मनोज कॉमिक्स पहला अंक (Manoj Comics First Issue)
नमस्कार दोस्तों, एक दौर ऐसा भी रहा है भारतीय कॉमिक्स के इतिहास में जब कॉमिक्स आज के मध्यम आकर में मुद्रित ना होकर बड़े आकर में प्रकाशित होती थी और सभी कॉमिक्स प्रकाशक उस समयकाल में इसी लम्बाई चौड़ाई में कॉमिक्स छापा करते थे। नूतन कॉमिक्स बड़े आकार में अपनी चित्रकथा प्रकाशित कर रही थी वहीँ मनोज कॉमिक्स का भी उदय हो चुका था। डायमंड कॉमिक्स भी कॉमिक्स के साथ प्रयोग ही कर रहा था एवं उसने अपना आकार मध्यम ही रखा जो नूतन और मनोज की तुलना में छोटा ही कहा जाएगा।

गैंग्स ऑफ़ वासेपुर के नरेशन में कहें तो अंग्रजों से लेकर कोयला खदानों का अधिपत्य अब बाहुबलियों तक और वहां से सरकारी महकमें तक पहुँच चुका था। दूरदर्शन अब शहर के घरों से गाँव के खप्पर वाले आवास तक अपनी आवाज पहुँचा रहा था और मनोरंजन के क्षेत्र में कॉमिक्स अपने पाँव और मजबूती से जमा रहा था जिसकी पहचान उसके रंगबिरंगे चित्रों, राजा रानी की कहानियों और विदेश के रौबदार नायकों की हाँथ में थी।
पढ़ें – मनोज कॉमिक्स: क्या लौटेगा पुराना दौर?

मनोज कॉमिक्स ने भी मनोज चित्रकथा के नाम से शुरुवात की जिसे पाठक एम सी के (MCK) के नाम से भी जानते है। कॉमिक्स का तात्पर्य ही चित्रकाथाओं के अनूठे संसार से है, ऐसे में चर्चित सिंदबाद की कहानी से बेहतर और क्या हो सकता है। बड़े आकर और बेहतरीन आवरण के साथ मनोज चित्रकथा ने भारतीय कॉमिक्स जगत में एक धमाकेदार आगाज किया जिसका मूल्य उस दौर में 3/- रुपये था एवं उनकी पहली प्रकाशित कॉमिक्स का नाम था “साहसी सिंदबाद“।

वैसे तो इस पुरानी कॉमिक्स के दाम आपको बाज़ारों में ज्यादा ही मिलेंगे लेकिन कॉमिक्स इंडिया के प्रयासों और श्री सावन गुप्ता जी के प्रयत्नों के परिणाम स्वरूप एक बार फिर आपको बड़े आकार की मनोज चित्रकथा पुन:मुद्रण के बाद मनोज कॉमिक्स के रूप में विक्रेताओं के पास उपलब्ध मिलेगी। जी हाँ समय आ गया है मनोज कॉमिक्स के पहले अंक को अपने संग्रह में शामिल करने का और सिर्फ इतना ही नहीं!!! इसके साथ महाबली शेरा और कालाप्रेत जैसे देशी नायकों से भी मुखातिब होने का शानदार मौका आप बिलकुल भी गंवाना नहीं चाहेंगे क्योंकि अस्सी का दशक शायद दोबारा ना आए पर उस काल में प्रकाशित हुई कॉमिकों को पढ़ने का जो मजा है वह पाठक अब एक बार फिर मनोज पब्लिकेशन के सौजन्य से प्राप्त कर पाएंगे।
मनोज कॉमिक्स बिग साइज़ की सूची
- महाबली शेरा
- महाबली शेरा और काला प्रेत
- साहसी सिंदबाद
- आल्हा उदल
नई कॉमिक्स का मूल्य 100/- रुपये है और इन्हें एक फिर से पुन: जीवित किया गया है नए रंग-सज्जा के साथ। कॉमिक्स खरीदने के लिए लिंक पर क्लिक कीजिए और एक बार फिर मनोज कॉमिक्स के अद्भुद संसार में खो जाइये क्योंकि जीवन के कुछ पल हमें इन रंग-बिरंगे संसार में ढल चुके कहानियों के संग ज़रूर बिताने चाहिए, जानकारियों के संगम और असत्य पर सत्य की जीत का इससे बेहतर उदहारण शायद ही किसी अन्य मनोरंजन के माध्यम में देखने को मिलें।

यहाँ पर विशेष तौर पर जिक्र करना चाहूँगा महाबली शेरा के कवर आर्टिस्ट श्री सी एम विटंकर जी के अप्रतिम मुखपृष्ठ का जो रीयलिस्टिक आर्ट के बहुत करीब या कहूँ रीयलिस्टिक ही था पूर्णरूप से एवं उनके साथ श्री सुरेंद्र सुमन जी का जबरदस्त चित्रांकन इन चित्रकथाओं को बेश्कीमती बना देता है जिसे हर एक कॉमिक्स प्रेमी के संग्रह में होना ज़रूर चाहिए, आभार – कॉमिक्स बाइट!!
जानना चाहूंगा कि अगर मनोज कॉमिक्स का शुरूआती नाम मनोज चित्र कथा था तो इसमें संख्या क्रमांकन कब शुरू हुआ। मतलब कि क्या कोई ऐसी लिस्ट इंटरनेट पर मौजूद है जिस से इनके सही क्रमांकन का पता किया जा सके? क्रूकबॉन्ड की काफी कॉमिक्स मनोज चित्र कथा के अंतर्गत भी प्रकाशित हुईं और कई अन्य मनोज कॉमिक्स के अंतर्गत भी।
जी बंटवारा सिर्फ राज कॉमिक्स का ही नहीं हुआ, मनोज का भी हुआ है! बाकी मनोज कॉमिक्स की सूची आपको कई प्रशंसकों के ब्लॉग पर मिल जाएगी। अब मनोज कॉमिक्स अलग है और मनोज चित्र कथा अलग।