गोवरसन्स कॉमिक्स (Gowarsons Comics)
अस्सी के दशक के शुरुवाती चरण में एक कॉमिक्स पब्लिकेशन हुआ करती थी जिन्होंने विदेशी किरदारों पर काफी कॉमिक्स प्रकाशित की और उनका नाम था गोवरसन्स कॉमिक्स. वर्ष 1982 से 1984 के बीच में गोवरसन्स कॉमिक्स प्रकाशित हुआ करती थी, ये गोवरसन्स ग्रुप (Gowarsons Publishers Pvt. Ltd.) की ही एक इकाई थी. उससे पहले गोवरसन्स ग्रुप मधु-मुस्कान (बाल पत्रिका) प्रकाशित कर ही रहे थे और उन्हें अपेक्षित सफलता भी मिल रही थी, मधु-मुस्कान के किरदार घर घर में लोकप्रिय थे. ऐसे में कॉमिक्स भी बाज़ार में प्रस्तुत करना कोई घाटे का सौदा नहीं था. विदेशी किरदारों को भारतीय बाज़ार में उतारने की एक पहल गोवरसन्स कॉमिक्स ने भी की, जहाँ एस्ट्रिक्स (Asterix) को फ्रांस से लाया गया, वहीँ आर्ची (Archie) को अमेरिका से, इन्होंने कमांडो: वॉर कॉमिक्स (Commando: War Comics) के अधिकार भी प्राप्त किये जो ‘DC Comics’ स्कॉटलैंड से प्राकशित होती थी.
गोवरसन्स कॉमिक्स की कुल 52 कॉमिक्स प्रकाशित हुई थी, जिनमें से सभी लगभग हिंदी भाषा में थी, लेकिन कॉमिक्स ऑर्गेनाइजेशन के हिसाब से एक कॉमिक्स अंग्रेजी में भी प्रकाशित की गई थी जिसका नाम था – ‘तार’ और ये एक जर्मन कॉमिक्स का अनुवादित संस्करण था.
गोवरसन्स कॉमिक्स में काफी सारे किरदारों की कहानियां छपी थी उनमें से कुछ यहाँ पर दिए गए है –
- जादुई मानव (The Fly)
- पांच जासूस (The Famous Five)
- तार (Taar)
- एस्ट्रिक्स (Asterix)
- स्पेस कैप्टेन जिम स्त्वाल्वाते (Antriksh Captan Jim Stwalwate)
- लकी ल्युक (Lucky Luke)
- बक रयान (Buck Rayan)
- इज्नोगुड (Iznogud)
- स्टार ट्रेक (Star Trek)
- द ब्लैक हुड (The Black Hood)
इसके अलावा उन्होंने ‘कमांडो: वॉर कॉमिक्स’ और आर्ची कॉमिक्स का भी प्रकाशन किया. ये सारे लाइसेंस्ड करैक्टर थे जो विदेशों से गोवरसन्स ग्रुप ने भारत में प्रकाशन के लिए ख़रीदे थे. इससे पहले ‘कमांडो: वॉर कॉमिक्स’ सिर्फ ब्लैक एंड वाइट वर्शन में ही आती थी, लेकिन गोवरसन्स ग्रुप ने उसे गोवरसन्स कॉमिक्स के अंतगर्त कलर वर्शन में भी प्रकाशित किया.
गोवरसन्स ग्रुप 1947 में शुरू हुआ और आज भी कार्यरत है. हालाँकि कॉमिक्स छपना अब बंद हो चुकी है, गोवरसन्स ग्रुप ने मधु मुस्कान (कॉमिक्स और मैगज़ीन), त्रिशूल कॉमिक्स और गोवरसन्स कॉमिक्स का प्रकाशन किया और मधु-मुस्कान इनकी सबसे ज्यदा पढ़ी जाने वाली पत्रिका थी. इसके मालिक(डायरेक्टर) है श्री दीपक कपूर एवं उनके भाई प्रणव कपूर और वो आज भी ‘एस्ट्रिक्स’ को पसंद करते है. इसके अनुवादक थे ‘श्री हरीश एम सूदन’ और ‘श्री हसन पाशा’. हालाँकि ये वक़्त से पहले किया गया बदलाव था और शायद पाठकों के ज्यदा पसंद नहीं आया और गोवरसन्स कॉमिक्स की दौड़ मात्र 2 साल में ही समाप्ति की ओर अग्रसर हो चली. भारतीय कॉमिक्स के इतिहास में गोवरसन्स कॉमिक्स का नाम हमेशा रहेगा और इनके प्रयासों को भविष्य में जरुर सराहा जायेगा, आभार – कॉमिक्स बाइट!