नहीं रहे भारतीय कॉमिक्स और लोकप्रिय उपन्यास जगत के चर्चित लेखक ‘आबिद रिज़वी’ (Renowned Indian author and comic book creator ‘Abid Rizvi’, has passed away.)
मशहूर भारतीय लेखक आबिद रिज़वी जी को अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि। (A tribute to the famous Indian writer Abid Rizvi ji.)
आबिद रिज़वी (Abid Rizvi): आज के पाठकों को शायद इस नाम का इल्म न हो पर पुराने लोकप्रिय हिंदी उपन्यास और कॉमिक्स पढ़ने वाले लोगों से यह नाम बिलकुल भी अंजान नहीं है। हिंदी और उर्दू के जानकर आबिद जी ने हिंदी पल्प फिक्शन के उपन्यास, कॉमिक्स की कहानियाँ और अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद करके प्रकाशित हुई एजुकेशनल किताबों पर कई दशकों तक कार्य किया है। उनकी बानगी देखने के लिए गूगल या अमेज़न पर बस उनके नाम से एक बार खोज करें, आप दंग रह जाएंगे की शायद ही कोई विषय उनके प्राचल से छूटा होगा। मेरठ हमेशा से उपन्यास प्रकाशकों का गढ़ हुआ करता था और उन्होंने अपने दौर के लगभग सभी बड़े प्रकाशनों के साथ कार्य किया था और बीते वर्ष तक नए प्रकाशक ‘फ्लाईड्रीम्स पब्लिकेशन’ के साथ सक्रीय रूप से जुड़े हुए थे। फ्लाईड्रीम प्रकाशन से ही आज इस दुखद समाचार की खबर मिली जब श्री मिथलेश गुप्ता ने उनके परलोक गमन की सूचना दी, जिसे सुनकर मन गम से भर उठा। आबिद जी हिंदी भाषी लोकप्रिय उपन्यास, साहित्य और कॉमिक्स के पुरोधा थे, आज भले ही वो अपने शरीर का त्याग कर चुके हो पर अपने कार्य से वो हमेशा उपन्यास और काॅमिक्स जगत में विधमान रहेंगे। अलविदा सर, नमन और विनम्र श्रद्धांजलि।
आबिद जी उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर में रहते थे और उनका जन्म इलाहाबाद के एक सैनिक परिवार में 06 फरवरी 1942 में हूआ था। इलाहाबाद हमेशा से लेखन का केन्द्र था और आबिद रिजवी साहब को बचपन से ही साहित्य में रूचि थी। यही रूचि इनको मेरठ ले आयी। मेरठ में इन्होंने तात्कालिक लगभग प्रकाशकों के लिए जनरल बुक्स के अतिरिक्त उपन्यास लेखन भी किया। स्वयं के नाम से ना प्रकाशित होकर उन्होंने छद्म नाम से ज्यादा लेखकीय कार्य किए है जिसे लोकप्रिय साहित्य में घोस्ट राइटिंग (Ghost Writing) भी कहते है। आबिद रिजवी जी को लोकप्रिय साहित्य का ‘एनसाइक्लोपीडिया‘ कहा जाता रहा है क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में इब्ने सफ़ी, राज भारती और ना जाने कितने ही अन्य प्रशंशित लेखकों के साथ कार्य किया है और कोई भी विषय उनसे कभी अछूता नहीं रहा।
आबिद जी ने हिंदी में मास्टर्स किया था, उस दौर में वह सर्वश्रेष्ठ डिग्री कही जा सकती है एवं उसके बाद वो एक स्कूल में पढ़ाने भी लगे, उन्होंने बी.एड. भी कर रखा था पर उन्हें हिंदी लोकप्रिय साहित्य बुला रहा था और आगे चलकर उन्होंने लगभग सभी चर्चित कॉमिक्स प्रकाशनों के लिए अपनी कलम चलाई जिसमें तुलसी कॉमिक्स, गोयल कॉमिक्स, प्रभात कॉमिक्स, पवन कॉमिक्स एवं दुर्गा कॉमिक्स जैसे अन्य कई नाम शामिल है। उनके कई अनुवाद जैसे ब्रेमस्ट्रोकर ड्रैकुला और चर्चित इंका सीरीज़ पाठकों के मध्य बहुत चर्चित रहे, हॉरर और जासूसी कहानियाँ उनकी मुख्य धारा भी कही जा सकती है एवं आगे चलकर उन्होंने एजुकेशनल बुक्स के भी सैकड़ों अनुवाद किए।
पिछले कुछ वर्षों से आबिद जी की तबियत नासाज चल रही थी पर कभी भी इसके लिए उन्हें चिंतित नहीं देखा। अपने सोशल मीडिया हैंडल से उन्होंने कभी गोरैया चिड़िया को बचाने या कभी ‘योग’ को अपनाने का संकल्प सुझाया। वह जिंदादिली से ओतप्रोत थे और लोकप्रिय लेखक श्री परशुराम शर्मा के परम मित्र भी। पिछले कुछ वर्षों में कॉमिक्स बाइट के माध्यम से उनसे कॉमिक्स और उपन्यासों पर चर्चा हुई एवं उनका आशीष सदैव हमारे साथ रहा। उनकी बातें हमेशा हमारा उत्साहवर्धन करती और अपने स्नेह एवं प्रेम में उन्होंने एक बार हमें ‘योद्धा’ तक कह डाला जब कोविड-काल में चाइना ने भारत के बॉर्डर पर घुसपैठ की थी। ये उनका बड़प्पन ही था की इतने महशूर होने के बाद भी कभी आबिद जी इस बात का एहसास अपने प्रशंसकों को नहीं होने देते थे। आज लोकप्रिय उपन्यास और कॉमिक्स जगत का एक और ठोस स्तंभ ढह गया जिसकी भरपाई असंभव है। आबिद जी आप अपने कार्यों से अमर है और रहेंगे, आप जहाँ भी हो बस अपना आशीष हम सभी बच्चों पर बनाएं रखिएगा, उपन्यास और कॉमिक्स जगत आपको नमन करता है और अश्रुपूर्ण श्रधांजलि अर्पित करता है। प्रणाम – कॉमिक्स बाइट!!