महाबली सैंडो और कालदेव – फ़ोर्ट कॉमिक्स – उमाकार्ट (Mahabali Sando Aur Kaaldev – Fort Comics – Umacart)
फोर्ट कॉमिक्स (Fort Comics) एक भारतीय कॉमिक बुक प्रकाशक थीं जो नब्बें के दशक में एक उभरता हुआ नाम था। फ़ोर्ट कॉमिक्स में रोमांच, फंतासी, भूत-प्रेत और सुपरहीरोज की चित्रकथाओं की प्रस्तुति की जाती थीं। उस दौर में इसने कम समय में पाठकों के मध्य अपनी अच्छी भूमिका बना ली थी जिसका मुख्य आकर्षण थे इनका ‘आर्टवर्क’। स्वर्गीय कॉमिक बुक लीजेंड श्री धीरज वर्मा और प्रख्यात लिविंग लीजेंड श्री दिलीप चौबे जी इस प्रकाशन से जुड़े हुए थें जो ‘राज कॉमिक्स’ में उनके पदार्पण के पहले का समय था। इसकी कहानियाँ बच्चों और युवाओं के बीच में लोकप्रिय थीं जिसका एक कारण इनकी ‘फ़ोर्ट लव सीरीज़’ भी रही जो युवाओं को केंद्र में रखकर प्रकाशित की जाती थी। बाद में कॉमिक्स के गिरते रुझान और दम तोड़ती कहानियों के कारण इसे असमय ही बंद होना पड़ा, और एक लंबें अंतराल के बाद ‘उमाकार्ट’ पब्लिकेशन के सौजन्य से इसने दोबारा सुबह का उजाला देखा। इसके कुछ अंक पुन:मुद्रित होकर पाठकों तक फिर से पहुंचे हैं और भविष्य में और भी चित्रकथाओं के मुद्रण प्रकाशाधीन हैं।
कॉमिक्स समीक्षा: महाबली सैंडो और कालदेव – फ़ोर्ट कॉमिक्स (Comics Review: Mahabali Sando Aur Kaaldev – Fort Comics)
महाबली सैंडो को ‘रेत का शहंशाह‘ कहा जाता हैं। रेत उसकी गुलाम हैं एवं उसकी मुख्य ताकत भी। उसका शरीर अभेद हैं और सैंडो में कई हाँथियों का बल विधमान हैं, वो कई सौ सालों से इस पृथ्वीलोक में हैं एवं कई कबीले वालें उसे ‘देवता’ के रूप में भी पूजते हैं (Sounds Familiar, कहीं तो सुना या पढ़ा हैं)। उसके किस्से रहस्य एवं रोमांच से भरे हुए हैं और उसका मुख्य काम मुसीबत में फंसे लोगों की सहयता करना हैं। इस बार महाबली सैंडो का टकराव हैं माफ़िया सरगना ‘कालदेव’ से! क्या होगा अब? क्या सैंडो ‘कालदेव’ को हरा पाएगा या हो जाएगा उसकी कुटिलता का शिकार! जानने के लिए पढ़ें ‘महाबली सैंडो और कालदेव‘ कॉमिक्स।
कहानी (Story)
स्थान: सहारा रेगिस्थान! महाबली सैंडो अपने पालतू कुत्ते ‘लीपो’ और घोड़े ‘पैंथर’ के साथ एक टीले पर आराम फरमा रहा हैं। अचानक ही एक जीप वहां गुजरती हैं जहाँ कुछ गुंडे एक लड़की का अपहरण करके ले जा रहे होते हैं। सैंडो का कुत्ता उसे खतरे का संकेत देता हैं एवं फिर सहारा रेगिस्थान में आता हैं ‘रेत का भयानक जलजला’। गुंडे महाबली के हाँथों से पिट कर वहां से भाग जाते हैं जो असल में ‘कालदेव’ के सहायक थें। लड़की का नाम ‘चंद्राली’ हैं जो बागू काबिले के सरदार की बेटी हैं। कालदेव के गुंडों ने उसके काबिले में कोहराम मचा दिया एवं उसके पिता को घायल भी कर दिया था। सैंडो उसे काबिले में वापस लेकर जाता हैं और सरदार का ईलाज भी करता हैं। सरदार के अनुरोध पर वह वहां कुछ दिन रुकने का मन बनता हैं, बीच में उसकी गुंडों से फिर हाँथापाई होती हैं जिसमे कालदेव का खास पिट्ठू भी मारा जाता हैं। अब ‘कालदेव’ का एक ही उद्देश्य हैं, ‘महाबली सैंडो’ का खात्मा! पर क्या ये इतना आसन होगा!!
टीम (Team)
इस कॉमिक्स का आवरण बनाया हैं आर्टिस्ट बी.एस. उम्रोत्कर ने, कहानी लिखी है श्रो विनय मोहन ने और चित्रांकन हैं सुश्री पल्लवी इलस्ट्रेटर के। इसकी पुन: रंग-सज्जा की हैं ‘फ़ेनिल कॉमिक्स स्टूडियो’ ने एवं कॉमिक्स के संपादक हैं श्री अजय कुमार गुप्ता जी। यह फ़ोर्ट कॉमिक्स में सैंडो सीरीज़ की पहली कॉमिक्स थीं।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : फ़ोर्ट कॉमिक्स (उमकार्ट पब्लिकेशन )
पेज : 32
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 100/-
भाषा : हिंदी
कहां से खरीदें : Umacart
निष्कर्ष (Conclusion)
पाठक अगर नब्बें के दशक को देखना चाहते हैं की तब अन्य प्रकाशन कैसा कार्य कर रहे थें, किसी नए सुपरहीरो से रूबरू होना चाहते हैं और ‘मसाला’ कॉमिक्स पढ़ना चाहते हैं तो यह आपको पसंद आ सकती हैं। हाँ आज के नए पाठक इसके आर्टवर्क और कहानी को ‘पांच में से डेढ़ सितारा’ ही प्रदान करेंगे। ज्यादा कुछ कहने के लिए यह चित्रकथा बनी ही नहीं हैं इसलिए इसे एक बार जरुर पढ़ा जा सकता हैं जिसमें सादी कहानी और प्रबल सुपरहीरो को दर्शया गया हैं। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
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