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पिता के प्यार की झलक: फादर्स डे पर डैडी जी को करें याद – मधु मुस्कान कॉमिक्स। (Glimpse of Father’s Love: Remember Daddy Ji on Father’s Day – Madhu Muskan Comics)

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“डैडी जी” – वो हर भारतीय घर का हिस्सा जो कॉमिक्स में अमर हो गया। (“Daddy Ji” – the part of every Indian household who became immortal in Madhu Muskan comics.)

भारत के क्लासिक हास्य कॉमिक्स पात्रों की जब भी बात होती है, तो मधु मुस्कान (Madhu Muskan) का नाम सबसे ऊपर आता है और मधु मुस्कान का सबसे पहचानने योग्य और चहेता किरदार रहा है “डैडी जी” (Daddy Ji)। करीब 25 वर्षों तक लगातार मधु मुस्कान की मासिक पत्रिका में डैडी जी ने अपने हास्यास्पद अंदाज़ से पाठकों को गुदगुदाया। 1970 और 80 के दशक में यह किरदार इतना लोकप्रिय हो गया कि वह लगभग हर अंक के कवर पेज पर दिखाई देता था।

Daddy Ji - Madhu Muskan - Harish M Sudan
Daddy Ji – Madhu Muskan – Harish M Sudan

📚 डैडी जी का जन्म और प्रेरणा:

डैडी जी के रचयिता श्री हरीश एम. सूदन हैं, जिन्होंने इस किरदार को अपने ही परिवार और विशेष रूप से अपने बहनोई से प्रेरित होकर रचा। डैडी जी एक बेहद भोलाभाला, लेकिन गड़बड़ी करने वाला व्यक्ति था जो अक्सर खुद के ही स्वार्थों में फंसा रहता। और मजेदार बात यह है कि हर पाठक को उसमें अपना कोई रिश्तेदार या जान-पहचान का व्यक्ति जरूर दिखता था।

Madhu Muskan - Issue 986 - Daddy Ji
Madhu Muskan – Issue 986 – Daddy Ji

👪 परिवार में फंसी गड़बड़ियां और रोज़ाना की कहानियां

डैडी जी की दुनिया में सबसे बड़ा उत्पात मचाता था उनका बेटा जोजो, जिसके कारण अक्सर हास्यप्रद स्थितियां उत्पन्न होती थीं।
डैडी जी के बेटे जोजो के नाम से ही उन्होंने अपनी बेटी का नाम योयो रखा और कुत्ते का नाम ‘भोभो’ रखा, सबकुछ उस कॉमिक्स वर्ल्ड से जुड़ा हुआ जिसके वो खुद रचियता थे! इन कहानियों की खास बात ये थी कि ये रोज़मर्रा की पारिवारिक जिंदगी की घटनाओं पर आधारित होती थीं जैसे किसी टेलीफोन कॉल से बिगड़ा मूड, छुट्टी की तैयारी में मचता हंगामा या पड़ोसी से उलझन।

Madhu Muskan Comics
Madhu Muskan Comics

🏆 डैडी जी: हर पीढ़ी का चहेता किरदार था

डैडी जी की कहानियां बेहद रोचक चित्रों, संवादों और ध्वनि प्रभावों के साथ प्रस्तुत की जाती थीं। हर पैनल में एक नया दृश्य होता जो आपको हँसी में डुबो देता। मधु मुस्कान की कॉमिक्स बच्चों से लेकर बड़ों तक के लिए समाज में हल्की-फुल्की मगर सटीक झलकियाँ पेश करती थीं।

Daddy Ji
Daddy Ji

डैडी जी सिर्फ एक कॉमिक कैरेक्टर नहीं थे, वे एक आइकन बन चुके थे, एक ऐसा किरदार जिसे हर घर में कोई न कोई पहचानता है।
आज भी जब लोग पुराने कॉमिक्स पलटते हैं, तो डैडी जी की यादें ताज़ा हो जाती हैं, उनकी घुंघराले बाल, उनका मज़ाकिया पन और उनका बड़बोला अंदाज़। गुलाब हाउस के बंद होने के साथ-साथ मधु-मुस्कान एंव डैडी जी फ़िलहाल कॉमिक्स की दुनिया और पाठकों की पहुचं से दूर है पर गाहे-बगाहे उनके डिजिटल संस्करण पाठकों तक पहुँच ही जाते है। आप सभी को फादर्स डे की हार्दिक शुभकामनाएं, आभार – कॉमिक्स बाइट!!

Madhu Muskan - Issue 888
Madhu Muskan – Issue 888

इस लेख में उल्लिखित और तथ्यात्मक जानकारी के लिए हम विशेष धन्यवाद देते हैं India Net Zone को, जिनके स्रोतों से हमें डैडी जी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई। यदि आप भी डैडी जी के फैन रहे हैं, तो इस फादर्स डे उन्हें याद करके मुस्कुराइए, क्योंकि एक सच्चा डैड वही होता है जो हर हाल में हमें हँसाए!

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How to Draw and Colour by HARISH.M.SUDAN

How to Draw and Colour – 5
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