ब्लाइंड डेथ – किंग कॉमिक्स (Blind Death – King Comics)
ब्लाइंड डेथ (Blind Death) – इसका हिंदी में भावार्थ निकालें तो मतलब निकलेगा ‘अंधी मौत’. इस नाम से राज कॉमिक्स के नायक ‘सुपर कमांडो ध्रुव’ की एक कॉमिक्स विशेषांक भी प्रकाशित हो चुकी है लेकिन यहाँ बात हो रही है उस भावार्थ की नहीं बल्कि उस नाम की जिसने ‘क्राइम स्कूल’ के ‘क्राइम स्टूडेंट्स’ के बीच खलबली मचा दी और ‘क्राइम मास्टर’ के साम्राज्य को भी तहस नहस कर दिया. जी हाँ एक ऐसा किरदार जो देख नहीं सकता, टेक्निकली वो अँधा है लेकिन अपराधियों पर उसकी आँखों के अंगारे मौत बनकर बरसते है, वो है किंग कॉमिक्स का बेमिसाल सुपरहीरो – ‘ब्लाइंड डेथ‘.
नब्बे का आधा दशक बीत चुका था, राज कॉमिक्स का खुमार अपने चरम पर था, ऐसे में ‘राजा पॉकेट बुक्स’ से प्रकाशाधीन ‘किंग कॉमिक्स’ ने कुछ नए किरदार भारतीय कॉमिक्स जगत में प्रमोचित किये जिनमें से प्रमुख थे लिजा, अभेद, वक्र, गमराज, वेगा, हंटर शार्क और ‘ब्लाइंड डेथ’. किंग कॉमिक्स के पहले सेट से ही ब्लाइंड डेथ ने अपनी गति पकड़ ली, इसकी पहली कॉमिक्स का नाम भी ‘ब्लाइंड डेथ’ ही था और उसकी संख्या क्रमांक #KC-003 थी.
ब्लाइंड डेथ का सीधे उद्गम ना दिखा के पहले उसकी भूमिका बांधी गई. एक सुनसान-बियाबान निर्माणाधीन ईमारत की छत पर एक बच्चा पतंग उड़ा रहा है, खेल खेल में वो मुंडेर तक आ जाता है और अचानक ही उसका पैर फिसल जाता है लेकिन वो नीचे नहीं गिरता, एक रस्सी उसके पैर में फंस जाती है और वो ईमारत से लटकने लगता है. ऐसे में ब्लाइंड डेथ को उसकी चीख सुनाई पड़ती है और जैसे तैसे वो उसे बचा लेता है. पहली कॉमिक्स के हिसाब से ये सही दिखाया गया क्योंकि तब वो अपने ‘रिफ्लेक्सेस’ में इतना अच्छा नहीं था, किरदार को धीमे धीमे आगे की कॉमिक्स में विकसित किया गया और उसकी आधारशिला मजबूत बनी. दूसरी ओर शहर में क्राइम स्कूल के स्टूडेंट्स ‘गैलिलो और जहाजू’ ने कोहराम मचा रखा है. ब्लाइंड डेथ प्रोफ़ेसर ‘कैलाश वर्मा’ के साथ रहता है और प्रोफ़ेसर कुछ गुंडों को भेजकर उसकी परीक्षा लेते है जिसमे वो सफलतापूर्वक उत्तीर्ण होता है. अब सामने आता है उसका असली मकसद जब प्रोफ़ेसर वर्मा ब्लाइंड डेथ को बताते है की उसे क्राइम स्कूल, उसके गुर्गो और क्राइम मास्टर का सफाया करना है. इस बीच कैलाश वर्मा ब्लाइंड डेथ को अपनी पागल बीवी से मिलाने ‘राजनगर पागलखाने’ ले जाते है और वहां का एक डॉक्टर ‘ब्रिग्रेंजा’ ‘क्राइम मास्टर’ को इसकी खबर कर देता है. हॉस्पिटल से वो ‘प्रोफ़ेसर और ब्लाइंड डेथ’ का पीछा करता है एवं ‘गैलिलो और जहाजू’ को इन दोनों का पता बता देता है, यहाँ होती है एक जबरदस्त टक्कर और प्रोफेसर देते है उसका ‘अजीत’ को उसका नया नाम यानि – ‘ब्लाइंड डेथ‘.
किंग कॉमिक्स कुछ सालों तक बाज़ार में बनी रही और ब्लाइंड डेथ की कॉमिक्स भी उसमें लगातार छपती रही. नीचे दिये गए है ब्लाइंड डेथ से जुड़े कुछ खास तथ्य एवं जानकारियां.
पब्लिकेशन: किंग कॉमिक्स (राजा पॉकेट बुक्स)
नाम: ब्लाइंड डेथ
आल्टर ईगो: ‘अजीत’
गुरु: प्रोफ़ेसर कैलाश वर्मा
कार्यक्षेत्र: राजनगर और दिल्ली
कर्म: क्राइम फाइटर
साथी: प्रोफ़ेसर,एंजिला, रागिनी एवं ब्लाइंड स्कूल के छात्र
ताकत –
- ब्लाइंड डेथ अँधा है लेकिन जन्मांध नहीं, एक एक्सीडेंट के कारण उसकी आँखों की दृष्टी चली जाती है.
- बैट सेंस – जो उसे किसी भी वस्तु को देखने की अनुभूति देता है.
- सिन्फिंग सेंस – सूंघने की क़ाबलियत जैसे कुत्तों में होती है.
- हियरिंग सेंस – आवाज सुनने की शक्ति जैसे सर्प में होती है.
- ब्लाइंड डेथ ने योग साधना द्वारा अपने ज्ञानेन्द्रियों को जागृत कर रखा है.
- ब्लाइंड स्टिक – जिससे वो अपने आस पास की चीजों को टटोल सकता है और महसूस कर सकता है.
- ब्लाइंड डेथ मार्शल आर्ट्स और अन्य शस्त्र विधाओं का ज्ञाता भी है एवं फुर्तीला भी.
क्राइम मास्टर मिस्टर हत्यारा
तथ्य –
- ब्लाइंड डेथ एक आम इंसान ही है लेकिन अपनी असाधारण इन्द्रियों को साधकर एवं सालों के प्रसिक्षण से वो कोयले से हीरा बना है.
- ब्लाइंड डेथ हमेशा से क्राइम फाइटर नहीं था, उसका एक काला अतीत भी है जिसमें वो हिंसकता का भयंकर ज्वालामुखी था.
- प्रोफ़ेसर ने अजीत को ‘अजीत’ से ‘ब्लाइंड डेथ’ बनाया है, अगर वो उसके गुरु ना होते तो अजीत कभी अपने राह को पहचान नहीं पाता और अंधे होने के कारण टूट चुका होता.
- किंग कॉमिक्स के बंद होने के बाद ‘ब्लाइंड डेथ’ अब राज कॉमिक्स का भी स्थायी किरदार बन चुका है.
- ब्लाइंड डेथ की कई 2इन1 सीरीज़ आ चुकी है जैसे तिरंगा के साथ – ‘अंधी दुनिया’ और ‘कहाँ छुपा है क़ातिल’ एवं भेड़िया के साथ ‘काला भेड़िया’ नामक कॉमिक्स.
- राज कॉमिक्स के महासंग्राम – सर्वनायक सीरीज़ में फिर से ब्लाइंड डेथ को एक्शन में देखा जा सकता है, उसका आगमन – सर्वआगमन नामक कॉमिक्स में हो चुका है.
- किंग कॉमिक्स में ब्लाइंड डेथ का एकलौता कॉमिक्स विशेषांक भी प्रकाशित हो चुका है जिसका नाम था ‘किलिंग मशीन’.
किंग कॉमिक्स
आगे के कॉमिक्स में ब्लाइंड डेथ का पूर्वसार भी बताया गया है जहाँ छुपा है उसका एक काला अतीत जिसकी जानकारी अन्य किसी पोस्ट पर दी जाएगी. ब्लाइंड डेथ के कॉमिक्स की लेखिका थी ‘नाजरा खान’ जी, चित्रकार थे श्री ‘दिलीप चौबे’ और बाद में श्री ‘धीरज वर्मा’ ने भी इसे बनाया, संपादक के तौर पर नजर आते है श्री ‘विवेक मोहन’ (कई कॉमिक्स इन्हीं के परिकल्पना से जन्मीं है). कवर्स पर भी कई चित्रकार एवं स्टूडियो ने कार्य किया है जैसे – श्री ‘लाल कृष्ण वर्मा’ ने, ‘मुल्लिक स्टूडियो’ और ‘सोमा ग्राफ़िक्स’ ने.
आर्टवर्क: धीरज वर्मा
किंग कॉमिक्स के किरदारों की वापसी बड़ी जोरदार हुई है सर्वनायक में, उम्मीद है आगे भी उन्हें दमदार पटकथा मिलें. फिर मिलेंगे किसी अन्य करैक्टर बायो के साथ, आभार – कॉमिक्स बाइट!