सुर्यपुत्र: सूरज का बेटा (पवन कॉमिक्स)
सूर्यपुत्र (Sooryaputra) का अर्थ होता है ‘सूरज का बेटा’. हिन्दू धर्म ग्रंथो में सूरज को भी देवता माना जाता है और लोग इनकी पूजा भी करते है. अगर आप थोड़ा भी पौराणिक तथ्यों को जानने की समझ रखते है तो आपको ग्रंथो में सूर्य देव के पुत्रों की जानकारी मिलेगी. ये पुत्र थे ‘शनि’ देव एवं ‘यम’ देव (जिन्हें सब यमराज के नाम से भी जानते है). महाभारत में भी सूर्यपुत्र ‘कर्ण’ की जानकरी उपलब्ध है और उन्हें सूर्यदेव के आशीर्वाद से ‘कवच और कुंडल’ प्राप्त थे. पवन कॉमिक्स (Pawan Comics) का आगमन भी वर्ष 1982 को हुआ था और इन्होंने कई सुपर हीरो किरदार भी निकाले जिसमें से खास थे सुखीराम-दुखीराम, राम-बलराम, चट्टान सिंह, सुपर पॉवर विक्रांत और “सूर्यपुत्र“.
सूर्यपुत्र के जन्म की कहानी बड़ी अनोखी थी. इसकी शुरुवात होती है आज़ादी के पहले एक रियासत से जिसका नाम था ‘भारतपुर’, वहाँ राजा ‘चंद्रशेखर’ का राज था, उनका एक पुत्र भी था जिसका नाम ‘चन्द्राकर’ था और वो विदेश में विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर रहा था. बाद में हालात बदलते है और उसे वापस आना पड़ता है, अंग्रजी हुकूमत उसका राज पाट हथिया लेती है और ‘चन्द्राकर’ अपने विश्वासपात्र सेनापति ‘सौरभ’ के साथ हिमायल में एक प्रयोगशाला की स्थापना कर मानवता की भलाई के लिए नए प्रयोगों में कार्यरत हो जाता है. देश आज़ाद होता है और सेनापति भी प्राण त्याग देते है, प्रोफेसर चन्द्राकर भी घाटी छोड़ ‘भारतपुर’ बस जाते है, एक भरापूरा परिवार भी बना लेते है(बीवी – दमयंती और पुत्र – चन्द्रगुप्त). इसी बीच उनकी पत्नी भी उनका साथ छोड़ देती है और प्रोफेसर मृत व्यक्ति को जिंदा करने का फ़ॉर्मूला ढूँढने वापस हिमालय निकल जाते है. इधर ‘चन्द्रगुप्त’ भी योग और मंत्रो की विधा प्राप्त कर रहा होता है और उसकी भी असमय मृत्यु हो जाती है, इस घटना से प्रोफेसर पूरी तरह टूट जाते है और अपना जीवन यापन हिमालय पर ही करने लगते है. उनके असफ़ल प्रयोग उन्हें निराशा से भर देते है और अपने पुत्र का शव वो किसी सुरक्षित लेप से संरक्षित किये हुए है. हिमालय पर, एक दिन नदी के किनारे वो एक साधू से टकरा जाते है और ये सिलसिला कई दिनों तक चलता है. उस तपस्वी साधू ‘धर्मदेव’ का भी एक अलग इतिहास है और वो फ़िलहाल अपने गुरु का आदेश मान हिमालय पर तपस्या कर रहा है. भगवन ‘शिव’ की आराधना कर वो उन्हें प्रसन्न कर लेते है और ‘देवों के देव’ के आशीर्वाद से फलीभूत हो वो अपनी आत्मा प्रोफ़ेसर ‘चन्द्राकर’ के बेटे ‘चन्द्रगुप्त’ के शरीर में प्रविष्ट करा लेते है और एक नया जीवन पा कर ‘चन्द्रगुप्त’ बन जाता है ‘सूर्यपुत्र‘.
सूर्यपुत्र की पहली कॉमिक्स थी ‘सूर्यपुत्र’ और इसे पवन कॉमिक्स ने प्रकाशित किया था. नीचे दी गई है सूर्यपुत्र से जुड़े कुछ खास तथ्य एवं जानकारी.
पब्लिकेशन: पवन कॉमिक्स (पवन पॉकेट बुक्स)
नाम: सूर्यपुत्र और (चन्द्रगुप्त)
पिता एवं गुरु: चन्द्राकर और ‘धर्मदेव’
माता: दमयंती (भूतपूर्व रियासत की राजकुमारी)
कार्यक्षेत्र: भारतपुर और पूरा विश्व
कर्म: मानवता की रक्षा और अपराधियों का नाश
साथी: पिता एवं प्रोफेसर
युद्ध घोष: ‘जय गुरुदेव’
ताकत –
- सूर्यपुत्र में स्वयं सूरज का बल था और जालिमों के लिए वो सूर्यपुत्र ‘यमराज’ के सामान होगा इसलिए वो ‘सूर्यपुत्र’ कहलाया.
- वैसे सूर्यपुत्र के हाँथ ही काफी है दुश्मनों की गर्दन मरोड़ने के लिए लेकिन कई कॉमिक्स में उनके हांथों में एक ‘तलवार’ भी नज़र आती है.
- सुर्यपुत्र की आँखों से घातक किरणें (सूर्य का तेज़) निकलती है जो किसी को पलभर में राख़ कर सकती है.
- सूर्यपुत्र सम्मोहन का भी ज्ञाता है.
तथ्य –
- सूर्यपुत्र पर गोलियों का असर नहीं होता.
- सूर्यपुत्र योग द्वारा अपने शरीर से अपनी आत्मा को बाहर निकाल सकता है.
- सूर्यपुत्र योग द्वारा खुद को अन्तर्ध्यान (गायब) कर सकता है.
- सूर्यपुत्र पर आग और जल का कोई असर नहीं होता.
- सूर्यपुत्र एक छलावा है और फुर्ती में उसका कोई सानी नहीं है.
- सूर्यपुत्र मर नहीं सकता जब तक उसके तपोबल में उसके गुरु ‘धर्मदेव’ की ताकत है और वो मानवता का रक्षक है.
सूर्यपुत्र का जन्म अपराधियों और पापियों के विनाश के लिए ही हुआ है. इसके संपादक थे श्री ‘देवकी नंदन शर्मा’, चित्रांकन किया करते थे श्री ‘किशोर निरंकारी’, बाद में हमें ‘कैमियो आर्ट्स’ का चित्रण भी देखने को मिला और श्री ‘मोहन शर्मा’ जी ने भी इसका इलस्ट्रेशन किया. कहानीकार में भी कई नाम है जैसे ‘शिव बेम्बी’ जी या ‘धरम बारिया’ जी. कहना पड़ेगा की सूर्यपुत्र के कॉमिक्स कवर भी बड़े आकर्षक थे, अलग ही ‘रेट्रो’ फील है इनमें. इनमे हमें दो नाम देखने को मिलते है एक तो ‘नसीम’ या ‘नसीम स्टूडियो’ और दूसरा ‘ईजल’ एवं क्या काबिले-तारीफ़ काम किया है इन लोगों ने.
पवन कॉमिक्स तो कई साल पहले बंद हो चुकी है लेकिन अब इनके किरदारों का लाइसेंस ‘राज कॉमिक्स’ के पास है, हो सकता है सर्वनायक सीरीज में हम पाठकों की इन लुप्तप्राय हीरोज को दोबारा देखने का मौका मिले, अब आगे क्या होगा ये तो वक़्त ही बता सकता है लेकिन सूर्यपुत्र में वाकई सूर्य की ज्वाला थी, दमदार और अलौकिक शक्तियों का स्वामी – ‘सूर्यपुत्र’, आभार – कॉमिक्स बाइट!
Pingback: पवन कॉमिक्स (Pawan Comics) - Comics Byte