हैड्राॅन कॉमिक्स समीक्षा (Hadron – Raj Comics Review)
जब हुए आयामों के टकराव तब शेष रह गया मात्र ‘अवशेष’ और उन्हीं अवशेषों से उठकर जब टकराये दो नागराज तब ब्रह्मांड को मिली गंभीर चुनौती जिसमें पिस गए ध्रुव और चंडिका. क्या होगा आगे, क्या बच पाएंगे ये आयाम या बिखर जाएंगे ये समय की अनंत धारा में, लेकर आया है इन्हीं सवालों के जवाब – ‘हैड्राॅन’.
इस कॉमिक्स के समीक्षा से पहले आप अवशेष कॉमिक्स और चुनौती कॉमिक्स का समीक्षा अवश्य पढ़ें.
हैड्राॅन (Hadron)
राज रजत वर्ष 2010 में नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव के 2इन1 विशेषांक की अंतिम कड़ी है हैड्राॅन. प्राचीन नगरी में हो रहा है एक भयानक युद्ध, वहीँ ध्रुव और चंडिका पहुँच गए है ब्लैक होल के अंदर. कई आयामों को दांव पर लगाती ये कॉमिक्स जुड़ेगी प्राचीन नगरी से जुड़े आयाम से जहाँ पर है ‘मैग्नम’, रोबो, नताशा एवं उनके साथ दबे है कुछ ऐसे राज़ जो पलट देंगे किसी की जीवन को. क्या नागराज अपनी जंग जीत पाया, ध्रुव और चंडिका का क्या हुआ और मैग्नम एवं रोबो क्या सफल हो पाएं, इन सब बातों का खुलासा होता है हैड्राॅन में.
नाम: हैड्राॅन(राज कॉमिक्स विशेषांक) संख्या: 2449 वर्ष: 2010 प्रकाशन: राज कॉमिक्स मूल्य: 50
टीम
सम्पूर्ण टीम वही है जो पिछले कॉमिकों पर भी कार्य कर चुकी है. बस इंकिंग में एक नाम और जुड़ गया है जो है श्री ‘गौरव श्रीवास्तव’ का एवं श्री विनित सिद्धार्थ का नाम पिछले दो कॉमिक्स की तरह इस बार इंकिंग पैनल से नदारद रहा. टीम की जानकारी के लिए अवशेष के समीक्षा पर जाकर आप सभी के नाम एवं कार्य का अवलोकन कर सकते है.
आर्टवर्क – श्री अनुपम सिन्हा एवं साभार – राज कॉमिक्स
कॉमिक्स के आवरण में 3 नागराज दिखाई पड़ रहे है और ये एक अजीब सी काली आकृति जो ध्रुव जैसा लग रहा है उससे टकरा रहें है. पीछे लैब का बैकग्राउंड है और साथ ही में एक और काली आकृति नज़र आ रही है जो चंडिका का आभास दे रही है. नागराज भी अलग अलग आयामों वाले प्रतीत हो रहें है. कवर पर इंकिंग श्री अमित की है और नागराज के नाक के नीचे इंकिंग की त्रुटी भी साफ़ देखी जा सकती है.
प्लाट
प्लाट दो कॉमिक्स से होता हुआ अब तीसरे पर आ पहुंचा है. अवशेष और चुनौती में कई घटनाएँ घट चुकी है और हैड्राॅन में यह और भी जटिल हो जाती है. ध्रुव और चंडिका पहुँच चुके है प्राचीन नगरी के साथ जुड़े आयाम में जहाँ हो चुकी है सुपर कमांडो ध्रुव की मृत्यु (मैग्नम के कुटिल चाल के द्वारा), नताशा की जान पर बन आई है, अब ध्रुव और चंडिका को करना होगा मैग्नम के रहस्य का पर्दाफाश और मौत से वापस खींच कर लाना होगा इस आयाम के ध्रुव को भी.
दूसरी ओर नागराज के इस लड़ाई में उसका साथ देता है मणिधारी सर्प नागु, कैसे भी करके आखिरकर नागराज दूसरें आयामों के नागराजों से निपट लेता है पर एक और बड़ा खतरा पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है जो है माइक्रो ब्लैक होल. उसका घनत्व बढ़ रहा है एवं वह बड़ी तेज़ी से फ़ैलाव भी कर रहा है. अब कैसे रोकेगा नागराज इसे? अन्य आयाम में क्या हुआ ध्रुव और चंडिका का? मैग्नम का क्या रहस्य है? इन्हीं सब सवालों के जवाब है हैड्राॅन में.
कहानी एवं आर्टवर्क
कहानी यहाँ और भी जटिल हो गई है. दुसरे आयाम में ध्रुव की मौत और मैग्नम का सच आपको दिग्भ्रमित कर सकते है, फ्रीक्वेंसी के मिलान से इन घटनाओं को जोड़ा गया है. कहानी में काफी पेंच है और आप कई बार इसमें भूल चूक भी कर बैठते है. नागराज का ब्लैक होल व आयामों के अपराधियों से टकराव बढ़िया था, ध्रुव और चंडिका के साथ साथ नताशा और रोबो का भी एक नया रूप यहाँ देखने को मिलता है.
आर्टवर्क में थोड़ी निराशा ही हाथ आयी, इंकिंग में और अच्छा कार्य हो सकता था. कहीं कहीं आर्टवर्क लगा ही नहीं की श्री अनुपम सिन्हा जी की पेंसिलिंग है. जो उम्मीद पाठक राज कॉमिक्स से करते है उसके पैमाने पर ये आर्टवर्क योग्य नहीं बैठता. इस सीरीज का आर्टवर्क आप औसत कह सकते है लेकिन जब इसका संयुक्त संस्करण आया तब आवरण इतना जबरदस्त बना है की क्या कहने.
राज रजत वर्ष 2010 में एक बेहतरीन 2IN1 सीरीज देखने को मिली लेकिन आर्टवर्क और कहानी की कुछ कमियों के कारण इसे सर्वश्रेष्ठ सीरीज का उपनाम नहीं दिया सकता. कई कॉमिक्स पाठकों के पसंद है और कुछ को नहीं क्योंकि सभी की अपनी अपनी पसंद है लेकिन अगर आप नागराज और सुपर कमांडो ध्रुव के प्रशंसक है तो ये ‘अवशेष सीरीज’ आपके पास जरुर होनी चाहिए.
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स्पॉइलर
हैड्राॅन कॉमिक्स में ध्रुव की मृत्यु को आप पचा नहीं पाते, दूसरा जब मैग्नम का राज सामने आता है तो कई पाठकों को यह बात समझ में नहीं आई की दोनों एक कैसे हो सकते है जबकि कॉमिक्स के एक घटनाक्रम में दोनों आमने सामने होते है. रोबो को पूरे घटनाक्रम का पता पहले से रहता है इसलिए अंत में वो पांसा पलट देता है. ध्रुव की मृत्यु का नाटक भी रोबो और मैग्नम के दिमाग की उपज कही जा सकती है क्योंकि अगर आपने कॉमिक्स ध्यान से पढ़ी हो तो आप पाएंगे की ये दोनों ज्यादा चिंतित नागराज के लिए थे ना की ध्रुव के लिए. ये घटनाचक्र बड़ी तेज़ी से घूमते है और प्रोफेसर ‘सिरी’ मैग्नम का ही एक प्यादा निकलता है. असल प्रोफेसर तो वो है जिसको ध्रुव ने राजनगर में सीडी के साथ बचाया था.
अवशेष कॉमिक्स सीरीज की समीक्षा के पीछे मेरा मंतव्य यही था की इसे अच्छे तरीके से समझाया जा सके ताकि अन्य पाठक भी इस सीरीज से जुड़े. जो भी विश्लेषण था वो आपके समक्ष रखा जा चुका है, अब आप इसे समय देते है या नहीं ये फैसला आप पर निर्भर करता है, आभार – कॉमिक्स बाइट!