कॉमिक्स बाइट फैक्ट्स – राम नवमी – रामायण – अमर चित्र कथा (Comics Byte Facts – Ram Navami – Ramayan – Amar Chitra Katha)
कॉमिक्स बाइट फैक्ट्स में आज पढ़ें राम नवमी के पर्व पर रामायण का एक अद्भुद छंद (Read a marvellous Ramayana verse about the Ram Navami festival today in Comics Byte Facts)
नमस्कार दोस्तों, सबसे पहले आप सभी मित्रों को राम नवमी (Ram Navami) के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। आशा करता हूँ आप लोग कुशल-मंगल होंगे। राम नवमी को भारत में हर्षों उल्लास से मनाया जाता हैं और हर वर्ष श्री रामलला के अवतरण दिवस के उपलक्ष्य में धूम-धाम से संपूर्ण भारत इस उत्सव को मनाता हैं। प्रभु श्री राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं और उन्होंने आज से लगभग सात हजार एक सौ तेईस साल (7123 BC) पहले भारत के अयोध्या नामक नगरी में जन्म लिया था (यह जानकारी NASA द्वारा साझा की गई हैं)। हिंदू पंचांग के अनुसार यह तिथि चैत्र माह के शुक्ल पक्ष के नौवें दिन पड़ती हैं इसलिए पर्व को “राम नवमी” के नाम से भी जाना जाता हैं। श्री राम ने कोशल राज्य में राजा दशरथ और माता कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म लिया और उनके तीन भाई भी थें जिनका नाम था भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न। आगे चलकर उन्होंने अपने गुरू के आदेशानुसार माता सीता के साथ विवाह किया और संसार को ‘रावण’ जैसे पापी के अत्याचारों से मुक्त भी।
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आज का कॉमिक्स बाइट फैक्ट भी आया हैं प्रकाशक ‘अमर चित्र कथा’ की ओर से जहाँ ‘रामायण’ के रणक्षेत्र में श्री राम और रावण का युद्ध हो रहा था। रावण ने लक्ष्मण जी को अपने भाले से घायल कर दिया था और अपने रथ से मायावी प्रपंच रच रहा था। तब हनुमान जी ने प्रभु को अपने कंधें पे बैठाया और श्री राम ने रावण को बेहद ही घनघोर युद्ध में तीर मार कर घायल कर दिया। वो चाहते तो तभी उस दुष्ट को समाप्त कर सकते थें पर उन्होंने रावण की दुरावस्था को देखते हुए उसे अगले दिन फिर युद्ध का निमंत्रण दिया। यह प्रभु की महानता को दर्शाता हैं की रावण जैसे महापापी को भी वो एक दूसरा मौका दे रहें हैं और उसे दुर्बल एवं निहत्था देखकर उसपर आक्रमण नहीं कर रहें हैं। सिर्फ श्री रामचंद्र ही ऐसे धर्म का निर्वाहन कर सकते हैं और मृत्यु द्वार पर लेटे रावण को एक और मौका दे सकते जिसने उनकी सेना के साथ-साथ उनके भ्राता को भी युद्ध में चोटिल किया था।
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यह फैक्ट बड़ा ही अद्भुद हैं जिसे हम आज के खास दिवस पर साझा किए बिना नहीं रह सके, यह मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आचरण पर सटीक बैठता हैं और पाठक इसे अमर चित्र कथा के इन्स्टाग्राम हैंडल पर जाकर भी पढ़ सकते हैं।
वाल्मीकि रामायण में श्री राम के जन्म की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध हैं और ज्ञात सूत्रों से अनुसार NASA ने इन्हीं गणितीय/खगोलीय विवरण के अनुसार उपर लिखी गई तिथि सभी के साथ साझा की हैं। नीचे आपको उन्हीं श्लोकों की चौपाई देखने को मिल रही हैं।
ततो यज्ञे समाप्ते तु ऋतूनां षट् समत्ययुः |
वाल्मीकि रामायण
ततश्च द्वादशे मासे चैत्रे नावमिके तिथौ ||
नक्षत्रेऽदितिदैवत्ये स्वोच्चसंस्थेषु पंचसु |
ग्रहेषु कर्कटे लग्ने वाक्पताविंदुना सह ||
प्रोद्यमाने जगन्नाथं सर्वलोकनमस्कृतम् |
कौसल्याजनयद्रामं सर्वलक्षणसंयुतम् ||
विष्णोरर्धं महाभागं पुत्रमैक्ष्वाकुनंदनम् |
लोहिताक्षं महाबाहुं रक्तौष्ठं दुंदुभिस्वनम् ||
प्रभु श्री राम अपने सभी भक्तों पर कृपा बनाएं रखें एवं उन्हें समृद्धि प्रदान करें, बोलो “सिया वर रामचंद्र की जय, अंजनी पुत्र हनुमान की जय“। आभार – कॉमिक्स बाइट!!
Amar Chitra Katha Mythology Collection ( Set of 73 Titles )