“पद्म श्री” प्राण कुमार शर्मा (“Padma Shri” Pran Kumar Sharma)
कार्टूनिस्ट प्राण (Cartoonist Pran)
श्री प्राण कुमार शर्मा जी का जन्म कसूर नामक कस्बे में हुआ जो आज पकिस्तान हिस्सा है. प्राण जी ने स्नातकोत्तर तक की शिक्षा प्राप्त की और फाइन आर्ट्स में जे जे स्कूल ऑफ़ फाइन आर्ट्स से कला की बारीकियों को समझा. वह हमेशा से कॉमिक स्ट्रिप और भारतीय नायक को समाज के समक्ष प्रस्तुत करना चाहते थे. भारत में विदेशी नायक और चरित्रों से परे वो चाहते थे शुद्ध भारतीय किरदार लोगों से जुड़े और चित्रकथा के माध्यम से एक सकारात्मक संदेश भी प्रेषित करें.
कार्य
कार्टूनिस्ट प्राण हमेशा से ही ऐसे चरित्र गढ़ना चाहते थे जो आम लोगों के बीच का ही एक हिस्सा हो, सुपर पॉवर और जादू नहीं बल्कि अपनी सूझबूझ और बुद्धि से परेशानियों को हल करें. उनकी इसी सोच से पैदा हुए हम सबके प्यारे चाचाजी जिन्हें कॉमिक्स जगत के पाठक चाचा चौधरी के नाम से भी जानते है. मिलाप नामक दैनिक में ‘दाबू’ की चित्र-पट्टिकाओं से शुरू हुई ये यात्रा, लोटपोट में ‘चाचा चौधरी’, पत्र-पत्रिकाओं, अख़बार, कॉमिक्स, बाल उपन्यास, ऑडियो कैस्सेट्स, टीवी सीरियल से होता हुआ आज एनीमेशन तक की यात्रा कर चुका है एवं अब तो राफ़ेल विमान भी उड़ा रहा है.
आज चाचा चौधरी एक नाम नहीं बल्कि एक ब्रांड है जो देश के प्रधानमंत्री के साथ, फिल्मों के सेलेब्रिटी से लेकर आमजनों के मन में अपनी आमिट छाप छोड़ चुका है. यकीन से कहता हूँ अगर चाचाजी असलियत में होते तो विधानसभा/लोकसभा के चुनाव भी आसानी से जीत जाते और मैं गर्व से कहता ‘चाचाजी विधायक है हमारे’. ये प्राण जी के असाधारण और बेमिसाल कला के कारण संभव हो सका की चाचा चौधरी और लोकप्रियता एक दुसरे के पर्याय बन गए.
प्रेरणा
BBC को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था की चाचा चौधरी के पीछे की प्रेरणा और कोई नहीं बल्कि भारत के गौरवशाली इतिहास में महान रणनीतिकार, राजनीतिज्ञ, बुद्धिमता की जीवंत मिसाल “कौटिल्य” यानि की ‘चाणक्य’ है. इसलिए शायद ‘चाचा चौधरी का दिमाग कंप्यूटर से भी तेज़ है’.
किरदारों की रचना
कार्टूनिस्ट प्राण के सबसे लोकप्रिय किरदार तो चाचा चौधरी, बिल्लू, पिंकी, रमन, दाबू, श्रीमतीजी और चन्नी चाची ही थे लेकिन उन्होंने दर्जन भर से ज्यादा किरदारों की रचना की है जिनमें ‘चंपक’ पत्रिका का लोकप्रिय किरदार ‘चीकू’ भी शामिल है.
अवार्ड्स और उपलब्धि
- ठिठोली अवार्ड – 1982
- पीपल ऑफ़ द ईयर अवार्ड – लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स – 1995
- राजधानी रतन अवार्ड – 1997
- पद्मश्री – 2015
- प्राण कुमार शर्मा को ‘वाल्ट डिज्नी ऑफ़ इंडिया’ भी कहा जाता था
- कॉमिक्स – ‘रमन हम एक है’ का प्रमोचन वर्ष 1984 को प्रधानमंत्री ‘इंदिरा गाँधी’ जी ने किया था.
- कॉमिक कॉन लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
- कार्टूनिस्ट प्राण द्वारा कृत स्ट्रिप्स को इंटरनेशनल म्यूज़ियम ऑफ़ कार्टून आर्ट, USA द्वारा अधिग्रहित किया गया है.
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आज प्राण जी की पुण्यतिथि है और भारत का कॉमिक्स जगत इस अपूर्णीय क्षति को कभी भर नहीं पाएगा. उनके किरदार लाखों करोड़ों भारतीय लोगों की आवाज थे. मध्यमवर्गीय लोगों की परेशानियों को चुटीले अंदाज़ में कार्टूनिस्ट प्राण के अलावा और कोई ढंग से प्रदर्शित नहीं कर सका. उन्हें कॉमिक्स बाइट की टीम कोटि कोटि नमन करती है!
कार्टूनिस्ट प्राण वाकई में प्राण (जीवन) थे इस कॉमिक्स जगत के, उनके बिना कॉमिक्स में वो मध्यमवर्गीय आज भी उनकी राह देखता है. हालाँकि उनके सुपुत्र श्री निखिल प्राण जी लगातार चाचा चौधरी के कॉमिक्स और लेख को वेबसाइट पर पाठकों से साझा करते रहते है एवं सभी को प्रेरित भी करते है. इसका उदहारण आप नीचे दिए गए आर्टवर्क से समझ सकते है, आज का दिन इतिहास के नज़रिए से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि आज पृथ्वी पर करोड़ों लोगों के प्रभु श्री राम अयोध्या जो पधारें है.
कार्टूनिस्ट प्राण की यही महानता है की वो सर्वकालीन है, उनके पात्र, उनकी कहानियाँ, उनका व्यंग करने का चुटीला अंदाज – कल था, आज है और कल भी रहेगा. समाज का एक आदर्श चरित्र, पुण्यतिथि पर आपको सादर नमन. कॉमिक्स बाइट!
क्रेडिट्स – चाचा चौधरी डॉट कॉम, श्री निखिल प्राण, प्राण फीचर्स
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