कॉमिक्स समीक्षा: सतयुग(स्वयंभू कॉमिक्स) – (Comics Review – Satyug- Swayambhu Comics)
अनादि अभिलाष (Anadi Abhilash) जी का ताल्लुक ‘कोयला नगरी’ धनबाद, झारखंड के एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं । हालांकि इनकी प्रारंभिक शिक्षा, हाई स्कूल और +2 की शिक्षा झारखंड के ही सिमडेगा, जमशेदपुर और रांची से हुई । राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दुर्गापुर से बी.टेक की डिग्री प्राप्त की और मुंबई में कार्यरत हैं । काॅलेज के दिनों से ही राष्ट्रीय स्तर पर नाटक, नुक्कड़ करते आए हैं और मुंबई में विहंगम थियेटर ग्रुप से जुड़े हुए हैं । स्वरदीपिका नाम से इनकी एक प्राॅडक्शन वेंचर भी कार्यशील है । बचपन के दिनों से ही काॅमिक्स में विशेष रूचि है और भारतीय काॅमिक्स इंड्रस्टी के उत्थान के लिए कुछ कर गुजरना चाहते हैं और प्रयासरत भी हैं । इनका मानना है कि अगर आप और हम मिलकर संकल्प लें तो भारतीय काॅमिक्स इंड्रस्टी बुलंदियों को छू सकती है ।
कॉमिक्स समीक्षा: सतयुग(स्वयंभू कॉमिक्स) – (Comics Review – Satyug- Swayambhu Comics)
नमस्कार दोस्तों, भारतीय काॅमिक्स जगत की इस साल की उपलब्धियों पर गौर करें तो स्वयंभू काॅमिक्स का नाम जरुर आएगा जिसने एक नए प्रकाशक के तौर पर अच्छी खासी छाप पाठकों के बीच छोड़ी थी । इन्काॅग्निटो नामक पहली काॅमिक्स काफी पसंद की गई थी । स्वयंभू काॅमिक्स की दूसरी कृति ‘सतयुग‘ भी प्रकाशित हो चुकी है जिसकी चर्चा हम आज करेंगे ।
कहानी (Story)
१५ वर्षीय युगांत कपूर अक्सर एक सपना देखता है जिसका संबंध १९९१ में हुए एक रहस्यमयी मर्डर केस से है । युग की जिंदगी अचानक से करवट लेती है जब उसका सामना होता है २० साल पहले मर चुके सत्येन्द्र सिंह से और इस तरह बनती सत्या और युग की जोड़ी – सतयुग ।
पढ़ें सतयुग कॉमिक्स की सम्पूर्ण जानकारी – सतयुग – स्वयंभू कॉमिक्स
टीम (Team)
सतयुग की कहानी श्री भूपिंदर ठाकुर और श्री सुदीप मेनन की है , चित्रांकन है सुश्री कायो पेगाडो की । रंगसज्जा है श्री संतोष पिल्लेवार की , शब्दांकन व संपादन श्री रविराज आहूजा जी की है । हिंदी अनुवाद का कार्य श्री विमल पाण्डेय ने किया है । रेगुलर के अलावा वेरियेंट कवर एडिशन भी प्रकाशित किए गए हैं । अंग्रेजी रेलुगर कवर पर काम किया है श्री दीपजोय सुब्बा और सुश्री मोरीसिओ ने, हिंदी रेगुलर कवर सुश्री कायो पेगाडो और सुश्री मोरीसियो ने बनाए हैं । अंग्रेजी वेरियेंट कवर पर काम किया है श्री थियो मुर्गन और सुश्री मोरीसियो ने, हिंदी वेरियेंट कवर सुश्री कायो पेगाडो और श्री संतोष पिल्लेवार ने बनाए हैं । अंग्रेजी वेरियेंट मांगा स्टाइल में है जो काफी आकर्षक है ।
संक्षिप्त विवरण (Details)
प्रकाशक : स्वयंभू कॉमिक्स
पेज : 32
पेपर : ग्लॉसी
मूल्य : 179/- ( रेगुलर ) , 279/- ( वेरियेंट )
कहां से खरीदें : Swayambhu Comics
निष्कर्ष (Conclusion)
स्वयंभू काॅमिक्स की पहली प्रकाशन ‘इनकाॅग्निटो’ ने जो अंतरराष्ट्रीय मापदंड स्थापित किया था वो कहीं न कहीं टूटती हुई नजर आई है । सतयुग की मूल कहानी पढ़ कर ऐसा लगता है कि ऐसी कहानी कई बार फिल्मों व टीवी शोज में देखी जा चुकी है, पहली बार श्री सुदीप मेनन जी की कहानी पढ़ कर ऐसा प्रतीत होता है कि अत्यधिक कार्यभार के कारण इनकी कहानी में नवीनता की कमी आई है । आशा है कि आने वाले अंक में प्रकाशक इस शिकायत को दूर करेंगे, भले ही अगली काॅमिक्स लाने में समय लें लेकिन कम से कम ‘इनकाॅग्निटो’ वाली मापदंड बरकरार रखे । बात अगर चित्रांकन और रंग सज्जा की करें तो इसे लेकर शिकायत नहीं और कहीं न कहीं यह कहानी की कमियों की भरपाई करता है ।
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