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लोकमाता अहिल्याबाई होलकर: भारतीय संस्कृति की दीपशिखा और सच्ची “इंडिपेंडेंट वूमन” की प्रेरणा। (Lokmata Ahilyabai Holkar: The beacon of Indian culture and the inspiration of a true “Independent Woman”.)

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वीरांगना को नमन: भारत की असली ‘इंडिपेंडेंट वूमन’ लोकमाता अहिल्याबाई होलकर। (Salute to the braveheart: Lokmata Ahilyabai Holkar, the original ‘independent woman’ of India.)

Ahilyabai Holkar
Punyashlok Ahilyabai Holkar

जिस दौर में स्त्रियों को राजनीति और प्रशासन से दूर रखा जाता था, उस समय अहिल्याबाई होलकर जैसी युगद्रष्टा ने न केवल शासन की बागडोर संभाली, बल्कि भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को नई पहचान भी दी। उनकी 300वीं जयंती एक अवसर है, जब हम नारी सशक्तिकरण की परिभाषा को ऐतिहासिक संदर्भ में फिर से समझें।

सामाजिक न्याय और सेवा का प्रतीक

लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन सेवा, समर्पण और न्याय की अद्वितीय मिसाल है। उन्होंने बिना भेदभाव के प्रजा का कल्याण किया, महिलाओं को सम्मान दिया और धर्म की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उनका शासन पारदर्शी, न्यायपूर्ण और समावेशी था — एक ऐसा मॉडल जिसे आज की लोकतांत्रिक व्यवस्था भी अपना आदर्श मान सकती है।

सांस्कृतिक पुनर्जागरण की नायिका

भारत के मंदिरों और तीर्थस्थलों के संरक्षण में अहिल्याबाई का योगदान अविस्मरणीय है। जब देश की सांस्कृतिक पहचान खतरे में थी, तब उन्होंने सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, रामेश्वरम्, द्वारका और अनेक अन्य तीर्थों का जीर्णोद्धार करवाया। उन्होंने माहेश्वर को न केवल मराठा साम्राज्य का एक प्रशासनिक केंद्र बनाया, बल्कि उसे कला, संस्कृति और शिल्प का केंद्र भी बनाया।

Lokmata Ahilyabai Holkar - Bitrh Anniversary
Lokmata Ahilyabai Holkar – Bitrh Anniversary
Credits: Myyogiadityanath

महिला सशक्तिकरण की प्रेरणा

आज जब ‘इंडिपेंडेंट वूमन’ की परिभाषा अक्सर आधुनिक परिधानों और शहरी आज़ादी तक सीमित की जाती है, अहिल्याबाई का जीवन हमें याद दिलाता है कि सच्ची स्वतंत्रता सेवा, आत्मबल, और निर्णय क्षमता में निहित होती है। उन्होंने अपने व्यक्तिगत दुखों से ऊपर उठकर जनकल्याण को प्राथमिकता दी और एक महिला होने के बावजूद पुरुष-प्रधान सत्ता ढांचे को चुनौती दी।

कॉमिक्स और समकालीन साहित्य में लोकमाता

आज के युवा पाठकों के लिए अहिल्याबाई होलकर की प्रेरणादायक गाथा को सहज और रोचक रूप में प्रस्तुत करने हेतु कई कॉमिक्स प्रकाशित हो चुके हैं। अमर चित्र कथा जैसे प्रकाशनों ने उनके जीवन पर आधारित कहानियों को सुंदर चित्रों और संवादों के माध्यम से प्रस्तुत किया है। इन कॉमिक्स में न केवल उनका साहस दिखाया गया है, बल्कि उनकी रणनीतिक कुशलता और मानवीय दृष्टिकोण को भी प्रमुखता से उकेरा गया है।

Ahilyabai Holkar - Amar Chitra Katha - Hindi
Ahilyabai Holkar – Amar Chitra Katha – Hindi

आज की सीख

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जयंती के अवसर पर दिए गए वक्तव्य में यह स्पष्ट संदेश था कि हमें लोकमाता की ‘जनसेवा की भावना’ को आत्मसात करना चाहिए। आज जब संस्कृति पर आधुनिकता की आंधी है, तब अहिल्याबाई जैसे ऐतिहासिक चरित्र हमें अपनी जड़ों की ओर लौटने की प्रेरणा देते हैं।

लोकमाता अहिल्याबाई होलकर महज एक रानी नहीं थीं, वे एक विचार थीं – साहस, धर्म, सेवा और संस्कृति का जीवंत प्रतीक। आज के दौर में, जब महिला नेतृत्व और सामाजिक न्याय की आवश्यकता पहले से कहीं अधिक है, उनकी स्मृति और शिक्षाएं हमारे मार्गदर्शन का प्रकाशस्तंभ हैं।

🌼 300वीं जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। वह सचमुच हैं – भारत की पहली ‘इंडिपेंडेंट वूमन’। आभार – कॉमिक्स बाइट!!

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