पुस्तक परिचय दिवस (Pustak Parichay Diwas)
नमस्कार दोस्तों, 26 दिसम्बर पुस्तक परिचय दिवस के रूप में मनाया जाता हैं और यह दिन भी बिना किसी मीडिया कवरेज और अख़बारों की सुर्ख़ियों में आए बिना यूँ ही निकल गया। भाई बात भी सही हैं पुस्तकों में ज्ञान के सिवा हैं ही क्या!! और आज तो ज्ञान प्राप्त करने के सौ तरीके ईजाद हो चुके हैं जिनसे समाज में प्रगति ही हुई हैं लेकिन क्या इस चक्कर में हमारे जड़ों को मजबूत करने वाली पुस्तकों को दरकिनार करना सही हैं? बिलकुल नहीं, बल्कि अब वक़्त आ गया हैं पुस्तकों से और पाठकों को जोड़ने का। पुस्तकों का माध्यम कोई भी हो सकता हैं, शब्दों के द्वारा लेखनी से, या चित्रकथा के रूप में या किसी भी अन्य दस्तावेज़ के रूप में। यह प्राचीन भारत का अहम हिस्सा हैं क्योंकि जब धरती के एक कोने में लोग दीवार कुरेद कर उसमें पत्थरों से चित्र बना रहें थें वहीँ देवभूमि में बड़े बड़े महर्षियों एवं मुनियों ने पुराणों और वेदों की रचना की थीं और पांडुलिपि के माध्यम से उन्हें संकलित भी किया था। मेरे ख्याल से विश्व की पहली पुस्तक भी भारत से जन्मी होगी क्योंकि इन्हें संस्कृत भाषा में लिखा जाता हैं और उसे देव भाषा का दर्जा प्राप्त हैं। हजारों वर्षों बाद भी आज हमें बुनियादी पठन-पाठन और लेखन के लिए भाषा का ज्ञान पुस्तकों से ही प्राप्त होता हैं इसलिए अपने क्षेत्र के बाल पाठकों को किताबों से जुड़ने के लिए प्रेरित कीजिए और उन्हें एक नई दुनिया के दर्शन करवाइये। बाल पाठकों के प्रिय लेखक श्री “आईवर यूशिअल” जी ने भी फेसबुक के माध्यम से एक पोस्ट साझा की हैं जहाँ उन्होंने पुस्तक परिचय दिवस पर बड़ा ही सुंदर विचार रखा हैं –
पुस्तक दिवस
इसी अवसर पर भारत के ह्रदय मध्य प्रदेश ‘बड़कुही’ (जिला – छिंदवाडा) में पुस्तक परिचय दिवस मनाया गया।
श्री रवि लायटू जिन्हें पाठक “आइवर यूशियल” के नाम से भी जानते है, वह बच्चों के लिये ज्ञानवर्धक पुस्तकें लिखने के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। अपनी पहली पुस्तक “हम जीव जंतु” की पहली प्रति उनको 26 दिसम्बर को मिली और तब से ही 26 दिसम्बर को हर वर्ष “पुस्तक परिचय दिवस” मनाया जाता है। इस बार पहली बार बड़कुही में पुस्तक परिचय दिवस मनाया गया। श्री निनाद जाधव व श्री भूपेन्द्र नवैत द्वारा बच्चों को “हम जीव जंतु” पुस्तक पढ़वाई गयी व विज्ञान में रुचि जगाने हेतु प्रयास भी किये गए, साथ ही साथ सभी बच्चों को “अन्ना साहेब कर्वे” कॉमिक्स भी भेंट स्वरूप दी गयी। ये सभी कॉमिक्स बच्चों को कॉमिक्स थ्योरी, कॉमिक्स बाईट व नारायणराव बहुद्देशीय एजूकेशन सोसायटी, नागपुर की ओर से प्रदान की गयी। अंत में सभी बच्चों के लिये स्वल्पाहार की व्यवस्था भी की गयी।
ज्ञात हो कि रवि जी के 74 वें जन्मदिवस पर 10 अगस्त को छिन्दवाड़ा जिले के 74 स्कूलों के प्रिन्सिपलों को विज्ञान विषय व अन्य विषयों को बढ़ावा देने के लिये पोस्टकार्ड्स लिखे गए थें जिसे असिस्ट वर्ल्ड रिकॉर्ड ने अपने ‘गुड बुक्स’ जगह दी थीं। पढ़ें – आर्टिस्ट कार्नर ‘जन्मदिन विशेष’: आइवर युशियल
आज भारत में ऐसे आयोजनों की और आवश्यकता हैं जहाँ बाल एवं युवा पाठकों को पुस्तकों के दूरगामी उपयोग बताएं जा सके, इनका स्वरूप हर लेखक के शैली के अनुरूप बदलता रहता हैं लेकिन चाहे यह किसी भी भाषा या लिपि में हो, इनका संदर्भ कभी नहीं बदलता। आईये आज हम सभी एक प्रण लें की अपने आस-पास के बच्चों में एक बार इन किताबों के लेकर रोचकता प्रदान कर सकें, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Press Release – Rashtiya Hindi Mail & Daink Bhaskar
देर से भले पर सवेरा होता जरुर हैं और राष्ट्रीय हिंदी मेल एवं दैनिक भास्कर जैसे बड़े मीडिया हाउस ने “पुस्तक परिचय दिवस” को अपने e-संस्करण और प्रिंट माध्यम में जगह दी। पाठकों को बता दूँ की इन्हें प्रतिदिन लाखों लोग पढ़ते हैं और इस कवरेज से संस्थाओं को आगे भी प्रयत्नों को जारी रखने का बल भी मिलता हैं। आइये देखते हैं एक नजर इन ख़बरों पर –
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