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कपिल देव: ‘BSA SLR’ विज्ञापन

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दोस्तों कॉमिक्स का स्वरुप होता है जो की दिए गए विनिर्देशों पे चलता है, मसलन 32 से 60 पृष्ठ संख्या, आवरण की लम्बाई-चौड़ाई, उसमे दिये गए विज्ञापन, कहनी, चित्र, रंग संयोजन, सुलेख और संपादन. पुराने दौर में ‘मासिक पत्रिकाओं/कॉमिक्स’ के माध्यम से विज्ञापन को भारत के कोने कोने तक फैलाया जाता था, ऐसा ही एक विज्ञापन था जो शायद इंद्रजाल कॉमिक्स में छपा था भारत के भूतपूर्व क्रिकेटर पद्मभूषण श्री ‘कपिल देव’ (Kapil Dev) के उपर जिन्हें हम सभी ‘हरियाणा हर्रिकेन’ नाम से भी जानते है.

भारत ने वर्ल्ड कप 1983 में जीता, इससे ये समझा जा सकता है की उस समय के क्रिकेटर काफी प्रसिद्ध, पत्रिका के पाठकों एवं लोगों के दिलों पर राज करते थे और चहेते भी थे, टीवी तब शायद सबके घरों में ना रहा हो लेकिन ‘रेडियो- ट्रांजिस्टर’ के माध्यम से भारत में क्रिकेट कमेन्ट्री बड़ी लोकप्रिय रही, इसलिए ‘कपिल देव’ कोई अनसुना नाम नहीं था, दूसरा भारत में तब तक कोई ऐसा फ़ास्ट बॉलर नहीं था जो इनस्विंग/आउटस्विंग योर्कर मरता हो (एक तरह की गेंदबाज़ी जिसमे ‘बॉल’ हवा में घुमते हुए अंदर या बहार की तरफ आती/जाती है). कपिल जी एक विशेषज्ञ आलराउंडर थे और उन्होंने क्रिकेटिंग करियर के दौरान कई दुर्लभ रिकार्ड्स भी अपने नाम किये एवं भारत के प्रथम विश्व कप विजेता टीम के कप्तान होने का गौरव भी उन्हें ही मिला.

कपिल देव जी के नाम कई सम्मान है –

पूरा नाम: कपिल देव रामलाल निखंज

  • 1979 – 80 – अर्जुन पुरूस्कार
  • 1982 – पद्मश्री
  • 1983 – विजडन ‘क्रिकेटर ओफ द ईयर’
  • 1991 – पद्मभूषण
  • 2002 – विजडन ‘इन्डियन क्रिकेटर ओफ द सेन्चुरी’

फिल्म सितारे हो या क्रिकेटर, भारत में ये सेलेब्रिटी से कम नहीं. ऐसे में अपने ब्रांड को इनके साथ जोड़ना फायदे का सौदा होता है और इससे आपके प्रोडक्ट के फेस वैल्यू (Face Value) भी बढती है, कपिल जी के साथ भी उस ज़माने की बड़ी साइकिल निर्माता रही BSA साइकल्स ने करार किया और कपिल जी का एक पन्ने का विज्ञापन कई पत्रिकाओं और कॉमिक्स में छापा. इस कारण मुझे लगता है BSA साइकल्स को फायदा जरुर हुआ होगा, लगभग 4 दशक पहले सारे ‘इलस्ट्रेशन’ हाँथ से ही बनाएं जाते थे, क्योंकि अधिकतर आर्ट डायरेक्टर उस समय ‘चित्रकारी’ करना जानते थे और सभी मंझे हुए चित्रकार थे. ज्यादातर विज्ञापन इन पत्रिकाओं में ही छपते थे तो जाहिर है इन विज्ञापनों का योगदान काफी महत्वपूर्ण रहा है किसी भी ब्रांड के लिए. नीचे पेश है आपके लिए वो खास विज्ञापन जो इतने वर्षों से अभी भी लोगों के बीच घूम रहा है लेकिन उसकी ‘अपील’ आज भी ताज़ा है.

Vintage Ad – Kapil Dev (BSA SLR Cycle)

ये एक ‘कॉमिक स्ट्रिप’ है और शायद आपने इसे पहले देखा भी हो और इनकी खासियत यही रही की मात्र 4-5 फ्रेम्स/पैनल में आर्टिस्ट ने अपनी पूरी कहानी आपके समक्ष रख दी. कहानी कुछ ऐसी है की ‘कपिल पाजी’ को एक ‘टेस्ट मैच’ के लिए एअरपोर्ट पर जाना होता है पर उनकी ‘टैक्सी’ बीच रास्ते में ख़राब हो जाती है, तभी एक लड़की वहाँ BSA साइकिल चालते हुए निकलती है, कपिल उससे साइकिल मांग कर एअरपोर्ट तक का सफ़र तय करते है और सही समय पर एअरपोर्ट पहुँच जाते है, भारत वो मैच कपिल देव जी के प्रदर्शन से जीत जाता है और पोस्ट मैच इंटरव्यू में कपिल जी उस लड़की का हार्दिक धन्यवाद करते है. इस स्ट्रिप में ‘इलस्ट्रेशन’ बड़े ही कमाल का है. पाठकों के लिए खास, कपिल देव जी के विज्ञापन जो की टीवी के लिए बना था. (फ्रेम बाय फ्रेम), आभार – कॉमिक्स बाइट!

कपिल देव BSA SLR विज्ञापन

Comics Byte

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