नागराज द स्नेकमैन
नमस्कार मित्रों, आज हम बात करेंगे एक ऐसे किरदार की जिसने कॉमिक्स की दुनिया में आते ही हलचल मचा दी थी, सारे पाठक उसके दीवाने हो गए थे उसकी कॉमिक रिलीज़ होने के बाद बुक स्टाल से हमेशा नदारद रहती, उसकी फैन फॉलोइंग इतनी थी कि भारत के कोने कोने में उसे पढ़ा जाता था एवं शायद उस किरदार की खासियत ही यही थी कि वह लोगों को अपना बना लेता था.
उसकी शैली (सफ़र पे जाकर दुश्मन का खात्मा) थोड़ी बहुत पाश्चात्य सभ्यता में एक बेहद ही चपल और तेजतर्रार किरदार जिसका नाम एजेंट 007 यानी कि जेम्स बांड है से काफी मिलती थी, इस किरदार का नाम था “नागराज (द स्नेकमैन)” और इसे प्रस्तुत किया था राज कॉमिक्स ने जो अभी भी कार्यरत है एवं कॉमिक्स के क्षेत्र में और भारत में इसके काफी प्रशंसक हैं. इसके कई किरदार विश्व में ख्याति मान है जिसमें से मैं नाम लेना चाहूंगा “सुपर कमांडो ध्रुव” का जो की कॉमिक रीडर पोल पर आधारित विश्व के सभी सुपर हीरोस के साथ दसवें स्थान पर था पर फिलहाल बात करेंगे आज नागराज की, कि क्यों नागराज को भारत का सबसे पसंदीदा कॉमिक कैरेक्टर कहा गया है, शायद उसका लोगों के लिए अपनापन और अपनी जान की बाजी लगा देना लोगों को भाता है, बच्चे उसे देखकर चिल्लाते हैं “टेन टेन टेनण” और “हुर्रे”, भारत के कोने कोने में उसके दीवाने मौजूद हैं उसकी ख्याति इतनी थी कि बंगाल, बांग्लादेश और नेपाल तक कॉमिक्स की बिक्री होती थी और नागराज की लाखों प्रतियां छापी जाती थी वो भी ट्रांसलेट करके!
आप समझ ही सकते हैं की लोगों को उसके नए प्रकाशित कॉमिक्स की कितनी प्रतीक्षा रहती थी क्योंकि जब आप उसे पढ़ते थे तो आपको भी जो नागराज कर रहा है बिलकुल वही एहसास होता था, जैसे वह एक बुराई से लड़ रहा है और उस पर जीत हासिल कर रहा है, ये पढ़कर एवं सोच कर अलग ही आनंद की अनुभूति होती थी.
बात यहां पर यह भी थी कि किरदार को जैसे गढ़ा गया था “परशुराम शर्मा सर” द्वारा, वैसे ही उसका चित्रांकन भी किया गया. मेरे ख्याल से 1986 में राज कॉमिक्स की स्थापना हुई और नागराज की पहली कॉमिक जिसका नाम नागराज ही था उसमें करीब 40 पन्ने थे और उसे बनाया गया स्वर्गीय प्रताप मुलिक जी की देखरेख में. उन्हें कला जगत के पितामाह के नाम से भी जाना जाता है और आज वह भले ही हमारे बीच नहीं है लेकिन उनका जो प्रभाव है वो आज भी बच्चों/बड़ो पर बराबर बना हुआ है.
नागराज की खासियत यह थी कि वह हमेशा सफर में रहता था, उसका निशाना थे दुनियाभर में फैले अपराध साम्राज्य के अंडरवर्ल्ड डॉन, खूंखार खूनी, जानवरों की तस्करी करने वाले गिरोह, ऐसे समूह जिनका काम खून करना, हत्या करना, अपहरण करना है!. ऐसे लोगों का समूल नाश करने के लिए नागराज का जन्म हुआ और तभी से नागराज अपने ना खत्म होने वाले अंतहीन सफर पर निकला हुआ है.
नागराज जहां तक मुझे याद है वह गर्मी का मौसम था शायद मई या जून का महीना, मेरे पिताजी मुझे और मेरी बहन को कॉमिक्स खरीद कर देते रहते थे ताकि गर्मियों की छुट्टियों में कुछ मनोरंजन हो सके, मुझे पता था की डायमंड कॉमिक्स नाम की किताब आती है और राज कॉमिक्स करके भी कोई कम्पनी है क्योंकि मेरे पास गगन की कॉमिक्स “इंसान बड़ा शैतान” थी लेकिन नागराज का मुझे पता नहीं कि ऐसा भी कोई हीरो है, जिसके हाथों से सांप निकलते हैं, जिसकी चमड़ी हरी है और उसमें सर्प शक्तियों का निवास है (हमारे यहाँ कॉमिक्स कम मिलती थी, जानने के लिए पढ़े – संस्मरण). वैसे हम लोग पड़ोसियों के यहाँ जाकर घंटो व्यतीत कर आते थे, एक दिन मैं अपने एक मित्र के घर पहुंचा, वह दो भाई और एक बहन थे, मैं और मेरी बहन उनके यहाँ अक्सर खेलने जाते, वह हमसे बड़े थे और उनके यहां जाकर हम लोग कभी लूडो, कभी सांप सीढ़ी, कभी कैरम, यह सब खेल खेला करते थे.
अब आपको पता है कि नहीं, बचपन में एक खेल होता था और उसका नाम था “चौसा” या “चौकड़”. वह भी हम बहुत खेलते थे, उसमें इमली के बीजों को बीच से काट कर, मेज पर या ज़मीन पर चौक से उसका खाका बनाते, 4 -4 के सेट में गोटिया बनाकर खेलते, लगता ये खेल कुछ-कुछ लूडो जैसा ही पर बड़ा ही मजेदार एवं अच्छा खेल खेल था. (इसका आलेख से कोई लेना देना नहीं है, बहाव में निकल जाता हूँ इधर उधर, हा हा हा)
दीदी हम लोगों के लिए रसना(शरबत) लेकर आई तो मुझे टेबल के नीचे रखी कुछ किताबे दिखीं, मैं देखते ही समझ गया कि ये तो कॉमिक्स हैं, मैंने छोटे भैया को कहा कि भैया प्लीज निकाल कर मुझे दिखाइए की क्या है, जब मैंने देखा तो वो राज कॉमिक्स थी और उसमें एक बड़ा सा इंसान ऐसा लग रहा था जैसे छत से लटका हुआ है और उसकी आंखें बड़ी बड़ी है, उसका शरीर हरा है शायद से जिसमें छोटे छोटे निशान हैं और वह किसी को देख रहा था, भैया ने बताया इसका नाम नागराज है और ये भी राज कॉमिक्स का कोई किरदार है, अभी तक मैंने इसकी 2-3 कहानियां पढ़ी है! उनके पास शायद से जहां तक मुझे याद है जो कॉमिक्स थी उनके नाम थे “नागराज की हांगकांग यात्रा” और “नागराज और शांगो”.
वह दोनों कॉमिक्स मैंने उनसे मांगी और कहा मैं आपको पढ़कर वापस कर दूंगा मुझे यह दे दीजिये. मेरी उम्र उस समय करीब रही होगी मेरे ख्याल से 5-6 साल के आसपास, पढ़ाई करना अच्छे से नहीं आता था, और टूटी फूटी हिंदी में जल्दी पढ़ पाना बहोत कठिन काम था इसलिए मै उन्हें लेकर खुशी ख़ुशी अपने घर आया और दोपहर के बाद उसे खोलकर उलटना पलटना चालू कर दिया, यकीन मानिए मुझे बड़ी हैरत हो रही थी कि ऐसा भी कोई किरदार हो सकता हैं!!
ऐसी अनोखी शक्तियों वाले इंसान का बच्चों के बाल मन पर बड़ा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि इससे पहले मैंने भी राज कॉमिक्स को देखा था जिसका जिक्र मैंने उपर किया है, उसका नाम था ‘इंसान बड़ा शैतान’ तो मुझे यकीन था कि शायद यह भी वैसा ही कोई सुपर हीरो होगा, लेकिन ये किरदार अलग ही लगा, इसके अंदर की खिलंदड़ प्रवृत्ति गजब ही थी, क्योंकि पहले उसे फर्क ही नहीं पड़ता था कि कौन है, कैसा है, कहां है, वह सीधे खलनायक से भिड़ जाता था. तब शायद उसे अपनी शक्तियों का पूरा ज्ञान न था लेकिन उसका यह कारनामा लोगों को पसंद आया, यह एक तरीके से एंग्री यंग मैन जैसी भूमिका है जो बुराई का दमन करता है सच्चाई का साथ देता है और लोगों से एक अनोखा रिश्ता कायम करता है जिससे आप इस किरदार के साथ जुड़ाव महसूस कर पाते हैं.
मेरा भी कुछ ऐसा हाल था, और तब की बात है और आज की बात है, आज भी मैं नागराज की कॉमिक्स का दिल थामकर इंतजार करता हूं ताकि मैं अपने प्रिय सुपर हीरो को और अच्छे से जान सकूं, समझ सकूं, उसकी कहानियों से कुछ शिक्षा प्राप्त कर सकूं, मनोरंजन के साथ कुछ ऐसी शिक्षा जिससे समाज का कल्याण हो क्योंकि कभी भी आपके मन में कोई बुरा विचार आता हैं एवं अगर आपने इन कॉमिक्सों गंभीरता से पढ़ा है या इन्हें जाना है तो यह आप ये समझ जाएंगे कि यहां पर हमेशा सच्चाई की जीत होती है और बुरे कर्मों का बुरा नतीजा होता है.
साभार: कॉमिक्स बाइट
तो अगर आप एक कॉमिक्स प्रेमी हैं और आपने इनको पढ़ा है, चाहे नागराज की बात हो या कोई भी अन्य जैसे राजा रानी या भूत प्रेत, किसी की कॉमिक्स का सार एक ही होगा की अच्छाई का फल हमेशा अच्छा ही होगा. अभी नागराज की नई कॉमिक्स आई है जिसका नाम है “विषपरस्त” और अभी तक मैं इसे पढ़ नहीं पाया हूं क्योंकि लॉकडाउन लागू है और राज कॉमिक्स की साइट पर भी कोई अपडेट नहीं है इसके बारे में की ये कब उपलब्ध होगी, लेकिन दूसरे जरिए हैं जिनका मैं इस्तेमाल करूंगा और लॉकडाउन के बाद इसे जरूर मंगा लूंगा, क्योंकि नागराज की कॉमिक्स आप मिस नहीं कर सकते, हालाँकि हाल के वर्षों में आर्ट स्टाइल बदल गया है, कहानियां बदल गई है, जिससे कई लोगों को परेशानी भी है, दिक्कत भी है, “कि पुराना ज्यादा अच्छा था नए में बात नहीं” या कुछ कहते हैं “नया ज्यादा अच्छा है पुराने में बात नहीं देखी”.
देखिये यह तकलीफ जो है यह सभी के साथ है क्योंकि जो पाठक है वह नब्बे के दशक के हैं और कुछ जो है वह सन 2000 के, राज कॉमिक्स भी समय के साथ बदल रही है जाहिर है सब कुछ पसंद नहीं आएगा और सुधार की गुंजाईश भी होगी लेकिन मैं आपको एक ही बात कहूंगा की आप मात्र मनोरंजन का आनंद लीजिए और घर पर ही रहिए एवं सुरक्षित रहिए, प्रशासन एवं सरकार की बात मानिये, आपके मनोरंजन की कोशिश कॉमिक्स बाइट अपनी ओर से करती रहेगी और अच्छे से अच्छा कंटेंट आपको देने का प्रयास करेगी. अगर आपकी भी कोई कहानी है तो हमें बताइए हम कोशिश करेंगे कि उसे कॉमिक्स बाइट पर जगह दी जाए क्योंकि देखिए हमारा काम ही है “कॉमिक्स” को बढ़ावा देना, लोगों तक पहुंचना, इसकी अच्छी बातें बताना, धन्यवाद – कॉमिक्स बाइट
Bahut badiya Gagan aur vinaashdoot do hero they Raj comics ke uske baad ek aisa hero aaya jiske jism main hazaro saap they awesome stories abhi to main die hard fan hu scd ka par nagraj Mera bhi pehla superhero tha.
Thanks Akul Bhai, We all are true comics fans. Nagraj was awesome that time.
नागराज को हम कुछ कॉमिक्स सिरीज से ही पहचानते हैं मसलन् “नागराज और बुगाकू”, “नागराज और सुपर कमाण्डो ध्रुव” और फिर “विषकन्या” ! बाद में यह फेहरिस्त और बढ़ती गई !!
खैर मेरा बनाया नागराज का स्केच को भी काफी लोगों ने तारीफ की थी !! उम्मीद है वह भी इस ब्लॉग पर जगह बनाएं !!
https://www.deviantart.com/ravibirulyw20/art/Nagraj-The-King-of-Snakes-Raj-Comics-India-702839310?ga_changes=1&ga_submit_new=10%3A1588998093&ga_type=edit
बेजोड़ आर्टवर्क है आपका रवि जी