सर्पयुग और वन लास्ट किल – राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता (Sarpyug and One Last Kill – Raj Comics By Manoj Gupta)
सर्पयुग (Sarpyug): श्री मनोज गुप्ता जी ने जब नागराज और तौसी के बीच टकराव की घोषणा की और उसके बाद श्री अनुपम सिन्हा जी ने जब नागराज और तौसी के उपर सर्पसत्र लिखी थीं, ठीक तभी से पाठक इस बात इंतज़ार कर रहें हैं की यह कितने भाग की श्रृंखला होने वाली हैं। सर्पसत्र, सर्पद्वंद, सर्पयज्ञ और अब आप सभी के समक्ष पेश होनी वाली है ‘सर्पयुग’। पाठक सोच रहे थें कहानी में क्या ही होगा लेकिन कलम और कूंची के फनकार, अनुपम जी ने अभी तक तीन भाग में ऐसा समां बांधा की 32 पृष्ठ की कॉमिक्स से प्रसंशकों को न्याय नहीं मिल पता। आशा करता हूँ आगे के भाग में कुछ ज्यादा पृष्ठ हों क्योंकि एक बार जब आप कॉमिक्स में डूब जाते हैं और अचानक से क्रमशः आ जाए तो मन को बड़ा मलाल होता हैं। सर्पसत्र 48 पृष्ठों में प्रकाशित हुई थीं और उसे ही जारी रखा जाना चाहिए था। ये अनुपम जी के बनाए नागराज और उनकी कला के प्रसंशक ही हैं जो चाहते हैं की उनके द्वारा बनाई गयी चित्रकथा का पूरा आनंद उन्हें मिलें। बहरहाल जैसे ही ‘सर्पयुग’ का आवरण साझा किया गया वैसे ही कॉमिक्स जगत में एक हलचल दिखाई दी, चौथे भाग में अब निर्णायक युद्ध पास आता दिखाई पड़ रहा हैं और जी-18, कालू जिन्न, विसर्पी, कालदूत, वेदाचार्य, तौसी और नागराज एवं साथ में अप्सरा भी इस कला के शानदार आवरण पर उलझे दिख रहें हैं। कॉमिक्स का प्री-आर्डर पुस्तक विक्रेताओं के पास उपलब्ध हैं और बहुत जल्द ये पाठकों के हाँथ में भी होगी।
कॉमिक्स का नाम कहानी के अनुरूप ही हैं क्योंकि जब नागसम्राट नागराज और पातालसम्राट तौसी आपस में टकरा जाएंगे तब पृथ्वी पर अवश्य शुरुवात होगी सर्पयुग की। 32 पृष्ठों में कहानी कुछ आगे तो जरुर बढ़ेगी और इसका मूल्य रखा गया हैं 180/- रूपये। नागिनों के बलखाती मेरुदंड से होते हुए प्रेम की यह तरंग अब एक कालध्वनि में बदलने वाली हैं जिसे प्रायोजित कर रहा हैं कोई ऐसा जिसे शायद संगीत से नफरत हैं लेकिन यहाँ वो भूल गया की ये ‘सर्पश्रेष्ठ‘ बीन पर नाचते नहीं बल्कि बीन बजाने वाले संपेरे को ही उधेड़ डालते हैं। संचालक कोई भी हो लेकिन क्या इन लोकों के पालक आने देंगे – ‘सर्पयुग’।
बात अब निकल ही गयी हैं तो दूर तलक जाएगी, क्या मुंबई के रखवाले को एक बार फिर डोगा डायरीज़ कुछ याद दिलाएगी? जी हाँ 3 बेहतरीन अंकों के बाद अब आ चुकी हैं – ‘डोगा डायरीज़ 4’। यह राज कॉमिक्स बाय मनोज गुप्ता द्वारा वह ‘मिस्ट्रीरिअस’ कॉमिक्स जिसे ‘बूझों तो जानो’ के तरीके से नये सेट के कॉमिक्स में डाला गया था। ‘वन लास्ट किल’ नाम से प्रकाशित होने वाले डोगा के इस अध्याय में भी लघु चित्रकथाओं का संग्रह होगा जिसके लिए डोगा के फैन्स बेहद उत्साहित हैं।
इसका पेपरबेक एडिशन आएगा जिसका आकार नार्मल राज कॉमिक्स के विशेषांक जैसा होगा, पृष्ठ संख्या होगी 64 एवं इसका मूल्य होगा 280/- रूपये। इसके साथ डोगा का एक आकर्षक एक्शन स्टीकर मुफ्त दिया जा रहा हैं।
इस साल को शायद राज कॉमिक्स के पाठक स्वर्णिम वर्ष के रूप में याद रखेंगे क्योंकि पिछले दशक में शायद जितनी कॉमिक्स नहीं आयीं होंगी इस बार वो पूरी कसर एक साल में पूरी होती दिखाई पड़ रहीं हैं (नई + पुन:मुद्रित)। आपका क्या ख्याल हैं, आभार – कॉमिक्स बाइट!!