डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 3
Diamond Comics Vintage Ads: नमस्कार, सभी मित्रों का स्वागत है एक बार फिर हमारे पुराने विज्ञापन की श्रृंखला में, आज फिर देखते है डायमंड कॉमिक्स के कुछ विंटेज मार्केटिंग के विज्ञापन लेकिन उससे पहले अगर आप इसके पिछले भाग पढ़ना चाहते है तो इन दिए गए लिंक्स पर क्लिक करके आप उन्हें पढ़ सकते है – “डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 1” और डायमंड कामिक्स “पुराने विज्ञापन” भाग 2.
जैसा मैंने अपने एक पुराने आलेख में भी बताया था की ‘ब्रांड इंट्रीग्रेशन’ (देखें – पोप्पिंस पर लेख) की खासियत यही है की कैसे एक ब्रांड दुसरे ब्रांड की मदद करता है, उससे बाज़ार में पनपने देता है जबकि दोनों का बाज़ार एक ही है लेकिन ‘प्रोडक्ट’ अलग अलग, डायमंड कॉमिक्स सर्वाधिक पढ़ी जाने वाली पब्लिकेशन इसलिए भी बनी की उन्होंने कई भाषाओँ पर कॉमिक्स छापी और दुसरे बाल पत्रिकाओं में धडल्लें से अपना प्रचार भी किया, इसलिए डायमंड कॉमिक्स के पुराने एडिशन (अन्य भाषा वाले) आपको आज भी बड़े आराम से मिल जायेंगे. यहाँ पर बाज़ार के हिसाब से बदलाव सफलता की कुंजी बन सकता है बशर्ते कि आप समय से चेत जाये और बाज़ार को समझे अन्यथा अगर आप एक ही विचार पर अड़े रहे तो संभवतः पतन निश्चित है.
आईये अब नज़र डालते है डायमंड कॉमिक्स के कुछ विंटेज विज्ञापनों पर:
आप दिवंगत ‘प्राण कुमार शर्मा’ सर यानि की ‘कार्टूनिस्ट प्राण’ की बेमिसाल चित्रकारी और कहानी कहने का नमूना देखिये, विज्ञापन में मात्र एक ही फ्रेम है लेकिन आपको कितने आसन तरीके से उन्होंने गुदगुदा भी दिया और हास्य का तात्पर्य भी समझा दिया, ऐसी हास्य की समझ और कलाकारी विरले ही देखने को मिलती है. एक बात और जोड़ना चाहूँगा यहाँ पर की प्राण सर एक्सप्रेशन पर भी बहोत ध्यान देते थे, उनके आर्ट में जटिलता भले ही न दिखे पर एक्सप्रेशंस बड़े कमाल के होते थे.
उपर अंकुर बाल बुक क्लब की जानकारी भी दी गई है की कैसे आप उसके सदस्य बन सकते है वो भी 2 रूपए के डिस्काउंट के साथ. आपको बता दूँ की अंकुर भी डायमंड कॉमिक्स का ही किरदार है और इसके जनक भी ‘कार्टूनिस्ट प्राण’ ही थे.
सेट डिटेल्स:
- चाचा चौधरी और शेख़ इब्नेब्तूता
- फैंटम 7 (डाइजेस्ट)
- मोटू पतलू 9 (डाइजेस्ट)
- पलटू और शैतान पड़ोसी
- फ़ौलादी सिंह और पाताल लोक की रानी
- ताऊजी और दैत्य का आतंक
- राजन इक़बाल और हत्यारा पत्थर
- चिम्पुं और नकाबधारी शत्रु
डायमंड कॉमिक्स ने शायद ‘शीर्षक रखो प्रतियोगिता’ का आयोजन भी किया था और जैसा आप उपर दिए गए इलस्ट्रेशन में देख भी सकते है एवं हमारे विंटेज विज्ञापन के पहले भाग के लिंक पे जाकर आप प्राण सर का एक अन्य ‘बिल्लू’ का इलस्ट्रेशन भी देख सकते है जहाँ बिल्लू कुर्सी से उछल रहा है. अब विजेता को क्या मिला ये तो तब चिन्हित किये गए विजेता द्वारा ही बताया जा सकता है लेकिन आप भी मजेदार शीर्षक कमेंट सेक्शन में पोस्ट कर सकते है, क्या पता कोई सरप्राइज आपको भी मिल जाये! इस विज्ञापन में खास बात ये रही विभिन्न अंको की जानकारी के साथ अब तक प्रकाशित ‘डाइजेस्ट’ की लिस्ट भी दी गई, जिससे आप बड़ी आसानी से मनी आर्डर या वी.पी.पी से मंगा सकते थे.
सेट डिटेल्स:
- रमन की छतरी
- दाबू और नरभक्षी पेड़
- फ़ौलादी सिंह और पृथ्वी के दुश्मन
- चाचा भतीजा और काला टापू
- अंकुर और जादू का कुआँ
- राजन इक़बाल और बूटी का रहस्य
- फैंटम 9 (डाइजेस्ट)
- मोटू पतलू 9 (डाइजेस्ट)
ये विज्ञापन वर्ष 1991 का है और इसके कवर से आप अंदाजा लगा सकते है की डायमंड कॉमिक्स कितने प्रचलन में थी, “चाचा चौधरी – 8” ये डायमंड कॉमिक्स का 100 वां बम्पर कॉमिक्स डाइजेस्ट था और 20 रूपए में आपको 160 पृष्ठ पढ़ने को मिल रहे थे, इसके साथ ही अन्य कॉमिक्स भी प्रकशित हुई थी जिनकी जानकारी नीचे है और अंकुर बाल बुक क्लब की जानकारी भी.
सेट डिटेल्स –
- चाचा चौधरी – 8 (बम्पर डाइजेस्ट)
- बिल्लू फाइव स्टार होटल में
- महाबली शाका और अनोखा अपहरण
- लम्बू मोटू और सोने का गुलदस्ता
- ताऊजी और चीनी तस्कर
- मामा भांजा और निर्धन ब्राह्मण
- अंकुर और शैतान चिड़िया
- मामा भांजा – 4 (डाइजेस्ट)
- फैंटम – 10 (डाइजेस्ट)
Naturo: मैंगो से महान! मेरी पसंदीदा और मेरे ख्याल से नब्बे के हर बच्चे की पसंद भी यही होगी, इसे हिंदी में आम पापड़ या आमसत्तू भी कहते है, उस समय के हिसाब से 2 रूपए ज्यदा थे पर इसका स्वाद बड़ा ही जबर्दस्त था, ये कोई प्रोमोटेड विज्ञापन नहीं है बस दिख गया तो सोचा आप लोगों को भी याद दिला दूँ. मिलते है इसके अगले भाग में, आभार – कॉमिक्स बाइट!
आप दिए गए लिंक पर जा कर आप कॉमिक्स खरीद सकते है. (डायमंड कॉमिक्स)
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