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दो गज जमीन: पार्किंग सर्विसेज फॉर द डेड

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दो गज ज़मीन के नाम से सीधे एक डरावनी फिल्म की याद आती है, जिसे रामसे ब्रदर्स ने सन 1972 में बनाया था, हॉरर और रामसे ब्रदर्स एक दूसरे के पर्याय बन चुके थे, उनके बिना भारत की फिल्म इंडस्ट्री में हॉरर अधूरा है, हालाँकि आज की जनरेशन इन फिल्मों पे हंस सकती है पर तब के ज़माने में ये आपकी सांसे रोकने के लिए काफी था. राज कॉमिक्स का सुपर हीरो “एंथोनी” भी एक ऐसा ही किरदार है जिसका जेनर ‘हॉरर’ है, बेहद डार्क स्टोरीज एवम् उसकी जिंदगी के मार्मिक उतार चढ़ाव को भी बेहतरीन ढंग से राज कॉमिक्स ने पेश किया है. जब मेरे शहर के बुक डिपो में मैंने इसकी कॉमिक्स टंगे हुए देखी तो पता नहीं क्यों खुद को रोक नहीं पाया, शायद ये धीरज वर्मा सर के कवर की खासियत थी की मुझे वो कॉमिक्स खरीदनी ही पड़ी.

नाम: दो गज जमीन, संख्या: 882, वर्ष: 1998, प्रकाशन: राज कॉमिक्स

कॉमिक्स का कवर बनाया है धीरज वर्मा जी ने, कहानी लिखी है हम सब के चहिते तरुण कुमार वाही जी ने, सहयोग किया श्री विवेक मोहन जी ने, चित्रांकन किया है विनोद कुमार जी एवम् डीगवाल जी ने, सुलेख है सुनील पाण्डेय जी के और संपादक थे श्री मनीष गुप्ता जी.

यह कॉमिक्स शक्ति वर्ष में आई थी (इसके बारे में किसी और पोस्ट में चर्चा करेंगे) और कवर में एंथोनी के शरीर में कुदाली मारते हुए आप इस कॉमिक्स के विलेन “भांजा” को देख सकते है (संलग्न नीचे).

प्लाट: रूपनगर कब्रिस्तान का ठेका एक नई कंपनी को दिया गया है, जो लोगो से एक मोटी रकम वसूल कर रही है और मरने के बाद आपके एवं आपके परिवार के लिए कब्रिस्तान के ज़मीन की एक तरीके से “प्री बुकिंग” कर रही है, इस मनमानी को रोकता है मुर्दा एंथोनी लेकिन भांजा के हांथो से पिट-पिटा कर वो वहां से लौट जाता है, भांजा की रहस्यमयी शक्तिओं के आगे इंस्पेक्टर चकरौला और इतिहास भी बेबस नज़र आते है, भांजा से भिडंत में इतिहास भी बुरी तरह घायल हो जाता है, अब मामा अपने गुर्गे ‘कब्रा’ को पहले से बनी कब्रों की लिस्ट लाने को कहता है, जिसमें सबसे पहला नाम है एंथोनी गोन्साल्विस का!!.

कहानी एवम् आर्टवर्क: कहानी बेहद शानदार है, समय के हिसाब से ऐसा यूनिक कांसेप्ट देखना मजेदार रहा, जैसा की आपने ने उपर आर्टिस्ट क्रेडिट्स देखें हो तो आपको पता चल ही गया होगा की चित्रकारी में विनोद कुमार जी का भी नाम है, हॉरर जेनर में तो उन्हें खासी महारत हासिल है, “मर्द और मुर्दा” और “ठंडी आग” के विज्ञापन भला कौन कॉमिक्स प्रेमी भूल सकता है, वैसे ही दो गज ज़मीन में आर्ट को देखकर आपको मज़ा आ जायेगा इसकी बात की गारंटी है, वाही सर ने कॉमिक्स का अगला भाग भी रखा है जिसका नाम है “मुर्दा पार्किंग” क्योंकि भांजा जैसे उम्दा विलेन के लिए शायद 32 पृष्ठ कम ही पड़ेंगे.

क्या मामा मरिया से एंथोनी की कब्र के रूपए ले पाया? क्या हुआ इंस्पेक्टर इतिहास का? क्या हुआ एंथोनी और भांजा के टकराव का नतीजा? क्या था भांजा की रहस्यमयी शक्तियों का राज़? जानने के किये जरूर पढ़े दो गज ज़मीन (एंथोनी सीरीज).

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