इन नायकों को बड़े पर्दे पर देखना है तो पहले इन छोटे प्रयासों पर अपने प्रेम बरसाना होगा। पर ऐसे मौकों पर विवाद ना हो? यह कैसे संभव हो सकता है।
पहले तो मनीष गुप्ता जी ने कुछ कानूनी कार्यवाही करके इसके रिलीज़ को लगभग रुकवा ही दिया था! पर लगता है वह मामला लीगल तरीके से हैंडल हो चुका है तभी तो फिल्म रिलीज़ हो पाई। दूसरा यह फिल्म सिर्फ पेड सब्सक्राइबर के लिए उपलब्ध होगी! इसका कहीं भी प्रचार-प्रसार नहीं किया गया। हो सकता है शायद आगे जाकर इसे फ्री वर्शन में रिलीज़ किया जाएगा पर फ़िलहाल आपको इसे देखने के लिए ‘राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता’ के यूट्यूब चैनल को ‘ज्वाइन’ करना पड़ेगा। तीसरा पी.वी.आर थिअटर में फिल्म के ‘प्रीमियर’ के दौरान सुपर कमांडो ध्रुव के जनक श्री अनुपम सिन्हा जी का वहां आमंत्रित ना होना! यह सवाल खड़े करता है क्या वाकई में राज कॉमिक्स की टीम अब पहले जैसे रह गयी है या समय के साथ आगे बढ़ चली है जहाँ उसके आधार पीछे छूटते चले जा रहे है? तीन भागों में विभाजन के बाद अगर आर्टिस्टों के मन में भी खटास उत्पन्न हो रही है तो भविष्य के लिए ये कोई अच्छे संकेत तो नहीं है। भले ही ये इवेंट टीम की गलती से हुआ हो पर कॉमिक्स जगत ने इसपर अपना रोष प्रकट किया एवं यह इस टीम का एक निराशाजनक कदम प्रतीत हुआ। एक ‘राज कॉमिक्स’ के प्रशंसक की अभिलाषा तो यही है ‘सबका साथ और सबका विकास’, काश ये सभी प्रकरण और मामले निपट जाएँ तो पाठकों और अब दर्शकों को भी इन अपडेट्स से दो-चार ना होना पड़े। यह हम सभी का बचपन है, यहाँ मिलावट पसंद नहीं आएगी और आए-दिन भावनाएं भी आहत नहीं होंगी। एक बार फिर से राज कॉमिक्स बाय संजय गुप्ता की टीम को शुभकामनाएं, चैप्टर 2 जल्द लेकर आएं। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Raj comics by sanjay gupta | Doga Hindu Hai | Doga Hindu Hai Collector’s Edition