Dolton Comics (डॉल्टन कॉमिक्स)
Dolton Comics (डॉल्टन कॉमिक्स): मित्रों कल मैंने डॉल्टन कॉमिक्स का एक विज्ञापन साझा किया था. डॉल्टन कॉमिक्स चंदामामा पब्लिकेशन से प्रकाशित होती थी, ये बाकयदा DC Comics से लाइसेंस लेकर भारतीय बज़ार के हिसाब से छापा गया था, इसका सबसे पहला अंक ‘प्रथम’ मई 1982 को प्रकाशित हुआ और चंदामामा के पाठकों ने इसे हांथो हाँथ लिया, लेकिन क्या आपको पता है चंदामामा ने इसकी तैयारी काफ़ी पहले से ही कर रखी थी. उन्होंने डॉल्टन कॉमिक्स के विज्ञापन काफ़ी पहले से चंदामामा में छापना शुरू कर दिया था और इससे पाठकों को एक मनोधारणा बनाने में आसानी हुई और जब कॉमिक्स पाठकों तक पहुची तो उन्हें ये पहले से ही पता था की इनमें कौन से किरदारों की कहानियां प्रकाशित होने वाली है.
चंदामामा कई भाषाओं में प्रकाशित होती थी, उन्हें इस बात का पूरा अंदाजा था की डॉल्टन कॉमिक्स का भविष्य कैसा है, उसे कितने लोग पढ़ने वाले है, इसे दो भाषाओं में छापा गया ‘हिंदी और अंग्रेजी’ में, मुझे लगता है इन दो भाषाओं में किताबें ज्यदा बिकती थी और प्रादेशिक भाषा को शायद इतना प्रतिसाद न मिलता हो तब. डॉल्टन कॉमिक्स 15 दिनों में एक बार प्रकाशित होती थी, इसका प्रकाशन कब बंद हुआ और डॉल्टन कॉमिक्स के अंतर्गत कितने अंक प्रकाशित हुए, ये भी एक बड़ा सवाल है जिसकी चर्चा किसी अन्य पोस्ट पर की जाएगी, लेकिन एक बात यहाँ पर जरुर कहना चाहूँगा की डॉल्टन कॉमिक्स की बदौलत भारतीय बाज़ार में सुपर मैन और बैटमैन की लोकप्रियता में बेहिसाब इजाफ़ा हुआ और पाठकों को अच्छी सामग्री पढ़ने को मिली.
डॉल्टन कॉमिक्स के मैंने काफ़ी अंक ऑनलाइन बिकते हुए देखे है और शायद मेरे कलेक्शन में भी कुछ है, भारत में इसकी अच्छी खासी डिमांड है कलेक्टरों में, जाहिर है चंदामामा ने इसे अच्छी खासी संख्या में छापा था, तो ये आपको कहीं न कहीं दिख ही जाएँगी. बचपन में मैं DC Comics को Dolton Comics ही समझता था, बाद में पता चला की ये सारे किरदार असल में DC Comics में प्रकाशित होते रहे और बाद में इनके अनुज्ञप्ति वाले भारतीय संस्करण आये.
डॉल्टन कॉमिक्स के कुछ खास किरदार –
- सुपरमैन
- बैटमैन
- फ़्लैश
- ग्रीन लैंटर्न
- बैटगर्ल
- रॉबिन
- ग्रीन ऐरो
- सुपर गर्ल
डॉल्टन कॉमिक्स के पहले अंक का मूल्य 1.75 रूपए था, पृष्ठ – 30-32. इसमें सुपरमैन और बैटमैन की अलग अलग कहानियां छपी थी, जहाँ एक ओर सुपरमैन की मूल कहानी बताई गई, वहीँ बैटमैन का एक छोटा सा परिचय करा के उसे गोथम शहर के अपराधियों से टक्कर लेता दिखाया गया. इस कॉमिक्स में सभी पृष्ठ रंगीन थे और कहानी के साथ आर्टवर्क भी बेहद कमाल का था. इसके कवर की विशेष बात ये थी इसमें बैटमैन की कहानियां “सुपर कॉमिक्स” के नाम के अंतर्गत प्रकाशित होते थे, डॉल्टन कॉमिक्स भी Vol. और No. के हिसाब से छापी गयी थी ताकि सूची बनाने में आसानी रहे,, उम्मीद है आपको आज का लेख ये पसंद आया होगा, आभार – कॉमिक्स बाइट!
वाह बेहद ही रोचक जानकारी है आज की !!
हार्दिक आभार रवि जी!
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