सुपर कमांडो ध्रुव – ममी का कहर – राज कॉमिक्स समीक्षा (Super Commando Dhruva – Mummy Ka Kehar – Raj Comics Review)
सुपर कमांडो ध्रुव (Super Commando Dhruva): राज कॉमिक्स का चमकता सितारा सुपर कमांडो ध्रुव जिसने अपराध को मिटाने की भीष्म प्रतिज्ञा ली है, अपने क्षेत्र राजनगर के साथ-साथ देश और पृथ्वी को भी सुरक्षित रखने का जिम्मा उसके बलशाली कंधो पर है। उसके पास कोई सुपर ह्यूमन ताकत नहीं है लेकिन अपने दृढ़ संकल्प, अपराध को समाप्त करने की अपनी प्रतिज्ञा, सर्कस में सीखें गए कुशल कलाबाज़ी और शरीर-सौष्ठव के तरीके एवं स्टंटमैन्स के द्वारा समझाए गए गुरों के कारण वह आम इंसानों से कई कदम आगे दिखाई पड़ता है। ध्रुव पशु-पक्षियों से बात कर सकता है और अपने स्वर्ण नगरी के परम मित्र धनंजय द्वारा दिए गए विज्ञान के एक यंत्र से जल में साँस भी ले सकता है। उसके अपराध उन्मूलन के कार्य में साथ देते है कमांडो फ़ोर्स के कैडेट्स और उसकी बहन श्वेता या फिर कहें चंडिका। ध्रुव के दत्तक पिता आई जी राजन और ब्रम्हांड रक्षक से जुड़े अन्य महानायक जैसे नागराज, शक्ति और डोगा भी समय-समय पर ध्रुव के साथ नजर आएं है। ध्रुव भारत के पॉप कल्चर का उभरता नाम है और हाल के वर्षों में इसका उल्लेख ओटीटी एवं फिल्मों में भी देखा जा सकता है। इस पात्र के रचियता है लीजेंडरी कॉमिक बुक आर्टिस्ट श्री ‘अनुपम सिन्हा’ जी और आज भी वह लगातार ध्रुव के नए कॉमिक्स पर कार्यरत है, उनका धेय्य भारत के कॉमिक प्रशंसकों को मनोरंजन के साथ, तर्क, न्याय एवं नैतिकता का पथ दिखाना भी रहा है।
आंधी आई, आया तूफ़ान जब राजनगर के वासियों पर बरसा ‘ममी का कहर’, राज कॉमिक्स में सुपर कमांडो ध्रुव का कहरनाक अंक! (The storm struck Rajnagar with full force when an ancient ‘Mummy’ awoke, unleashing chaos in a terrifying issue of Super Commando Dhruva from Raj Comics!)
‘द ममी’ (The Mummy) फिल्म भारत में भी एक स्मैश हिट थी जो यहाँ वर्ष 1999 को रिलीज़ हुई थी। नायक ‘ब्रेंडन फ्रज़ेर’, नायिका ‘रेचल व्हिज़’ एवं ममी बने ‘अर्नाल्ड वोस्लो’ के धमाकेदार अदाकारी और स्पेशल इफेक्ट्स ने एक शानदार फिल्म दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत की जो उस दौर में किसी ने देखा नहीं था। यह फिल्म अपने प्रदर्शन के इतने वर्षों बाद भी प्रासंगिक बनी हुई है और अब तो इसके एक और भाग के आने की भी चर्चाएँ है। ऐसे हॉरर, एक्शन और रोमांच से भरी फ़िल्में अपने दर्शकों पर एक छाप छोड़ जाती है और मिस्र में बने गिज़ा के पिरामिड किसी में भी कौतुहल जगाने का माद्दा रखते है। राज कॉमिक्स में ‘नागराज एक्शन ईयर’ में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला जब सुपर कमांडो ध्रुव के सीरीज़ में प्रकाशित कॉमिक्स ‘क्विज मास्टर’ के पीछे दिखाई पड़ा एक बेहतरीन विज्ञापन जो आपको इस कॉमिक्स को खरीदने के लिए विवश कर रहा था, वह विज्ञापन था सुपर कमांडो ध्रुव के अगले कॉमिक्स विशेषांक का जिसका नाम था – ‘ममी का कहर‘ (Mummy Ka Kehar)।
कहानी (Story)
कहानी की शुरुवात ध्रुव और श्वेता के हलकी नोंक-झोंक से शुरू होती है जहाँ ध्रुव को पता चलता है कि उसकी बहन अमेरिका से घूमने आए कुछ टूरिस्टों को राजनगर के पुरातन इतिहास और ‘रियासत’ के बारे में जानकारी ‘एज ए गाइड’ मुहैया करवाने वाली है क्योंकि उसे अब एक्स्ट्रा पॉकेट मनी की जरुरत है। ध्रुव अपनी बहन की मदद करने हेतु उसे एक ‘नोज रिंग विथ ट्रांसमीटर’ देता है जो कमांडो हेडक्वार्टर से लिंक रहता है और वक्त आने पर वो कमांडो करीम से कोई भी जानकारी पूछ सकती थी। अगले दिन श्वेता पर्यटकों को लेकर ‘रत्न महल’ जाती है जो दौरी वंश के अंतिम शासक महाराजा ‘गजबल दौरी’ ने 3700 साल पहले बनवाया था और अचानक ही वहां आतंकवादी हमला हो जाता है। आतंकवादी जिहाद-ए-लश्कर नामक गुट के है जो इन अमेरिकन पर्यटकों को अगवा कर कश्मीर में जंगे आजादी को विश्व पटल पर लाना चाहते है। सुपर कमांडो ध्रुव के होते राजनगर में आतंकवादी मंदिर से चप्पल नहीं चुरा सकते तो अपरहण तो बहुत दूर की कौड़ी है और इस बार उसके साथ है चंडिका भी, पर जिहादियों के पास अत्याधुनिक अमेरकी हथियार है जिसे पार पाना आसन नहीं था इसलिए उनकी मदद करता है उसी टूरिस्ट ग्रुप का एक आदमी ‘विक्रम’, एंड ही इज एन इलेक्ट्रोनिक जीनियस!
विक्रम के गैजेट्स, चंडिका की मदद और ध्रुव अपने क्राइम फाइटिंग के अनुभव से इन आतंकवादियों को ठिकाने लगा देता है। पुलिस की कार्यवाही होने के पश्चात श्वेता सभी पर्यटकों को फिर से दौरी वंश का इतिहास और वहां किसी ‘ममी’ के शाप एवं उससे जुड़े किसी खज़ाने के छुपे होने का राज भी बताती है। विक्रम के सभी साथी अमेरिका लौट जाते है पर विक्रम को अभी दो और दिन राजनगर में रुकना है क्योंकि खतरनाक आतंकवादियों को पकड़वाने के कारण उसे मेयर द्वारा जन-सम्मान के अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। श्वेता की कहानी से प्रेरणा लेकर विक्रम दौरी वंश के खाजने को ढूँढने का मन बनाता है और अगले दिन ध्रुव एवं अन्वेषक टीम के साथ मिलकर महल के कोने-कोने में अपने यंत्रों से खोज-बीन शरू करता है। उसे सफलता मिलती है और मिलता है दौरी वंश का अप्रतिम खज़ाना! पर इसके साथ ही उन्हें मिलती है एक ‘ममी’ जो अगर जाग गई तो उसके जागने से पूरे राजनगर में टूटेगा का ‘ममी का कहर’!!
अन्वेषक टीम के ‘डॉक्टर राव’ ममी को अपने लैब में ले जाते है और दो दिन तक उस पर कई टेस्ट किए जाते है। उनका मानना था की मृतदेह को ‘ममीफाईड’ करने की तकनीक सिर्फ मिस्र वासियों के पास ही नहीं अपितु कई अन्य देशों के पास भी थी जिनमें भारत भी एक है। सब कुछ सही चल रहा होता है तब अचानक से लैब में वो ‘ममी’ उठ खड़ी होती है, उसमें बला की ताकत है जो लैब वैज्ञानिकों के हवा में उड़ाते हुए सिर्फ एक की जवाब चाहती है की उसे किसने जगाया एवं उसका खज़ाना कहाँ है! एक वैज्ञानिक उसे इंपीरिअल होटल का पता देता है जहाँ विक्रम ठहरा हुआ है। अब फिर से उठ खड़े हुए दौरी वंश के अंतिम राजा ‘गजबल दौरी’ का एक ही लक्ष्य है, उस लड़के विक्रम को इस धृष्टता की सजा देना। ‘राजनगर की तबाही‘ ममी के रूप में अपने पैर पसार रही थी पर सुपर कमांडो ध्रुव कहाँ था! क्या वो इस विनाश को रोक पाया? क्या सच में ये कोई असलियत की ममी है या यह कोई कोई भद्दा मजाक है! इस भयानक टकराव में एक बार फिर ध्रुव की मदद करती है चंडिका और एक रहस्यमय आदमी, अब ये कौन है जो ममी के पीछे पड़ा है? विक्रम का क्या हुआ? क्या राजनगर के लोगों पर टूटा ममी का कहर! पढ़े राज कॉमिक्स के इस शानदार विशेषांक में।
टीम (Team)
कॉमिक्स की कहानी को गढ़ा है राज कॉमिक्स का स्तंभ कहे जाने वाले और भारतीय कॉमिक्स जगत के लीजेंड आर्टिस्ट श्री अनुपम सिन्हा जी ने जिसमें सहयोग है श्रीमती जॉली सिन्हा जी का, चित्र भी अनुपम जी द्वारा बनाए गए है। यह राज कॉमिक्स का बेहतरीन दौर था और अनुपम जी द्वारा बनाई जा रही ध्रुव और नागराज की कॉमिक बुक्स पाठकों के मध्य काफी प्रसिद्ध हो रही थी जो आज तक अपनी पहचान बना कर रखे हुए है। सोने पर सुहागा इस पर इलस्ट्रेटर श्री विनोद कुमार जी की इंकिंग जो कॉमिक्स के हर पृष्ठ और पैनल में जान फूंक रही थी, कॉमिक्स में कुछ स्प्लैश पेजेज भी है जो बेहद ही आकर्षक बने है, यूँ कहें तो ये पूरी कॉमिक्स ही अपने आप में बहुत संग्रहणीय जो पाठकों का साथ सदियों तक निभाएगी। श्री सुनील पाण्डेय जी ने सुलेख और रंगसज्जा में कोई कमी नहीं छोड़ीं है, संजय गुप्ता और राज कॉमिक्स टीम की एक जानदार पेशकश थी ‘ममी का कहर’ कॉमिक्स।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : राज कॉमिक्स ** बाय मनोज गुप्ता (पिनव्हील पब्लिकेशन)
पेज : 64
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 120/-
भाषा : हिंदी
कहां से खरीदें : राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता व अन्य पुस्तक विक्रेता
निष्कर्ष (Conclusion)
इस कॉमिक्स के विज्ञापन से लेकर कॉमिक्स के कहानी और चित्रों तक में राज कॉमिक्स के पूरी टीम की मेहनत झलकती है। कॉमिक्स का आवरण भी बड़ा कमाल का बना है जहाँ सुपर कमांडो ध्रुव दो ममियों से एक साथ भिड़ता नजर आ रहा है और बैकग्राउंड में रेत से बना एक भयानक चेहरा भी दिख रहा है। रहस्यों और रोमांच से भरपूर ‘ममी का कहर’ एक एक्शन-पैक्ड कॉमिक्स थी जो सुपर कमांडो ध्रुव के जीवन का अहम् पड़ाव है, बाद में इसी राजा ‘गजबल दौरी’ को सर्वनायक श्रृंखला में वापस दिखाया गया है हालाँकि वह श्रृंखला अभी भी अधूरी है। चाहे फिल्म हो या कॉमिक्स, दोनों ही अपने समय की ब्लॉकबस्टर कही जा सकती है।
यह कॉमिक्स एक नैतिक संदेश भी देती है की ‘लालच बुरी बला है’ और कुछ चीज़ों को उनके हाल पर ही छोड़ देना चाहिए। ज्यादा छेड़-छाड़ किसी भी परिस्तिथि को खतरनाक मोड़ पर ले जा सकती है। कॉमिक्स में अनुपम जी ध्रुव के माध्यम से एक विज्ञान का पाठ भी पढ़ाते है जो वाकई में आपको याद रहता है। इसमें स्टार मेल और ग्रीन पेज – 102 भी प्रकाशित किया गया था जिसमें ‘कोहराम’ कॉमिक्स का जिक्र किया गया है, “ममी का कहर” का विज्ञापन भी दिल्ली दूरदर्शन के चैनल पर शायद दिखाया जाता था, सच में क्या वक्त था और क्या कॉमिक्स थीं, जबदस्त! आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Super Commando Dhruva Complete Set of All 25 General Comics | Raj Comics