सुपरहीरो नागराज के बेजोड़ पुराने कॉमिक्स के आवरण! (Incredible Old Comic Book Covers Of Superhero Nagraj)
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वर्ष 1986 को कॉमिक्स जगत को एक ऐसा नायक प्राप्त हुआ जिसने भारत के कॉमिक्स जगत के नायकों की छवि ही बदल कर रख दी। एक ऐसा पात्र जो अपराध एवं अपराधियों का काल था, महादेव का भक्त और समस्त विश्व के सर्पों का सम्राट जिसे कॉमिक्स प्रशसंकों का आपार स्नेह और प्रेम प्राप्त हुआ और वो कहलाया आतंकवादी गिरोहों की तबाही का देवता नाग सम्राट – “नागराज” (Nagraj)। जिसके जीवन का एकमात्र उद्देश्य था की पूरे विश्व से आतंकवाद और अपराधियों का समूल नाश एवं उसके इस सफ़र में साथ होते है उसके कई मित्र और बनते है नए साथी। इसे ‘द स्नेकमैन‘, ‘नागसम्राट‘ और बच्चों के दोस्त ‘नागराज‘ के नाम से भी जाना जाता है जिसने कॉमिक्स जगत में कई कीर्तिमान स्थापित किए।
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नागराज के यादगार कॉमिक बुक कवर्स (Nagraj’s Memorable Comic Book Covers)
मैं आज भी जब इन पूर्व प्रकाशित काॅमिक बुक्स के आवरणों को देखता हूँ तो लगता हैं जैसे पुराने दौर में वापस लौट गया हूँ। चाहे इन्हें आज किसी भी प्रकाशन या धड़े से मुद्रित किया जाए, पाठकों का प्रेम इनके लिए बदलने वाला नहीं हैं। पिछले दो वर्षं में नागराज के पहले 25 अंकों को कई बार सिंगल इशू, डाइजेस्ट और संग्राहक संस्करण के रूप में प्रकाशित किया गया हैं पर पाठकों में मांग अभी भी बनी हुई हैं। इसका एक मुख्य कारण इन कॉमिक बुक्स के बेजोड़ आवरण यानि की कवर्स भी थें। नागराज एवं अन्य राज कॉमिक्स के आवरण एक अर्से तक स्वर्गीय प्रताप मुल्लिक जी ने बनाए जिन्हें “काॅमिक्स कला जगत का पितामह भी कहा जाता हैं” और वो सभी आवरण अपने वाटर कलर पेंटिंग स्टाईल के कारण ‘नागराज’ पहचान बन गए। इन आवरणों और उस दौर की कहानियों/चिर्त्रों का प्रभाव ग्राहकों एवं पाठकों पर इतना था की बाजारों में ‘नागराज’ (Nagraj) के कॉमिक्स की भारी मांग लगातार कई बर्षों तक बनी रही। क्योंकि उस समय लगभग सभी कॉमिक्स के चित्रकथाओं पर मुल्लिक स्टूडियोज ही काम कर रहें थे तो यह स्थिरता सभी कॉमिक बुक्स के आवरणों पर भी दिखाई पड़ती थीं।
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मनोज गुप्ता जी ने आपने एक आलेख में भी इसका जिक्र भी किया था कैसे जब वो प्रताप जी से किसी कार्य के सिलसिले में पुणे मिलनें पहुंचे तो बातो ही बातों में उनकी कूंची ने मनोज जी का एक लाईव पोर्ट्रेट बना दिया था। राज काॅमिक्स की बिक्री में भी इनके शानदार आवरणों का बहुत योगदान रहा और मुल्लिक स्टूडियोज ने ना सिर्फ काॅमिक्स के कवर्स बनाए अपितु काॅमिक्स के अंदर के पृष्ठों पर भी अपना जादू कई वर्षों तक बरकरार रखा। यहाँ सिर्फ राज कॉमिक्स ही नहीं बल्कि अन्य प्रकाशनों पर भी बहुतायत में कार्य किया गया।
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सुपरहीरो ‘नागराज’ का यह स्वरूप उसके प्रशंसकों बीच बहुत ज्यादा प्रचलित हुआ और हम जैसे कई पाठक तो बस दुकानों में चक्कर इसके आगामी अंको के लिए ही लगाते थें। एक और खास बात ये थीं की सभी आवरण बेहद खूबसूरत और आकर्षक बनाए जाते थें ताकि कोई भी इन्हें दुकानों में झूलता देखकर ठीठक जाए और शायद काॅमिक्स खरीदनें को तैयार भी हो जाए। शानदार रंगों में सजे और सफ़ेद बैकग्राउंड के साथ इनका प्रभाव देखने लायक होता था और साथ ही इनके एक्शन सीक्वेंस इतने जबरदस्त थें कोई भी इन्हें घंटों तक बस निहारता ही रह जाए।
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ग्रीष्मकालीन छुट्टियों में अपने घर के पीछे वाले कमरे में इन काॅमिक्स के साथ मैंने घंटों व्यतीत किए हैं जब तक दोपहर को क्रिकेट खेलने का समय नहीं हो जाता था और उन छुट्टियों के दौरान हम सभी पाठकों ने इन्हें सैकडों बार पढ़ा भी हैं। मैं तो बस यही कहूँगा की अपने शौक को जिंदा रखें, अपने आप को भी समय दें, ये जीवन बिलकुल भी आसान नहीं लेकिन जो आपके खुशी दें वो कार्य जरूर करें क्योंकि आज भी जब मैं इन काॅमिक्स के आवरणों को देखता हूँ तो लगता हैं पुराने दौर में वापस लौट गया हूँ और मन को एक आपार शांति मिलती हैं!! आभार राज कॉमिक्स की पूरी टीम का जिन्होंने यह शानदार यादें हमें संझोने का अपने बचपन में एक मौका दिया, कवर्स तो और भी हैं लेकिन उनकी चर्चा किसी और दिन – कॉमिक्स बाइट!!
Nagraj Origin Set of 5 Comics | Raj Comics
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